हजारीबाग: मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कार्यरत आउटसोर्सिंग स्टाफ वार्ड ब्वॉय, ड्रेसर और हेल्पर नर्स मंगलवार से अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. हड़ताल के 24 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन के ने मरीजों की सुवधा के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाये हैं.
अस्पताल में हड़ताल के पहले दिन इमरजेंसी सुविधा बहाल रखी गई, जिसमें गंभीर मरीजों का इलाज किया गया, लेकिन बुधवार से हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने इमरजेंसी सेवा भी बंद करने का मन बना लिया है.
हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि 18 जेएनएम, 18 वार्ड ब्वॉय और ड्रेसर हड़ताल में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 2016 से इस अस्पताल में सेवा दे रहे हैं, कई कंपनियों ने अस्पताल में आउटसोर्सिंग का काम लिया और सभी ने हम लोगों को ठगने का काम किया है. उन्होंने कहा कि मानदेय के नाम पर वार्ड ब्वॉय को 6 हजार, जेएनएम को 7500 और ड्रेसर को मात्र 7 हजार दिया जाता है, पिछली कंपनी ने 40 दिनों का भुगतान रोक दिया है.
इसे भी पढ़ें:- मानदेय नहीं मिलने पर हड़ताल करेंगे मेडिकल काॅलेज के आउटसोर्सिंग कर्मचारी, मरीजों को होगी परेशानी
हड़ताल में शामिल कर्मियों ने कहा कि वर्तमान में जो कंपनी काम कर रही है, वो अप्रैल 2019 से मात्र 3 हजार मासिक मानदेय दे रही है. जब पैसे की मांग की जाती है तो प्रबंधन उसपर कोई ध्यान नहीं देती है. ऐसे में हमलोग ठगे महसूस कर रहे हैं.
हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार का कहना है कि आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को कंपनी से पैसे की मांग करनी चाहिए, क्योंकि पैसे देने की जिम्मेदारी उनकी है, लेकिन किसी भी मरीज को अगर परेशानी हुई तो अस्पताल प्रबंधन हड़ताली कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी.