हजारीबागः जिले के बानादाग कोल साइडिंग एक बार फिर सुर्खियों में है. पिछले दिनों अपनी मांगों को लेकर रैयतों ने आंदोलन शुरू किया. इस दौरान काफी बवाल मचा था. स्थिति यह हुई थी कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. इसके साथ जिला प्रशासन के साथ वार्ता हुई, जिसमें 14 सूत्री मांगों को स्वीकार किया गया. इसमें प्रदूषण महत्वपूर्ण था. लेकिन मांग पूरा नहीं होते देख फिर रैयतों ने गोलबंद होना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि शीघ्र मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन होगा. इस चेतावनी के बाद एनटीपीसी प्रबंधन ने प्रदूषण की रोकथाम को लेकर व्यापक इंतजाम शुरू किया है.
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ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में एनटीपीसी के अपर महाप्रबंधक अमित कुमार अस्थाना ने बताया कि प्रदूषण की रोकथाम को लेकर कई कदम उठाए गए हैं. देश का सबसे महंगा यंत्र लगाया गया है. जिससे 24 घंटे और सातों दिन पानी का छिड़काव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े बाउंड्री बनाकर कोल साइडिंग क्षेत्र की घेराबंदी की जा रही है, ताकि कोयले का डस्ट बाहर नहीं जा सके.
पर्यावरण से नहीं होगा खिलवाड़
एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक एमवीआर रेड्डी ने बताया कि पर्यावरण के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पौधारोपण पर विशेष जोर दिया जा रहा है. अब तक पूरे इलाके में डेढ़ लाख से ज्यादा पौधरोपण किया गया है. उन्होंने कहा कि कन्वेयर बेल्ट के समीप से कोयला लदा ट्रक गुजरता है. इससे वहां लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
प्रदूषण एक बड़ी समस्या
बड़कागांव और बानादाग कोल साइडिंग के आसपास प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. आलम यह है कि फसल भी खराब हो रही है. अब देखना यह होगा कि एनटीपीसी की ओर से किए उपाय कितना कारगर साबित होगा. यह तो भविष्य में ही पता चलेगा. लेकिन आने वाले समय में रैयतो के साथ हुए समझौता पूरा नहीं किया गया, तो फिर से बड़ा आंदोलन हो सकता है.