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रामनवमी में शक्ति प्रदर्शन की है 100 साल से भी पुरानी पंरपरा, अखाड़ों में भांजे जाते हैं ड्ंडे और तलवार

रामनवमी के अवसर पर अखाड़े में शक्ति प्रदर्शन का आयोजन किया जाता है. शक्ति प्रदर्शन का आयोजन पिछले 100 सालों से भी अधिक वर्षों से की जा रही है.

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Published : Apr 12, 2019, 10:24 PM IST

रामनवमी में शक्ति प्रदर्शन की है 100 साल से भी पुरानी पंरपरा

हजारीबागः जिले में रामनवमी का इतिहास 100 साल से भी पुराना रहा है. इन 100 सालों में कई बदलाव हुए लेकिन कुछ परंपरा आज भी कायम है. जिन्हें आज निभाया भी जा रहा है. उन्हीं परंपरा में एक है शक्ति प्रदर्शन. एक परिसर में कई अखाड़े के लोग आकर शक्ति प्रदर्शन करते है.

रामनवमी में शक्ति प्रदर्शन की है 100 साल से भी पुरानी पंरपरा

हजारीबाग के बड़ा खड़ा परिसर में शक्ति प्रदर्शन का आयोजन पिछले कई सालों से होता चला आ रहा है. जिसमें विभिन्न अखाड़े के लोग पहुंचकर अपनी कला दिखाते हैं. इनमें वैसे लोग भी होते हैं जो तलवार चलाते हैं. तो कुछ डंडे भांजने में माहिर होते हैं. वहीं, कुछ पहलवान ऐसे ही सामने आते हैं जो पहलवानी दिखाते हैं. इस बार का आयोजन भी खास है. जहां कई अखाड़ों के सदस्यों ने पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष और विभिन्न अखाड़ों के अध्यक्ष हिस्सा लेते हैं.

ये भी पढ़ें- पोलिंग बूथ ढूंढने में होने वाली परेशानी से चाहते हैं बचना, तो यह जनना है आपके लिए जरूरी

कार्यक्रम की शुरुआत देर शाम होती है. जहां कई अखाड़ों के सदस्य आकर अपनी कला प्रदर्शित करते हैं. हजारीबाग रामनवमी महासमिति के अध्यक्ष शशि भूषण ने बताया कि ये एक परंपरा है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आपसी एकता कायम रखना है.

हजारीबागः जिले में रामनवमी का इतिहास 100 साल से भी पुराना रहा है. इन 100 सालों में कई बदलाव हुए लेकिन कुछ परंपरा आज भी कायम है. जिन्हें आज निभाया भी जा रहा है. उन्हीं परंपरा में एक है शक्ति प्रदर्शन. एक परिसर में कई अखाड़े के लोग आकर शक्ति प्रदर्शन करते है.

रामनवमी में शक्ति प्रदर्शन की है 100 साल से भी पुरानी पंरपरा

हजारीबाग के बड़ा खड़ा परिसर में शक्ति प्रदर्शन का आयोजन पिछले कई सालों से होता चला आ रहा है. जिसमें विभिन्न अखाड़े के लोग पहुंचकर अपनी कला दिखाते हैं. इनमें वैसे लोग भी होते हैं जो तलवार चलाते हैं. तो कुछ डंडे भांजने में माहिर होते हैं. वहीं, कुछ पहलवान ऐसे ही सामने आते हैं जो पहलवानी दिखाते हैं. इस बार का आयोजन भी खास है. जहां कई अखाड़ों के सदस्यों ने पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष और विभिन्न अखाड़ों के अध्यक्ष हिस्सा लेते हैं.

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कार्यक्रम की शुरुआत देर शाम होती है. जहां कई अखाड़ों के सदस्य आकर अपनी कला प्रदर्शित करते हैं. हजारीबाग रामनवमी महासमिति के अध्यक्ष शशि भूषण ने बताया कि ये एक परंपरा है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आपसी एकता कायम रखना है.

Intro:हजारीबाग में रामनवमी का इतिहास 100 साल से भी पुराना रहा है ।इन 100 सालों में कई परिवर्तन हुए। कुछ परंपरा आज भी कायम है ।जिन्हें आज निभाया भी जा रहा है ।उन्हीं परंपरा में एक है शक्ति प्रदर्शन।


Body:हजारीबाग के बड़ा खड़ा परिसर में शक्ति प्रदर्शन का आयोजन पिछले कई सालों से होता चला आ रहा है ।जिसमें विभिन्न अखाड़े के लोग पहुंचकर अपने कला को दिखाते हैं ।इनमें वैसे लोग भी होते हैं जो तलवार चलाते हैं ।तो कुछ डंडा भांजने में माहिर होते हैं ।वहीं कुछ पहलवान ऐसे ही सामने आते हैं जो पलहविनी दिखाते हैं। ऐसा ही कार्यक्रम का एक बार पुनः आयोजन किया गया ।जहां विभिन्न अखाड़े के सदस्यों ने पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया ।इस कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष पूर्व अध्यक्ष एवं विभिन्न अखाड़े के अध्यक्ष हिस्सा लेते हैं और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए काम करते हैं ।

हजारीबाग में देर शाम कार्यक्रम की शुरुआत की गई ।जहां कई अखाड़ो के सदस्यों ने आकर अपनी कला प्रदर्शित की ।हजारीबाग रामनवमी महासमिति के अध्यक्ष शशि भूषण ने कहा कि एक परंपरा है और इस परंपरा को निभा रहे हैं ।इसका मुख्य उद्देश्य आपसी एकता कायम रखना है।

byte.... शशि भूषण केसरी रामनवमी महासमिति अध्यक्ष


Conclusion:कहा जाए तो हजारीबाग की रामनवमी कई मायनों में खास है ।जो आपसी एकता को प्रदर्शित करता है ।तो दूसरी ओर आदर्श पुरुषोत्तम श्रीराम के पद चिन्हों पर चलने को प्रेरित करता है।
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