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Language Controversy in Jharkhand: कांग्रेस विधायक का विवादित बयान, कहा- जो लोग लड़ रहे हैं, उन्हें लड़ने दीजिए - झारखंड खबर

झारखंड में भाषा विवाद (Language Controversy in Jharkhand) को लेकर कई जिलों में छात्र सड़क पर हैं. सरकारी नौकरी की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं मगही, मैथिली, भोजपुरी और अंगिका भाषा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर जहां भाजपा आंदोलन के मूड में है तो अब सरकार के अंदर ही कांग्रेस के अलग-अलग जनप्रतिनिधि और नेताओं के भी अपनी अपनी राय है.

Language controversy in Jharkhand
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Published : Feb 4, 2022, 10:00 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 10:48 PM IST

हजारीबाग: झारखंड में भाषा विवाद (Language Controversy in Jharkhand) गहराता जा रहा है. खासकर छात्रों में इसे लेकर बेहद उबाल है. वैसे क्षेत्र जहां मगही, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका भाषा के अधिक छात्र हैं उनका सरकार के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है. झारखंड में भाषा विवाद पर सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह समस्या भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल से बनी हुई है. हमारी सरकार इस समस्या का समाधान कर रही है. क्योंकि अगर देखा जाए तो झारखंड में जितनी भी परीक्षा हो रही है, कुछ समय के बाद वह कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच जाती है. ऐसे में इस समस्या का समाधान करने के लिए ही हम लोग कोशिश कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड में भाषा विवाद: मगही, भोजपुरी, अंगिका, मैथिली को लेकर सत्तारूढ़ दलों में मतभेद, विपक्ष भी है हमलावर


दूसरी ओर बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद जो इन दिनों छात्रों के हित को लेकर लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं. उन्होंने सरकार से मांग भी की है कि जल्द से जल्द सरकार नियोजन नीति लाए, जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिले. इस बाबत उन्होंने कई मंत्रियों से मुलाकात कर समस्या का समाधान करने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में भाषा विवाद को लेकर कमेटी का गठन हुआ है. बहुत जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा.

मंत्री और विधायकों के बयान
वहीं, विधायक उमाशंकर अकेला ने एक बार फिर विवादित बयान दिया और कहा कि जो लोग लड़ रहे हैं, उन्हें लड़ने दीजिए. जिन्हें खोरठा नहीं आती वे मगही कहेंगे. भाषा विवाद कह कर हम लोगों को कमजोर किया जा रहा है. भाषा विवाद को लेकर हर एक जनप्रतिनिधि का अपना अपना बयान सामने आ रहा है.

हजारीबाग: झारखंड में भाषा विवाद (Language Controversy in Jharkhand) गहराता जा रहा है. खासकर छात्रों में इसे लेकर बेहद उबाल है. वैसे क्षेत्र जहां मगही, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका भाषा के अधिक छात्र हैं उनका सरकार के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है. झारखंड में भाषा विवाद पर सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह समस्या भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल से बनी हुई है. हमारी सरकार इस समस्या का समाधान कर रही है. क्योंकि अगर देखा जाए तो झारखंड में जितनी भी परीक्षा हो रही है, कुछ समय के बाद वह कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच जाती है. ऐसे में इस समस्या का समाधान करने के लिए ही हम लोग कोशिश कर रहे हैं.

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दूसरी ओर बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद जो इन दिनों छात्रों के हित को लेकर लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं. उन्होंने सरकार से मांग भी की है कि जल्द से जल्द सरकार नियोजन नीति लाए, जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिले. इस बाबत उन्होंने कई मंत्रियों से मुलाकात कर समस्या का समाधान करने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में भाषा विवाद को लेकर कमेटी का गठन हुआ है. बहुत जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा.

मंत्री और विधायकों के बयान
वहीं, विधायक उमाशंकर अकेला ने एक बार फिर विवादित बयान दिया और कहा कि जो लोग लड़ रहे हैं, उन्हें लड़ने दीजिए. जिन्हें खोरठा नहीं आती वे मगही कहेंगे. भाषा विवाद कह कर हम लोगों को कमजोर किया जा रहा है. भाषा विवाद को लेकर हर एक जनप्रतिनिधि का अपना अपना बयान सामने आ रहा है.
Last Updated : Feb 4, 2022, 10:48 PM IST
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