हजारीबाग: धोबिया तालाब और झिझरिया पुल जमीन अतिक्रमण मामले में एनजीटी निर्माण पर रोक के बाद गुरुवार को उपायुक्त के साथ-साथ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पॉल्यूशन बोर्ड के कई सदस्य पहुंचे. इस दौरान धोबिया घाट और झंझरिया पुल मोहल्ला के नाला के अतिक्रमण को लेकर जांच की. दरअसल, हजारीबाग की रहने वाली सविता कुमारी ने एनजीटी में शिकायत दर्ज की थी कि शहर के मुख्य तालाब में अतिक्रमण किया गया है और नाले का अतिक्रमण कर लिया गया है.
क्या है शिकायत
दरअसल, हजारीबाग की रहने वाली सविता देवी ने एनजीटी में केस किया था. उन्होंने शिकायत की थी कि शहर के धोबिया तलाब और झंझरिया पुल में अतिक्रमण किया गया है. कई गैर कानूनी भवन बनकर तैयार हो गए हैं. इस बात को लेकर कोलकाता बेंच में शिकायत दर्ज की गई थी. टीम भी गठित की गई और जांच किया का आदेश भी दिया गया. वहीं निगम ने इस बाबत पार्टी भी बनायी.
इस बात को लेकर विगत 2016 से महिला लड़ाई लड़ रही है. आज गुरुवार को कई वरीय पदाधिकारी प्रदूषण बोर्ड, एनजीटी टीम और जिला प्रशासन के पदाधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण किया. इसकी रिपोर्ट अब ट्रिब्यूनल को दी जाएगी. शिकायतकर्ता महिला ने यह भी बताया है कि यहां कई हॉस्टल, फ्लैट और घरों के शौचालय के पाइप भी तालाब में डाल दिए गए हैं, जिससे तालाब भी दूषित हो रहा है.
क्या है उपायुक्त का कहना
मामले के बारे में उपायुक्त ने कहा कि ट्रिब्यूनल ने जांच की है और प्रशासन ने भी स्थल का निरीक्षण किया है. अगर चूक नजर आ रही है तो कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं पिछले साल जमीन का क्षेत्र नापा गया था, लेकिन अब तक रिपोर्ट न देने को लेकर उस पर कार्रवाई करने की भी बात उपायुक्त से की गई है.
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हजारीबाग में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां अतिक्रमण किया गया है. इस प्रकार से एनजीटी और प्रदूषण बोर्ड के पदाधिकारियों ने हजारीबाग में आकर स्थल निरीक्षण किया है. इससे भू-माफियाओं में भी दहशत है. वहीं शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि नाले का गहरीकरण किया जाए और चौड़ा स्लैब लगाया जाए और उसमें फुटपाथ दुकानदारों को बसाया जाए. साथ ही साथ वेस्ट वाटर को रिसाइकल किया जाए, ताकि उसका उपयोग सिंचाई में हो सके.