हजारीबाग: जिले के बड़कागांव और केरेडारी के हड़ताली मनरेगाकर्मियों ने विधायक अंबा प्रसाद से उनके आवास पर मुलाकात की और 5 सूत्री मांग पत्र सौंपा. मांग पत्र में सभी मनरेगा कर्मियों का स्थायीकरण, 25 लाख का जीवन बीमा, 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा, मृत मनरेगाकर्मियों के परिवारों को 25 लाख का मुआवजा और उसके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी, मनरेगा कर्मियों को सीधे बर्खास्त करने के बजाय उन पर सरकारी कर्मचारी की तरह विभागीय कार्रवाई करने, मनरेगा कर्मियों को सीमित उप समाहर्ता परीक्षा में बैठने का अवसर देने के आलवा कई मांग भी की.
मनरेगाकर्मियों ने सेवा काल की अवधि के बराबर छूट और रिक्त पदों पर 50% आरक्षण सुनिश्चित करने, बिहार की तर्ज पर मनरेगा को स्वतंत्र इकाई घोषित करते हुए कर्मियों को उनके क्रियान्वयन की संपूर्ण जिम्मेदारी करने की मांग की है. मनरेगा कर्मियों ने विधायक अंबा प्रसाद से कहा कि सभी मांगों को सरकार तक पहुंचाते हुए समाधान कराने का प्रयास किया जाए. मनरेगा कर्मियों ने 22 जून से काला बिल्ला लगाकर और 29 जून 2020 से तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर जाकर मांगों को लेकर लगातार आक्रोश व्यक्त किया है. इन लोगों 10 सालों से लगातार धरना, प्रदर्शन, आवास घेराव, सांकेतिक हड़ताल, अनिश्चितकालीन हड़ताल और आमरण अनशन पर सरकार को अपनी मांगों से अवगत कराया है.
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आवेदन में कहा गया है कि 2 जुलाई को ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री से वार्ता के दौरान पांच सूत्री मांग रखी गई थी, जिसमें 15 दिनों का समय देते हुए सरकार ने समाधान करने का आश्वासन दिया गया था, जो अब तक पूरा नहीं किया गया है. अपनी मांगों को लेकर मनरेगाकर्मियों ने 20 अगस्त को सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है. विधायक से मुलाकात के दौरान बड़कागांव के बीपीओ अरुण कुमार पासवान और केरेडारी के बीपीओ सुमन कुमार के अलावा कई मनरेगाकर्मी शामिल थे.