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यह कपड़ा गर्मी में भी देगा कूलिंग इफेक्ट, नहीं पड़ेगी एसी-कूलर की जरूरत, जानें शोधकर्ताओं ने क्या कहा

वैज्ञानिकों ने एक ऐसे कपड़े का निर्माण किया है, जिसे आप पहन लिए तो भीषण गर्मी में भी आपको गर्मी का एहसास नहीं होगा...

Clothes that help combat rising temperatures this cloth will give cooling effect in extreme heat
यह एक कपड़ा भीषण गर्मी में देगा कूलिंग इफेक्ट (CANVA)
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : Oct 11, 2024, 4:05 PM IST

Updated : Oct 11, 2024, 4:23 PM IST

शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दुनिया भर के शहरों में इमारतों, डामर और कंक्रीट के कारण बढ़ते तापमान से निपटने के लिए शहरी निवासियों के लिए पहनने योग्य प्राकृतिक वस्त्र विकसित किए हैं. झेंग्झौ विश्वविद्यालय और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के इंजीनियरों के अनुसार, यह कपड़ा पहनने योग्य है और इसे सूरज की रोशनी को प्रतिबिंबित करने, सूरज की रोशनी को अवरुद्ध करने और गर्मी से बचने के लिए डिजाइन किया गया है.

कूलिंग इफेक्ट देने वाला कपड़ा विकसित
उन्होंने आगे कहा कि यह कपड़ा ग्लोबल क्लाइमेट चेंज और कम हरे स्थानों के कारण गर्म और अधिक असुविधाजनक तापमान से पीड़ित लाखों शहरी निवासियों को राहत देने का वादा करता है. यूएनआईएसए के विजिटिंग शोधकर्ता यांगशे होउ का कहना है कि यह कपड़ा रेडिएटिव कूलिंग के सिद्धांत का लाभ उठाता है, यह एक नेचुरल प्रोसेस जहां मटेरियल वायुमंडल में और अंततः अंतरिक्ष में गर्मी छोड़ती है.

तीन लेयर से बनाया गया है
हू कहना है कि अन्य कपड़ों के विपरीत इस कपड़े को तीन लेयर से बनाया गया है, जो कूलिंग को अनुकूलित करने के लिए डिजाइन किया गया है. पॉलीमेथिलपेंटीन फाइबर से बनी ऊपरी परत गर्मी को प्रभावी ढंग से प्रसारित करने की अनुमति देती है. चांदी के नैनोवायरों से बनी मध्य परत, कपड़े की परावर्तनशीलता को बढ़ाती है, जिससे अतिरिक्त गर्मी को शरीर तक पहुंचने से रोका जा सकता है. ऊन से बनी निचली परत, त्वचा से गर्मी को दूर कर देती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पहनने वाले गर्म शहरी वातावरण में भी ठंडे रहें.

प्रयोग में क्या हुआ जानें

प्रयोग में पाया गया कि कपड़ा लंबवत रूप से रखे जाने पर पारंपरिक कपड़ों की तुलना में 2.3 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा था, और क्षैतिज सतह कवर के रूप में उपयोग किए जाने पर आसपास के वातावरण की तुलना में 6.2 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा था. तापमान को निष्क्रिय रूप से कम करने की कपड़े की क्षमता पारंपरिक एयर कंडीशनिंग के लिए एक स्थायी विकल्प प्रदान करती है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है और गर्मी की लहरों के दौरान बिजली ग्रिड पर दबाव कम होता है.

शोधकर्ताओं का क्या कहना है जानें
झेंग्झौ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता जिंगना झांग और प्रोफेसर जियानहु लियू का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी न केवल अर्बन हीट आइलैंड की तत्काल समस्या का समाधान करेगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन को कम करने और अधिक टिकाऊ शहरी जीवन की ओर बढ़ने के व्यापक प्रयासों में भी योगदान देगी. इस टेक्नोलॉजी को निर्माण सामग्री, आउटडोर फर्निचर और शहरी नियोजन सहित कई प्रकार के ऐप्लिकेशन के लिए अपनाए जाने की उम्मीद है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि वर्तमान उत्पादन प्रक्रिया महंगी है, और कपड़े के लॉग टर्म ड्यूरेबिलिटी के लिए इसके कमर्शलिजैशन से पहले आगे के शोध और सरकारी समर्थन की आवश्यकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि उपभोक्ता इस पहनने योग्य वस्त्रों के लिए ज्यादा पेमेंट करने को तैयार हैं या नहीं, यह इसके कूलिंग इफेक्ट, ड्यूरेबिलिटी, आराम और उनकी पर्यावरण जागरूकता पर निर्भर करता है. बता दें, यह कपड़ा महत्वपूर्ण संभावनाएं भी रखता है.

सोर्स-

https://www.sciencedaily.com/releases/2024/10/241009215428.htm

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शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दुनिया भर के शहरों में इमारतों, डामर और कंक्रीट के कारण बढ़ते तापमान से निपटने के लिए शहरी निवासियों के लिए पहनने योग्य प्राकृतिक वस्त्र विकसित किए हैं. झेंग्झौ विश्वविद्यालय और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के इंजीनियरों के अनुसार, यह कपड़ा पहनने योग्य है और इसे सूरज की रोशनी को प्रतिबिंबित करने, सूरज की रोशनी को अवरुद्ध करने और गर्मी से बचने के लिए डिजाइन किया गया है.

कूलिंग इफेक्ट देने वाला कपड़ा विकसित
उन्होंने आगे कहा कि यह कपड़ा ग्लोबल क्लाइमेट चेंज और कम हरे स्थानों के कारण गर्म और अधिक असुविधाजनक तापमान से पीड़ित लाखों शहरी निवासियों को राहत देने का वादा करता है. यूएनआईएसए के विजिटिंग शोधकर्ता यांगशे होउ का कहना है कि यह कपड़ा रेडिएटिव कूलिंग के सिद्धांत का लाभ उठाता है, यह एक नेचुरल प्रोसेस जहां मटेरियल वायुमंडल में और अंततः अंतरिक्ष में गर्मी छोड़ती है.

तीन लेयर से बनाया गया है
हू कहना है कि अन्य कपड़ों के विपरीत इस कपड़े को तीन लेयर से बनाया गया है, जो कूलिंग को अनुकूलित करने के लिए डिजाइन किया गया है. पॉलीमेथिलपेंटीन फाइबर से बनी ऊपरी परत गर्मी को प्रभावी ढंग से प्रसारित करने की अनुमति देती है. चांदी के नैनोवायरों से बनी मध्य परत, कपड़े की परावर्तनशीलता को बढ़ाती है, जिससे अतिरिक्त गर्मी को शरीर तक पहुंचने से रोका जा सकता है. ऊन से बनी निचली परत, त्वचा से गर्मी को दूर कर देती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पहनने वाले गर्म शहरी वातावरण में भी ठंडे रहें.

प्रयोग में क्या हुआ जानें

प्रयोग में पाया गया कि कपड़ा लंबवत रूप से रखे जाने पर पारंपरिक कपड़ों की तुलना में 2.3 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा था, और क्षैतिज सतह कवर के रूप में उपयोग किए जाने पर आसपास के वातावरण की तुलना में 6.2 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा था. तापमान को निष्क्रिय रूप से कम करने की कपड़े की क्षमता पारंपरिक एयर कंडीशनिंग के लिए एक स्थायी विकल्प प्रदान करती है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है और गर्मी की लहरों के दौरान बिजली ग्रिड पर दबाव कम होता है.

शोधकर्ताओं का क्या कहना है जानें
झेंग्झौ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता जिंगना झांग और प्रोफेसर जियानहु लियू का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी न केवल अर्बन हीट आइलैंड की तत्काल समस्या का समाधान करेगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन को कम करने और अधिक टिकाऊ शहरी जीवन की ओर बढ़ने के व्यापक प्रयासों में भी योगदान देगी. इस टेक्नोलॉजी को निर्माण सामग्री, आउटडोर फर्निचर और शहरी नियोजन सहित कई प्रकार के ऐप्लिकेशन के लिए अपनाए जाने की उम्मीद है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि वर्तमान उत्पादन प्रक्रिया महंगी है, और कपड़े के लॉग टर्म ड्यूरेबिलिटी के लिए इसके कमर्शलिजैशन से पहले आगे के शोध और सरकारी समर्थन की आवश्यकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि उपभोक्ता इस पहनने योग्य वस्त्रों के लिए ज्यादा पेमेंट करने को तैयार हैं या नहीं, यह इसके कूलिंग इफेक्ट, ड्यूरेबिलिटी, आराम और उनकी पर्यावरण जागरूकता पर निर्भर करता है. बता दें, यह कपड़ा महत्वपूर्ण संभावनाएं भी रखता है.

सोर्स-

https://www.sciencedaily.com/releases/2024/10/241009215428.htm

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Last Updated : Oct 11, 2024, 4:23 PM IST
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