हजारीबागः जिले के जरबा पंचायत (Jarba Panchayat) के दासोखाप गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) बनने और उसका उद्घाटन हो जाने के 6 महीने बाद भी डॉक्टर नहीं बैठ रहे. जिसके कारण यहां के ग्रामीण खुद को छला महसूस कर रहे हैं. जरबा गांव झारखंड में भी अपना विशेष स्थान रखता है. क्योंकि हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा (MP Jayant Sinha) ने इस गांव को गोद लिया है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सांसद की उदासीनता इस गांव में देखने को मिलती है. हालांकि ईटीवी भारत (ETV Bharat) के खबर दिखाने के बाद हजारीबाग के सिविल सर्जन ने संज्ञान लेते हुए आश्वस्त किया है कि अब झारखंड स्वास्थ्य विभाग (Jharkhand Health Department) को चिट्ठी लिखेंगे, ताकि इस अस्पताल को शुरू किया जा सके.
इसे भी पढ़ें- सांसद जयंत सिन्हा का आदर्श गांव बदहाल, अस्पताल भवन तो है, लेकिन डॉक्टर नहीं
सीएम ने किया था ऑनलाइन उद्घाटन
हजारीबाग समेत पूरे राज्य में कई भवन हैं जो उद्घाटन की आस में खंडहर में तब्दील हो रहे हैं. इधर हजारीबाग के जरबा पंचायत (Jarba Panchayat) के दासोखाप गांव में करोड़ों रुपये की लागत से आधुनिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) बनाया गया है, 6 महीने पूर्व ही इसका उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री ऑनलाइन कर चुके हैं. लेकिन समय बीत जाने के बाद भी अस्पताल में चिकित्सक की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. इससे यहां मरीजों का इलाज नहीं शुरू हो सका है. ऐसे में यहां के ग्रामीण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.
सिविल सर्जन बोले-हमको तो पता ही नहीं
इस खबर को ईटीवी भारत (ETV Bharat) में दिखाने के बाद सिविल सर्जन डॉ संजय जायसवाल ने संज्ञान लेते हुए आश्वस्त किया कि स्वास्थ्य विभाग को चिट्ठी लिखेंगे. उनका कहना है कि इसकी जानकारी पहले नहीं थी. वर्ना डॉक्टर और नर्स भी अप्वॉइंट किए जाते. लेकिन ऐसी बात नहीं हुई है. दूसरा वहां सुरक्षा का भी इंतजाम करना होगा. इस बाबत झारखंड स्वास्थ्य विभाग (Jharkhand Health Department) से निर्देश मांगने के लिए अब पत्राचार करेंगे. ताकि गांवों के लोगों को लाभ मिल सके.
कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) के बाद अस्पताल को दुरुस्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई कदम उठा रहीं हैं. अगर अस्पताल शुरू हो जाता तो तीन पंचायत के ग्रामीणों को लाभ मिलता. संक्रमण के दौरान कई लोगों की संदिग्ध अवस्था में मौत गांव में हो चुकी है.