हजारीबागः त्रिवेणी सैनिक माइनिंग (Triveni Sainik Mining) के कर्मी अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर शनिवार से देवरिया-उरुब गांव के बीच अनिश्चितकालीन धरना(Indefinite strike) पर बैठ गए. इससे दिनभर खनन और ढुलाई कार्य बाधित रहा. माइनिंग के आलाधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे और धरना खत्म करने को लेकर कर्मियों से वार्ता की, लेकिन कर्मियों ने अधिकारियों की बात नहीं सुनी. इसके बाद धरना स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें दो कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
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पुलिस ने धरनास्थल को चारों ओर से घेर लिया और फिर लाठीचार्ज किया. इससे धरनास्थल पर अफरा-तरफी मच गई. धरनास्थल पर बैठे कर्मी इधर-उधर भागने लगे. पुलिस ने इन कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और सिटी की ओर भगा दिया. इसमें चुरचू के रहने वाले राजेश साहू के साथ-साथ एक और कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके साथ ही पुलिस ने दो दर्जन कर्मियों को हिरासत में भी लिया है.
अधिकारियों के इशारे पर लाठीचार्ज
धरने पर बैठे कर्मियों का कहना है कि त्रिवेणी सैनिक माइंस के कई अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे थे. अधिकारी मांगें पूरा करने के बजाय धमकी देकर धरना खत्म करवाना चाहते थे, लेकिन हम अपनी मांगों पर डटे रहे. अधिकारियों की बात नहीं सुनी, तो लाठीचार्ज करवा दिया गया.
कर्मियों को समझाने का किया प्रयास
दूसरी ओर त्रिवेणी सैनिक माइंस के अधिकारियों का कहना है कि कर्मियों को समझाने का पूरा प्रयास किया गया लेकिन कर्मी सुनने को तैयार नहीं था. इसी दौरानधरना स्थल से पत्थरबाजी शुरू की गई, जिसके जवाब में लाठीचार्ज किया गया.
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तीन सूत्री मांगों को लेकर धरना
माइंसकर्मियों की तीन सूत्री मांगों में बोनस, बकाये मानदेय का भुगतान और कार्य से हटाए गए मजदूरों की वापसी शामिल है. इस मांग को लेकर कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों ने त्रिवेणी सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट प्रमुख को 11 जून को पत्र लिखा.
इसके बाद 18 और 23 जून को कंपनी के हेड ऑफ प्रोजेक्ट विभाष रंजन, एचआर गणेश सेठी और उत्तम झा के साथ वार्ता हुई जो विफल रही. वार्ता विफल होने के बाद अनिश्चितकालीन धरने का निर्णय लिया गया था.