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एनजीटी का बड़ा फैसला, 3 महीने के अंदर शुरू करें कन्वेयर बेल्ट

हजारीबाग बानादाग कोल स्लाइडिंग को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बड़ा फैसला दिया है. ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि 3 महीने के अंदर कोयला ढुलाई कन्वेयर बेल्ट से शुरू की जाए. अन्यथा कार्रवाई करने का आदेश दिया जाएगा.

NGT order for coal transportation in hazaribag
हजारीबाग में कोयला परिवहन
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Published : Jan 11, 2021, 12:50 PM IST

हजारीबागः जिले के समाजसेवी और ग्रामीणों की ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में बानादाग कोल स्लाइडिंग में प्रदूषण के कारण जनजीवन, खेती और पानी के प्रभावित होने को लेकर याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका पर सुनवाई की गयी और सुनवाई के बाद एनजीटी ने बड़ा फैसला देते हुए एनटीपीसी को कन्वेयर बेल्ट से कोयला ढुलाई करने का आदेश दिया है. एनजीटी का कहना है कि 3 महीने के अंदर कन्वेयर बेल्ट शुरू किया जाए नहीं तो कार्रवाई करने का भी आदेश दिया जा सकता है.

एनजीटी का बड़ा फैसला

ये भी पढ़ें-Rx 100 से जेएससीए स्टेडियम पहुंचे माही, स्टेडियम में किया व्यायाम

हजारीबाग के समाजसेवी और स्थानीय ग्रामीणों ने 2006 से लेकर 2019 तक अपनी मांगों को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी किया लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. इस बाबत एनजीटी में याचिका दायर की गयी थी. याचिका दायर करने के बाद एनजीटी की टीम ने कोल स्लाइडिंग में आकर जांच भी किया था. उस वक्त जिला प्रशासन और एनटीपीसी के भी पदाधिकारी उपस्थित थे. एनजीटी को एनटीपीसी और जिला प्रशासन ने कई दलील भी दिए थे. इस मामले की सुनवाई चल रही थी. सुनवाई के दौरान फैसला एनजीटी ने दिया है. आदेश आने के बाद याचिकाकर्ता ने एनजीटी को धन्यवाद दिया है.

दरअसल, हजारीबाग के बड़कागांव में कोल उत्खनन हो रहा है. उत्खनन करने के बाद कोयला हजारीबाग के बानादाग कोल स्लाइडिंग लाया जाता है. यहां से एनटीपीसी कई जगह पर कोयला रैक के जरिए भेजती है. वहीं, कोयला ढोने के दौरान प्रदूषण इस तरह प्रभावित हुआ है कि वहां के पेड़ पौधे, खेती भी पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं. यहां तक की पानी भी काला हो गया है जिसके कारण ग्रामीण का जनजीवन प्रभावित हुआ है.

हजारीबागः जिले के समाजसेवी और ग्रामीणों की ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में बानादाग कोल स्लाइडिंग में प्रदूषण के कारण जनजीवन, खेती और पानी के प्रभावित होने को लेकर याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका पर सुनवाई की गयी और सुनवाई के बाद एनजीटी ने बड़ा फैसला देते हुए एनटीपीसी को कन्वेयर बेल्ट से कोयला ढुलाई करने का आदेश दिया है. एनजीटी का कहना है कि 3 महीने के अंदर कन्वेयर बेल्ट शुरू किया जाए नहीं तो कार्रवाई करने का भी आदेश दिया जा सकता है.

एनजीटी का बड़ा फैसला

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हजारीबाग के समाजसेवी और स्थानीय ग्रामीणों ने 2006 से लेकर 2019 तक अपनी मांगों को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी किया लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. इस बाबत एनजीटी में याचिका दायर की गयी थी. याचिका दायर करने के बाद एनजीटी की टीम ने कोल स्लाइडिंग में आकर जांच भी किया था. उस वक्त जिला प्रशासन और एनटीपीसी के भी पदाधिकारी उपस्थित थे. एनजीटी को एनटीपीसी और जिला प्रशासन ने कई दलील भी दिए थे. इस मामले की सुनवाई चल रही थी. सुनवाई के दौरान फैसला एनजीटी ने दिया है. आदेश आने के बाद याचिकाकर्ता ने एनजीटी को धन्यवाद दिया है.

दरअसल, हजारीबाग के बड़कागांव में कोल उत्खनन हो रहा है. उत्खनन करने के बाद कोयला हजारीबाग के बानादाग कोल स्लाइडिंग लाया जाता है. यहां से एनटीपीसी कई जगह पर कोयला रैक के जरिए भेजती है. वहीं, कोयला ढोने के दौरान प्रदूषण इस तरह प्रभावित हुआ है कि वहां के पेड़ पौधे, खेती भी पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं. यहां तक की पानी भी काला हो गया है जिसके कारण ग्रामीण का जनजीवन प्रभावित हुआ है.

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