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एनटीपीसी के कोल डम्प में लगी आग, 2000 टन कोयला जलकर खाक, अबतक नहीं पाया गया आग पर काबू - ईटीवी झारखंड न्यूज

हजारीबाग में एनटीपीसी कोल माइन्स पकरी बरवाडीह कोल खदान के पास कोल डम्प में 1.5 लाख टन कोयला में आग लग गई. कोयले में आग लगने का कारण तापमान का अचानक बढ़ना को बताया जा रहा है. आग लगने से लगभग 10 से 15 लाख रूपये का कोयला जलने का अनुमान लगाया गया है.

कोल डम्प में लगी आग
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Published : Jun 29, 2019, 1:13 PM IST

हजारीबाग: जिले के एनटीपीसी कोल माइन्स पकरी बरवाडीह कोल खदान के पास कोल डम्प में 1.5 लाख टन कोयला में आग लग गई. यह आग लगभग एक सप्ताह से लगी हुई है. यहां पर कोयला मां अंबे कंपनी के द्वारा डंप किया जाता है.

देखें पूरी खबर

कोयले में आग लगने का कारण तापमान का अचानक बढ़ना को बताया जा रहा है. एनटीपीसी के माइनिंग इंजीनियर का कहना है कि यह एक प्राकृतिक घटना है. जब तापमान अधिक होती है और पहली बारिश होती है उस वक्त इस तरह की घटना घटती है. उन्होंने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि लगभग 2000 टन कोयला में आग लगी है, जिसे क्रमबद्ध तरीके से बूझाया जा रहा है.

आग लगने के कारण वहां पर जो कोयला ठीक है उसे ट्रांसपोर्ट के जरिए थर्मल पावर स्टेशन भेजा जा रहा है. माइनिंग इंजीनियर ने कहा कि आग पर काबू पाने के लिए कई तरह के यंत्र लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि अगले तीन दिनों के अंदर आग पर काबू पा लिया जाएगा. आग लगने से लगभग 10 से 15 लाख रूपये का कोयला जलने का अनुमान लगाया गया है.

हजारीबाग: जिले के एनटीपीसी कोल माइन्स पकरी बरवाडीह कोल खदान के पास कोल डम्प में 1.5 लाख टन कोयला में आग लग गई. यह आग लगभग एक सप्ताह से लगी हुई है. यहां पर कोयला मां अंबे कंपनी के द्वारा डंप किया जाता है.

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कोयले में आग लगने का कारण तापमान का अचानक बढ़ना को बताया जा रहा है. एनटीपीसी के माइनिंग इंजीनियर का कहना है कि यह एक प्राकृतिक घटना है. जब तापमान अधिक होती है और पहली बारिश होती है उस वक्त इस तरह की घटना घटती है. उन्होंने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि लगभग 2000 टन कोयला में आग लगी है, जिसे क्रमबद्ध तरीके से बूझाया जा रहा है.

आग लगने के कारण वहां पर जो कोयला ठीक है उसे ट्रांसपोर्ट के जरिए थर्मल पावर स्टेशन भेजा जा रहा है. माइनिंग इंजीनियर ने कहा कि आग पर काबू पाने के लिए कई तरह के यंत्र लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि अगले तीन दिनों के अंदर आग पर काबू पा लिया जाएगा. आग लगने से लगभग 10 से 15 लाख रूपये का कोयला जलने का अनुमान लगाया गया है.

Intro:हजारीबाग के एनटीपीसी कोल माइन्स पकरी बरवाडीह कोल खदान बरवाडी स्थित ईस्ट क्वारी स्थल के पास लगभग 1.5 लाख टन कोयला में आग लग गई है।


Body:अनुमानः 1 सप्ताह से आग लगी हुई है ।कोयला मां अंबे कंपनी के द्वारा डंप किया जाता है। आग लगने का कारण आसपास का तापमान अचानक बढ़ने से हुआ है। एनटीपीसी में सेवा दे रहे माइनिंग इंजीनियर का कहना है कि यह एक प्राकृतिक घटना है ।जब तापमान अधिक होती है और पहली बारिश होती है उस वक्त इस तरह की घटना घटती है। उन्होंने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। लगभग 2000 टन कोयला में आग लगी है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से बूझाया जा रहा है । जो कोयला ठीक है उसे ट्रांसपोर्ट के जरिए थर्मल पावर स्टेशन भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बाबत लगभग 5 मशीन 3 पानी से आग पर काबू पाने वाले यंत्र लगाए गए हैं ।संभवत 3 दिन के अंदर आग पूर्ण रूप से काबू में आ जाएगा। आग लगने के कारण लगभग 10 से 15 लाख रूपये की कोयला जलने का अनुमान लगाया जा सकता है। जेसीबी, डंपर, पानी टैंकर से छिड़काव ,बालू, से कोयले में आग पर काबू का प्रयास किया जा रहा है ।बहुत हद तक कामयाबी मिल चुकी है।



Conclusion:जिस तरह से कोल डंप में आग लगी है इससे क्षेत्र में तापमान में भी वृद्धि हुई है और दूर से ही धुए का अंगार देखने को मिल सकता है। ऐसे में एनटीपीसी के अधिकारी कोशिश कर रहे हैं कि आग पर जल्द से जल्द काबू मिल सके। जिस क्षेत्र में आग लगी है वहां एनटीपीसी के बड़े अधिकारी भी तैनात हैं ।लेकिन किसी ने भी घटना पर टिप्पणी नहीं किया है। बहरहाल यह जरूरी है कि एनटीपीसी भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसको लेकर सजग रहे।
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