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हजारीबागः ओएनजीसी इंजीनियर ने अपने गांव को बनाया 'स्मार्ट विलेज', 30 घरों में पहुंचाया स्वच्छ पानी - हजारीबाग का दैहर गांव सुर्खियों में

हजारीबाग के दैहर में रहने वाला अमितेश ओएनजीसी में इंजीनियर है. लॉकडाउन के दौरान वह अपने घर पहुंचे और गांव को स्मार्ट विलेज बनाने का ठान लिया. उन्होंने अपनी कंपनी की सहायता से अब तक 30 घरों में स्वच्छ पानी पहुंचाया है. इसके बाद गांव को बिजली, स्ट्रीट लाइट, स्कूल, वाई फाई सहित अन्य सुविधाओं से लैस करने का फैसला किया है.

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दैहर गांव बनेगा स्मार्ट विलेज
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Published : Aug 20, 2020, 11:48 PM IST

हजारीबाग: जिले में के चौपारण का एक इंजीनियर बेटा लॉकडाउन में अपने घर दैहर लौटा, तो खाली समय का उपयोग करने के लिए अपने गांव की सूरत बदल डालने की ठान ली. उन्होंने गांव में स्वच्छ पानी पहुंचाने का काम शुरू किया है. अब तक 30 घरों को इंजीनियर अमितेश कुमार ने स्वच्छ पानी पहुंचाया है. उनका 200 घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. उसके बाद गांव को स्मार्ट बनाने के सभी व्यवस्थाओं से लैस किया जाएगा.

देखें स्पेशल स्टोरी

अमितेश कुमार ओएनजीसी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने अपने गांव को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए रूप रेखा तैयार कर अपनी ही कम्पनी को प्रस्ताव भेजा, कंपनी अमितेश की मदद को तैयार हो गई, जिसके बाद अमितेश ने पहले चरण में काम करते हुए 200 घरों में स्वच्छ पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा. उन्होंने अब तक 30 घरों तक पानी पहुंचा दिया है.

200 घरों में पानी पहुंचाने के बाद गांव में बिजली, स्ट्रीट लाइट, स्कूल, वाई फाई सहित अन्य सुविधाओं से लैस किया जाएगा. इस योजना में ओएनजीसी फाउंडेशन के अलावा कैब, ओला फाउंडेशन, टाटा पावर और सीएसआर फंड कंपनी भी अमितेश की सहायता कर रहे हैं. इंजीनियर अमितेश कुमार ने पूरी योजना का नाम ग्रीन फील्ड स्मार्ट विलेज दिया है. अपने गांव को स्मार्ट विलेज बनाने के पहले चरण में गांव के 200 से अधिक घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाने के उद्देश्य से पाइप लाइन बिछा दी गई है.

इसे भी पढ़ें:- हजारीबाग: मास्क की शोभा बढ़ाएंगे कोहबर और सोहराय, प्राचीन कला को बढ़ावा देने में जुटे युवा


अमितेश बेहद साधारण परिवेश में पले-बढ़े हैं. उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से सफलता की बड़ी लकीरें खींची है. वह गांव के ही एक किसान परिवार से जुड़े हैं. अमितेश के इस पहल से एक ओर गांव वालों में जहां खुशी की लहर है, तो वहीं विद्यार्थियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और बच्चे भी बेहद खुश हैं.

हजारीबाग: जिले में के चौपारण का एक इंजीनियर बेटा लॉकडाउन में अपने घर दैहर लौटा, तो खाली समय का उपयोग करने के लिए अपने गांव की सूरत बदल डालने की ठान ली. उन्होंने गांव में स्वच्छ पानी पहुंचाने का काम शुरू किया है. अब तक 30 घरों को इंजीनियर अमितेश कुमार ने स्वच्छ पानी पहुंचाया है. उनका 200 घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. उसके बाद गांव को स्मार्ट बनाने के सभी व्यवस्थाओं से लैस किया जाएगा.

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अमितेश कुमार ओएनजीसी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने अपने गांव को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए रूप रेखा तैयार कर अपनी ही कम्पनी को प्रस्ताव भेजा, कंपनी अमितेश की मदद को तैयार हो गई, जिसके बाद अमितेश ने पहले चरण में काम करते हुए 200 घरों में स्वच्छ पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा. उन्होंने अब तक 30 घरों तक पानी पहुंचा दिया है.

200 घरों में पानी पहुंचाने के बाद गांव में बिजली, स्ट्रीट लाइट, स्कूल, वाई फाई सहित अन्य सुविधाओं से लैस किया जाएगा. इस योजना में ओएनजीसी फाउंडेशन के अलावा कैब, ओला फाउंडेशन, टाटा पावर और सीएसआर फंड कंपनी भी अमितेश की सहायता कर रहे हैं. इंजीनियर अमितेश कुमार ने पूरी योजना का नाम ग्रीन फील्ड स्मार्ट विलेज दिया है. अपने गांव को स्मार्ट विलेज बनाने के पहले चरण में गांव के 200 से अधिक घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाने के उद्देश्य से पाइप लाइन बिछा दी गई है.

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अमितेश बेहद साधारण परिवेश में पले-बढ़े हैं. उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से सफलता की बड़ी लकीरें खींची है. वह गांव के ही एक किसान परिवार से जुड़े हैं. अमितेश के इस पहल से एक ओर गांव वालों में जहां खुशी की लहर है, तो वहीं विद्यार्थियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और बच्चे भी बेहद खुश हैं.

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