हजारीबाग: आधुनिकता के इस दौर में अंधविश्वास की जड़े अब भी समाज में कितनी गहरी जमी है. इसका नजारा 7 जून को जिले के कटकटमसांडी प्रखंड के पिचरी गांव में दिखा, जहां एक महिला पर डायन बिसाही का आरोप लगाकर उसकी पिटाई का मामला सामने आया है. पीड़ित महिला पर पहले तो लोगों को बीमार करने का आरोप लगाया गया, उसके बाद पंचायत बैठाकर उसे सौ बार उठक-बैठक करने की सजा सुनाई. सजा का ये वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता ने थाने में FIR दर्ज कराकर न्याय की मांग की है.
ये भी पढ़ें- हजारीबाग में डायन बिसाही का 406 मामला, प्रशासन कर रही लोगों को जागरूक
महिला पर डायन बिसाही का आरोप
पीड़ित महिला की मानें तो उसके पड़ोसियों ने पहले तो लोगों को बीमार करने का आरोप लगाया, फिर उसके साथ मारपीट की गई, उसके बाद पंचायत लगाकर सौ बार उठक बैठक करने की सजा सुनाई गई. महिला ने 15 लोगों को पूरी घटना के लिए जिम्मेदार बताया है. उसके मुताबिक उससे आरोपियों ने 10 हजार जुर्माने की मांग की, नहीं देने पर उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया. पीड़िता ने थाने में FIR दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है.
पैसे की लेन-देन में विवाद के बाद पिटाई
वहीं, दाढ़ पंचायत के मुखिया मिनहाज अंसारी ने पूरी घटना के लिए पैसे के लेनदेन को जिम्मेदार बताया है, उनके मुताबिक पीड़िता का बेटा आरोपियों के यहां खलासी का काम करता था, उसी दरम्यान पैसे के लेन देन को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद महिला के साथ मारपीट की गई और उठक बैठक कराई गई. मुखिया ने बताया कि इस मामले में पुलिस छानबीन कर रही है और दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कदम भी उठाया गया है.
मई में भी एक महिला की हुई थी पिटाई
इससे पहले भी 25 मई को हजारीबाग के लोहसिंघना थाना क्षेत्र में डायन-बिसाही बताकर मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया था. जिसमें मारपीट के बाद महिला बुरी तरह घायल हो गई थी. इस मामले में भी पड़ोसियों पर ही पीड़ित महिला के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था.
ये भी पढ़ें- हजारीबाग में डायन बताकर महिला से मारपीट, जख्मी हालत में चल रहा इलाज
डायन के नाम पर 211 महिलाओं की हत्या
डायन बिसाही समाज के लिए वैसा अभिशाप है, जिसकी शिकार हमेशा महिलाएं होती रही हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 2015 से अक्टूबर 2020 तक बिसाही के कारण झारखंड में 211 महिलाओं की हत्या कर दी गई. सबसे अधिक चाईबासा में इस तरह की घटना दर्ज की गई. वहीं वर्ष 2015 से अक्टूबर 2020 तक 4,658 डायन अधिनियम से जुड़े विभिन्न मामले जिलों के थानों में दर्ज है. जिसमें हजारीबाग जिला में भी 406 मामले आए हैं. ऐसे में हजारीबाग जिला प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए कई प्रयास कर रहा है.
जागरूकता फैलाने की कोशिश
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक वे लोग गांव में जाकर लोगों को यह बताने की कोशिश करते हैं कि ऐसी कोई प्रथा नहीं है. यह सिर्फ और सिर्फ महिलाओं पर अत्याचार करने का तरीका है. अगर कोई व्यक्ति किसी पर डायन कह कर टिप्पणी भी करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी प्रावधान है. उनका यह भी कहना है कि लोगों के पास कई ऐसे मामले आए हैं. जिससे पता चलता है कि महिलाओं की संपत्ति हड़पने के लिए इस तरह का आरोप लगाया जाता है. जिसमें खासकर विधवा और निसंतान महिलाएं रहती हैं. ऐसे में जरूरत है आम जनता को जागरूक होने की तभी हमारे समाज से यह कुप्रथा समाप्त हो सकती है.