हजारीबाग: खेती के लिए सिंचाई बेहद महत्वपूर्ण होती है. अगर सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त ना हो तो खेती भी बर्बाद हो जाती है. हजारीबाग में सिंचाई के लिए कई परियोजनाएं धरातल पर उतारी गईं हैं. इनमें से कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जो खेती के लिए वरदान साबित हुई हैं, लेकिन हजारीबाग के लोटवा डैम पर बना सिंचाई परियोजना ने अपना दम तोड़ दिया है. आलम यह है कि अब इसका लाभ किसानों को नहीं हो रहा है.
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हजारीबाग की लोटवा सिंचाई परियोजना, जो लोटवा डैम पर बनाई गई है और यह बरकट्ठा विधानसभा में आती है. हजारीबाग नेशनल पार्क से महज कुछ दूरी आगे NH 100 से 200 मिटर की दूरी पर यह डैम बनाया गया है.
डैम का फाटक खराब
डैम बनाने के बाद इस क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए नहर बनाई गई. हाल के समय में भी इस नहर की लाइनिंग ठीक की गई, ताकि खेतों में पानी पहुंच सके, लेकिन डैम का दरवाजा काम नहीं कर रहा है. इसके कारण मानसून का पानी डैम से बाहर नहर से होते हुए बाहर निकल जा रहा है.
आलम यह है कि डैम में पानी अब नहीं है. इसके कारण गर्मी के समय में नहर का उपयोग नहीं हो पाता है. जब खेत को पानी चाहिए, उस वक्त नहर सूखी रहती है. ऐसे में यहां के किसान भी मायूस है. उनका कहना है कि अगर इस डैम का फाटक ठीक कर दिया जाता तो मॉनसून का पानी बहता नहीं और इसका उपयोग लोग गर्मी के समय कर पाते.
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डैम के गहरीकरण करने की है जरूरत
किसानों का कहना है कि उनका खेत साल भर हरे भरे रहते, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कई बार उन लोगों ने इसकी शिकायत भी पदाधिकारियों से की, लेकिन उनका कोई सुनने वाला नहीं है. आलम यह है कि अब यह सिर्फ और सिर्फ सफेद हाथी साबित हो रहा है, जो किसी काम का नहीं.
एक अन्य ग्रामीण के अनुसार अगर यह नहर काम करती तो 25 गांव के लोगों को इसका लाभ मिलता और उनके खेत कभी सूखे नहीं रहते. उनका कहना है कि बरसात के समय में खेतों में पानी भरा रहता है और जब उनहें पानी की जरूर होती है तो पानी नहीं मिलता है. इस डैम के गहरीकरण करने की भी आवश्यकता है. अगर गहरीकरण किया जाए तो पानी और भी अधिक डैम में रहेगा और इसका लाभ भविष्य में मिलेगा.
बेहद ही महत्वपूर्ण है लोटवा सिंचाई परियोजना
इस बाबत हजारीबाग में पदस्थ मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग अशोक कुमार बताते हैं कि यह योजना बेहद ही महत्वपूर्ण है. उन्हें को इस मामले की जानकारी भी है कि फाटक काम नहीं कर रहा है. इसकी जानकारी विभाग को दे दी गई है, क्योंकि वह जिस डैम का फाटक बनाने पर काम नहीं करते हैं, उसकी जानकारी संबंधित विभाग को दे देते हैं और विभाग फिर उस पर काम करता है. इसकी जानकारी भी उन लोगों ने दे दी है. उन्होंने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि यह मॉनसून के पहले बनकर तैयार हो जाएगा, ताकि मॉनसून में फिर से डैम में पानी संचित हो पाएगा और उसका लाभ किसानों को मिल पाए.
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किसी भी चीजों का रखरखाव बेहद ही महत्वपूर्ण होता है. रखरखाव के अभाव में इस सिंचाई परियोजना ने दम तोड़ दिया है. जरूरत है विभाग को संजीदगी के साथ इस पर ध्यान देने की, ताकि फिर से यह नहर खेती के लिए उपयोग में आ सके.