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विधानसभा चुनाव 2019: बरही सीट से विधायक मनोज कुमार यादव का रिपोर्ट कार्ड

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. इस बार के झारखंड महासमर में किसकी सरकार बनेगी, यह जानने के लिए हम जनता के बीच पहुंचे. आइए जानते हैं हजारीबाग के बरही सीट से विधायक मनोज कुमार यादव के बारे में लोग क्या सोचते हैं. जनता की कसौटी पर आखिर वो पास हैं या फेल.

विधायक मनोज कुमार यादव
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Published : Nov 16, 2019, 8:13 PM IST

हजारीबागः जिले का बरही विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अधिक सुर्खियों में रहा है. इस सीट से जिसने सबसे अधिक बार बीजेपी को पटखनी दी है, उसी के कंधे पर इस बार भगवा लहराने की चुनौती है. कांग्रेस के दिग्गज नेता मनोज यादव को इस बार बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले 2 दशक में उनका बरही की राजनीति में दबदबा रहा है. मनोज यादव के कंधे पर कांग्रेस की साख भी इस क्षेत्र पर बनी थी, लेकिन इस बार मनोज यादव कांग्रेस के बजाय बीजेपी के लिए चुनावी दंगल में हैं.

विधायक मनोज कुमार यादव का रिपोर्ट कार्ड

क्या कहते हैं विधायक
विधायक के 5 सालों का कार्यकाल कैसा रहा यह अहम सवाल है. इन 5 सालों के कार्यकाल का लेखा-जोखा खुद मनोज कुमार यादव ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. मनोज कुमार यादव का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कई योजनाओं को धरातल पर उतारा है. खासकर सड़क का जाल अपने क्षेत्र में बिछाया है. इसके साथ-साथ सिंचाई पर जोर दिया गया है. उनका यह भी कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में भी भरपूर काम किया गया है. कई स्कूल कॉलेजों की नींव रखी गई है. उनका यह भी मानना है कि बुनियादी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए काम किए गए हैं. बरही को आर्थिक राजधानी के रूप में भी विकसित करने के लिए काम किया गया है.

ये भी पढ़ें-रांची: खादी ग्रामोद्योग आयोग में 2 करोड़ रुपये का घोटाला! CBI ने दर्ज की एफआईआर

उनका यह भी मानना है कि अपने पुराने कार्यकाल में उन्होंने दो समस्याओं का निराकरण नहीं किया है. जिसमें पेयजल और नगर निकाय का दर्जा दिलाना. वे कहते हैं कि इस बार अगर वह विधायक बनते हैं तो तो इन दो मुद्दों पर प्राथमिकता से काम किया जाएगा. उनका यह भी कहना है कि पेयजल इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है, हर घर में पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचाना प्रमुखता रहेगी.

विपक्ष ने नकारा

प्रमुख विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने उनके कार्यकाल पर सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में कोई भी ऐसा उल्लेखनीय काम नहीं किया है जिसका जिक्र किया जाए.

ये भी पढ़ें-झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: लोहरदगा विधानसभा सीट पर महामुकाबला, दांव पर भाजपा-आजसू और कांग्रेस की प्रतिष्ठा

जनता की प्रतिक्रिया

दूसरी ओर बरही की जनता का मानना है कि इस क्षेत्र में समुचित विकास नहीं हो सका है. कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां विकास होना है. जिसमें रोजगार, शिक्षा, कृषि, पेयजल प्रमुख है. इसके साथ ही साथ इस क्षेत्र में स्वच्छता पर भी ध्यान नहीं दिया गया. विधायक ने अपने पुराने कार्यकाल में जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ. वहीं, कुछ ऐसे भी वोटर हैं जिनका मानना है कि विधायक ने बढ़-चढ़ कर अपने क्षेत्र में काम किया है. जिसमें सड़क गली-गली बिजली व्यवस्था शिक्षा का क्षेत्र शामिल है. अब उन्हें उम्मीद है कि अगर यहां की जनता उन्हें दोबारा वोट देकर चुनती है तो वह क्षेत्र का विकास अवश्य करेंगे.

बहराल बरही विधायक मनोज यादव को लेकर यहां के वोटरों की मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कुछ का मानना है कि उन्होंने बेहतर काम किया है, वहीं, कुछ ने उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़ा किए हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि विधानसभा चुनाव 2019 में उनको यहां की जनता से कितना सहयोग मिलता है.

हजारीबागः जिले का बरही विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अधिक सुर्खियों में रहा है. इस सीट से जिसने सबसे अधिक बार बीजेपी को पटखनी दी है, उसी के कंधे पर इस बार भगवा लहराने की चुनौती है. कांग्रेस के दिग्गज नेता मनोज यादव को इस बार बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले 2 दशक में उनका बरही की राजनीति में दबदबा रहा है. मनोज यादव के कंधे पर कांग्रेस की साख भी इस क्षेत्र पर बनी थी, लेकिन इस बार मनोज यादव कांग्रेस के बजाय बीजेपी के लिए चुनावी दंगल में हैं.

विधायक मनोज कुमार यादव का रिपोर्ट कार्ड

क्या कहते हैं विधायक
विधायक के 5 सालों का कार्यकाल कैसा रहा यह अहम सवाल है. इन 5 सालों के कार्यकाल का लेखा-जोखा खुद मनोज कुमार यादव ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. मनोज कुमार यादव का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कई योजनाओं को धरातल पर उतारा है. खासकर सड़क का जाल अपने क्षेत्र में बिछाया है. इसके साथ-साथ सिंचाई पर जोर दिया गया है. उनका यह भी कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में भी भरपूर काम किया गया है. कई स्कूल कॉलेजों की नींव रखी गई है. उनका यह भी मानना है कि बुनियादी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए काम किए गए हैं. बरही को आर्थिक राजधानी के रूप में भी विकसित करने के लिए काम किया गया है.

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उनका यह भी मानना है कि अपने पुराने कार्यकाल में उन्होंने दो समस्याओं का निराकरण नहीं किया है. जिसमें पेयजल और नगर निकाय का दर्जा दिलाना. वे कहते हैं कि इस बार अगर वह विधायक बनते हैं तो तो इन दो मुद्दों पर प्राथमिकता से काम किया जाएगा. उनका यह भी कहना है कि पेयजल इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है, हर घर में पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचाना प्रमुखता रहेगी.

विपक्ष ने नकारा

प्रमुख विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने उनके कार्यकाल पर सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में कोई भी ऐसा उल्लेखनीय काम नहीं किया है जिसका जिक्र किया जाए.

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जनता की प्रतिक्रिया

दूसरी ओर बरही की जनता का मानना है कि इस क्षेत्र में समुचित विकास नहीं हो सका है. कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां विकास होना है. जिसमें रोजगार, शिक्षा, कृषि, पेयजल प्रमुख है. इसके साथ ही साथ इस क्षेत्र में स्वच्छता पर भी ध्यान नहीं दिया गया. विधायक ने अपने पुराने कार्यकाल में जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ. वहीं, कुछ ऐसे भी वोटर हैं जिनका मानना है कि विधायक ने बढ़-चढ़ कर अपने क्षेत्र में काम किया है. जिसमें सड़क गली-गली बिजली व्यवस्था शिक्षा का क्षेत्र शामिल है. अब उन्हें उम्मीद है कि अगर यहां की जनता उन्हें दोबारा वोट देकर चुनती है तो वह क्षेत्र का विकास अवश्य करेंगे.

बहराल बरही विधायक मनोज यादव को लेकर यहां के वोटरों की मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कुछ का मानना है कि उन्होंने बेहतर काम किया है, वहीं, कुछ ने उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़ा किए हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि विधानसभा चुनाव 2019 में उनको यहां की जनता से कितना सहयोग मिलता है.

Intro:हजारीबाग जिले के बरही विधानसभा भौगोलिक स्थिति बेहद खास है। जो झारखंड और बिहार का सीमांत क्षेत्र है। ऐसे में इस क्षेत्र में विशेष नजर सुरक्षा के दृष्टिकोण से रहती है। बरही विधानसभा एनएच पर स्थित विधानसभा है। इस कारण से आर्थिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।


Body:हाल के दिनों में बरही विधानसभा राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अधिक सुर्खियों में रहा है। बरही विधानसभा से जिसने सबसे अधिक बार भाजपा को पटखनी दी है उसी के कांधे पर इस बार भगवा लहराने की चुनौती है ।कांग्रेस के दिग्गज नेता मनोज यादव को इस बार भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है। पिछले दो दशक में उनका बरही की राजनीति मे दबदबा रहा है ।मनोज यादव के कांधे पर कांग्रेस की साख भी इस क्षेत्र पर बनी थी। लेकिन इस बार मनोज यादव कांग्रेस के बजाय भाजपा के लिए चुनावी दंगल में है ।अगर 1951 से अब तक बात की जाए तो सबसे अधिक मनोज यादव यहां से चार बार विधायक रह चुके हैं। कुल 20 सालों तक उनका राजनीतिक सफर विधायक के रुप में रहा है। ऐसे में मनोज यादव को यहां की जनता का अपार समर्थन प्राप्त है। वहीं एक बार अकेला यादव भाजपा से चुनाव जीते हैं। इस बार अकेला यादव कमल के बजाय हाथ को मजबूत करने के फिराक में है।

2014 में मनोज यादव यहां से विजय हुए ।जिन्होंने उमाशंकर अकेला को शिकस्त दी। 2009 में उमाशंकर अकेला यहां से विधायक बनकर सदन में पहुंचे उन्होने कांग्रेस के मनोज यादव को मात दिया था। 2005 में मनोज यादव वहीं से विधायक बने थे।


बरही विधानसभा 2009 चुनाव परिणाम

उमाशंकर अकेला -बीजेपी- 60044
मनोज यादव- कांग्रेस- 51 959
हरि मेहता -निर्दलीय- 3482

2014 चुनाव परिणाम

मनोज कुमार यादव- कांग्रेस- 5788
उमाशंकर अकेला -बीजेपी- 50733
साबी देवी- जेएमएम -39255


Conclusion:इस बार बरही विधानसभा में कुल पुरुष मतदाता 150 476 है जबकि महिला मतदाता 135 470 है वही थर्ड जेंडर की संख्या 3 है। कुल 285 494 मतदाता बरही विधानसभा की तस्वीर और तकदीर लिखेंगे।
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