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जंगल पर भू-माफिया की बुरी नजर, जमीन बचाने के लिए दस्तावेज ऑनलाइन करने की तैयारी

हजारीबाग में इन दिनों भू-माफिया काफी सक्रिय है. भू-माफिया की जंगल पर बुरी नजर है. यहां की विभिन्न पंचायत में माफिया पहले जंगल से पेड़ काटकर समतल कर रहे हैं, फिर पट्टे का दावा कर रहे हैं और जाली दस्तावेज से उसकी खरीद फरोख्त कर रहे हैं. हालांकि अब वन विभाग जंगल को बचाने के लिए चेता है. वह जंगल की जमीन के दस्तावेज ऑनलाइन कर उपायुक्त को जमीन के दस्तावेज सौंपने की तैयारी कर रहा है. ताकि इस जमीन की बिक्री को रोका जा सके.

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भू-माफिया अब जंगल की जमीन को बना रहे अपना टारगेट
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Published : Feb 13, 2021, 12:49 PM IST

हजारीबागः राज्य का गठन होने के बाद झारखंड में जमीन की कीमत में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. 20 साल में जमीन की कीमत आसमान छूने लगी है. ऐसे में कई भू-माफिया झारखंड में सक्रिय हुए हैं. आलम यह है कि अब भू-माफिया और जंगल माफिया की जंगल पर बुरी नजर पड़ गई है. दोनों मिलकर जंगल की हरी-भरी जमीन का सौदा कर रहे हैं. जंगल से गुपचुप पेड़ पौधे काटे जा रहे हैं. हालांकि देर से ही सही वन विभाग अब चेता है, उसने जंगल की जमीन बचाने के लिए रूट मैप तैयार किया है.

देखें स्पेशल स्टोरी
उपायुक्त को ब्योरा देकर रोंकेगे बिक्रीहजारीबाग में भू-माफिया कम समय में अधिक कमाने की होड़ में जंगल की जमीन पर कब्जा करने में जुटे हैं. हाल के दिनों में जिले में वन के बड़े भूभाग को बेचने की कोशिश की गई. कई प्लाट तो बेच भी दिए गए. ऐसे में वन विभाग ने जंगल की जमीन को बचाने के लिए रूट मैप तैयार किया है. जिसमें प्रतिबंधित जमीन को अलग से दिखाया जा रहा है और उसे उपायुक्त को सौंपा जा रहा है. ताकि उस दस्तावेज को ऑनलाइन किया जाए और रजिस्ट्री ऑफिस में भी उसका ब्योरा रहेगा. वन विभाग के डीएफओ स्मिता पंकज ने बताया कि ब्लैक लिस्ट तैयार की गई है और उसमें खाता संख्या प्लॉट संख्या दर्शाया गया है. दस्तावेज में बताया गया है कि यह जमीन जंगल की है, इसे बेचना गैर कानूनी है.

इसे भी पढ़ें- जंगल काटकर जमीन को कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे भू-माफिया, वन विभाग को भनक तक नहीं


जमीन बेचने से पहले काट रहे पेड़
हजारीबाग के सामाजिक कार्यकर्ता टीपी सिंह जंगल की जमीन को बचाने के लिए पिछले कई साल से संघर्षरत हैं. उन्होंने इस बाबत वन विभाग के पदाधिकारियों को हमेशा जानकारी भी दी है. उनका भी कहना है कि भू-माफिया जंगल की जमीन बेच रहे हैं. जंगल की जमीन बेचने के पहले पेड़ काटे जा रहे है. इसके साथ ही उनका कहना है कि अब लकड़ी माफिया जंगल में सक्रिय नहीं है, बल्कि भू-माफिया जंगल के पेड़ को काट कर पहले जमीन समतल कर देते हैं. फिर जाली दस्तावेज बनाकर उस पर वन पट्टा लेने का दावा करते हैं.


जंगल की चिंता
वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा का कहना है कि हम लोग प्रशासन के विभिन्न स्रोत से आरटीआई के जरिए सरकारी वन भूमि के बारे में जानकारी लेते हैं. हाल के दिनों में कई भू-माफिया सक्रिय हैं. इसे देखते हुए हम लोग हमेशा पदाधिकारियों के संपर्क में रहते हैं और उन्हें फीडबैक भी देते हैं.

सिलवार खुर्द की जमीन की 'लूट'
वहीं गांव के मुखिया कहते हैं कि वन विभाग की जमीन की लूट भू-माफिया कर रहे हैं. हम लोग इस बाबत वन विभाग और जिला प्रशासन को भी सूचना देते हैं. उनका यह भी कहना है कि हाल के दिनों में हमारी पंचायत सिलवार खुर्द में भी वन विभाग की जमीन की लूट हुई है. इसकी शिकायत हम लोगों ने विभाग को भी दी है. विभाग ने कार्रवाई भी की है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

हजारीबागः राज्य का गठन होने के बाद झारखंड में जमीन की कीमत में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. 20 साल में जमीन की कीमत आसमान छूने लगी है. ऐसे में कई भू-माफिया झारखंड में सक्रिय हुए हैं. आलम यह है कि अब भू-माफिया और जंगल माफिया की जंगल पर बुरी नजर पड़ गई है. दोनों मिलकर जंगल की हरी-भरी जमीन का सौदा कर रहे हैं. जंगल से गुपचुप पेड़ पौधे काटे जा रहे हैं. हालांकि देर से ही सही वन विभाग अब चेता है, उसने जंगल की जमीन बचाने के लिए रूट मैप तैयार किया है.

देखें स्पेशल स्टोरी
उपायुक्त को ब्योरा देकर रोंकेगे बिक्रीहजारीबाग में भू-माफिया कम समय में अधिक कमाने की होड़ में जंगल की जमीन पर कब्जा करने में जुटे हैं. हाल के दिनों में जिले में वन के बड़े भूभाग को बेचने की कोशिश की गई. कई प्लाट तो बेच भी दिए गए. ऐसे में वन विभाग ने जंगल की जमीन को बचाने के लिए रूट मैप तैयार किया है. जिसमें प्रतिबंधित जमीन को अलग से दिखाया जा रहा है और उसे उपायुक्त को सौंपा जा रहा है. ताकि उस दस्तावेज को ऑनलाइन किया जाए और रजिस्ट्री ऑफिस में भी उसका ब्योरा रहेगा. वन विभाग के डीएफओ स्मिता पंकज ने बताया कि ब्लैक लिस्ट तैयार की गई है और उसमें खाता संख्या प्लॉट संख्या दर्शाया गया है. दस्तावेज में बताया गया है कि यह जमीन जंगल की है, इसे बेचना गैर कानूनी है.

इसे भी पढ़ें- जंगल काटकर जमीन को कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे भू-माफिया, वन विभाग को भनक तक नहीं


जमीन बेचने से पहले काट रहे पेड़
हजारीबाग के सामाजिक कार्यकर्ता टीपी सिंह जंगल की जमीन को बचाने के लिए पिछले कई साल से संघर्षरत हैं. उन्होंने इस बाबत वन विभाग के पदाधिकारियों को हमेशा जानकारी भी दी है. उनका भी कहना है कि भू-माफिया जंगल की जमीन बेच रहे हैं. जंगल की जमीन बेचने के पहले पेड़ काटे जा रहे है. इसके साथ ही उनका कहना है कि अब लकड़ी माफिया जंगल में सक्रिय नहीं है, बल्कि भू-माफिया जंगल के पेड़ को काट कर पहले जमीन समतल कर देते हैं. फिर जाली दस्तावेज बनाकर उस पर वन पट्टा लेने का दावा करते हैं.


जंगल की चिंता
वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा का कहना है कि हम लोग प्रशासन के विभिन्न स्रोत से आरटीआई के जरिए सरकारी वन भूमि के बारे में जानकारी लेते हैं. हाल के दिनों में कई भू-माफिया सक्रिय हैं. इसे देखते हुए हम लोग हमेशा पदाधिकारियों के संपर्क में रहते हैं और उन्हें फीडबैक भी देते हैं.

सिलवार खुर्द की जमीन की 'लूट'
वहीं गांव के मुखिया कहते हैं कि वन विभाग की जमीन की लूट भू-माफिया कर रहे हैं. हम लोग इस बाबत वन विभाग और जिला प्रशासन को भी सूचना देते हैं. उनका यह भी कहना है कि हाल के दिनों में हमारी पंचायत सिलवार खुर्द में भी वन विभाग की जमीन की लूट हुई है. इसकी शिकायत हम लोगों ने विभाग को भी दी है. विभाग ने कार्रवाई भी की है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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