गुमला: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 की जिम्मेदारी से अलग रखने की मांग करने वाले कर्मचारियों के विभाग प्रमुखों को उपविकास आयुक्त ने पत्र लिखा है. चिकित्सीय कारण बताकर ड्यूटी से अलग रखने की मांग करने वाले 48 कर्मचारियों के संबंध में उपविकास आयुक्त ने उनके अधिकारियों से पूछा है कि वे नियमित काम कैसे करते हैं. साथ ही कहा कि यदि ये काम करने में सक्षम नहीं हैं तो इनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की.
दरअसल, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है. इसमें से 48 कर्मचारियों ने मेडिकल रिपोर्ट जमा कर चुनाव ड्यूटी से अलग रखने की मांग की है. प्रार्थना पत्र में इन कर्मचारियों में लिखा है कि वे चिकित्सीय कारणों से चुनाव कार्य संपन्न कराने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में वरीय पदाधिकारी, कार्मिक कोषांग सह उप विकास आयुक्त ने सिविल सर्जन, जिला शिक्षा अधीक्षक, प्रखंड विकास पदाधिकारी चैनपुर, घाघरा ,गुमला, बिशुनपुर और भरनो, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण विकास विभाग, शाखा प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा , शाखा प्रबंधक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, शाखा प्रबंधक एलआईसी, प्राचार्य आईटीआई को पत्र भेज कर पूछा है कि यदि उपर्युक्त कर्मी कार्य करने में सक्षम नहीं हैं तो विभागीय/ कार्यालयों/ विद्यालयों के कार्य का संपादन किस तरह करते हैं.

दो दिन में मांगा जवाबः उप विकास आयुक्त ने इस संदर्भ में अपना स्पष्ट मंतव्य पत्र प्राप्ति के दो दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही पत्र में कहा गया है कि यदि उपर्युक्त कर्मी कार्य करने में अक्षम हैं, तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई आपके स्तर से अब तक क्यों नहीं की गई है.