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हजारीबाग होली क्रॉस से छीनी गयी कृषि विज्ञान केंद्र की मान्यता, हाई कोर्ट की शरण में जा सकती है संस्था

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) ने हजारीबाग होली क्रॉस से कृषि विज्ञान केंद्र की मान्यता खत्म कर दी है. अब से ये संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र के नाम से नहीं जानी जाएगी. इसको लेकर होली क्रॉस झारखंड हाई कोर्ट जाने का मन बना रहा है.

Indian Council of Agricultural Research abolished recognition of Krishi Vigyan Kendra from Hazaribag Holy Cross
हजारीबाग होली क्रॉस
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Published : Jul 8, 2022, 1:24 PM IST

हजारीबागः जिला होली क्रॉस कृषि विज्ञान केंद्र से उसकी मान्यता छीन ली गई है. 1 जुलाई को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने चिट्ठी जारी कर जानकारी होली क्रॉस को दे दिया है. अब सेंटर कृषि विज्ञान केंद्र के नाम से नहीं जाना जाएगा.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने हजारीबाग में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र वापस ले लिया है. इस संबंध में 1 जुलाई को पत्र भी निर्गत किया गया है. जिसमें बताया गया है कि होली क्रॉस नियम एवं शर्तों का पालन नहीं किया है. जिसमें जमीन की उपलब्धता, दर्पण पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन और वित्तीय अनियमितता शामिल है. होली क्रॉस कृषि विज्ञान केंद्र का संचालन 1985 से किया जा रहा था. संचालन के लिए आईसीएआर और होली क्रॉस के बीच एमओयू हुआ था. जिसके तहत होली क्रॉस किसानों को उन्नत खेती के अलावा कई अन्य बिंदुओं की ट्रेनिंग देता था. लेकिन अब मान्यता रद्द होने के बाद किसानों को यहां ट्रेनिंग नहीं मिलेगी.

देखें पूरी खबर

इस मामले को लेकर होली क्रॉस की निदेशक सिस्टर सजीता ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए बताया कि हम लोगों को बहुत दुख है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने हमारी मान्यता छीन ली है. उनका कहना है कि हम लोगों ने बड़े ही मेहनत के साथ इस सेंटर को डिवेलप किया था. हजारीबाग और उसके आसपास के जिला से भी किसान यहां प्रशिक्षण लेने के लिए आते थे. यहां किसी भी तरह का अनियमितता नहीं है. दर्पण पोर्टल में भी हम लोगों का एनजीओ रजिस्टर्ड है. बैंक ट्रांजैक्शन में किसी भी तरह का अनियमितता नहीं है. विदेश से हम लोगों को एक बार 25 लाख का फंड दिया गया था. उस फंड से हम लोगों ने महिला सहायता समूह को मदद किया. लेकिन हम लोगों को आज इसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ रहा है.

उनका यह भी कहना है कि केवीके में कुल 16 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें 6 वैज्ञानिक भी हैं. इनका घर परिवार इसी सेंटर से चलता था. अचानक बंद करने से इनका जीवन यापन कैसे होगा. हम लोगों को 15 से 16 लाख रुपया वेतन इन लोगों को देना होता था. उनका यह भी कहना है कि पिछले बार सितंबर 2021 में जांच कमेटी आई थी, उसने जांच भी किया. इसके पहले QRT कि टीम आई थी. जिन्होंने हम लोगों के काम को देखते हुए प्रोत्साहित भी किया था. लेकिन अचानक से आईसीएआर ने हमारा मान्यता रद्द कर दिया है. उनका यह भी कहना है कि यह नियम है 90 दिन का समय एमओयू के तहत देना चाहिए था लेकिन वह भी नहीं मिला.

बताते चलें कि भारत सरकार के द्वारा चलने वाला यह संस्था झारखंड के सभी जिलों में चलता है. हजारीबाग मे होली क्रॉस को कृषि विज्ञान केंद्र चलाने कि जिम्मेदारी मिली थी. पूरे राज्य भर अलग अलग संस्था को कृषि विज्ञान केंद्र चलाने की जिम्मेदारी मिली है.

हजारीबागः जिला होली क्रॉस कृषि विज्ञान केंद्र से उसकी मान्यता छीन ली गई है. 1 जुलाई को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने चिट्ठी जारी कर जानकारी होली क्रॉस को दे दिया है. अब सेंटर कृषि विज्ञान केंद्र के नाम से नहीं जाना जाएगा.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने हजारीबाग में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र वापस ले लिया है. इस संबंध में 1 जुलाई को पत्र भी निर्गत किया गया है. जिसमें बताया गया है कि होली क्रॉस नियम एवं शर्तों का पालन नहीं किया है. जिसमें जमीन की उपलब्धता, दर्पण पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन और वित्तीय अनियमितता शामिल है. होली क्रॉस कृषि विज्ञान केंद्र का संचालन 1985 से किया जा रहा था. संचालन के लिए आईसीएआर और होली क्रॉस के बीच एमओयू हुआ था. जिसके तहत होली क्रॉस किसानों को उन्नत खेती के अलावा कई अन्य बिंदुओं की ट्रेनिंग देता था. लेकिन अब मान्यता रद्द होने के बाद किसानों को यहां ट्रेनिंग नहीं मिलेगी.

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इस मामले को लेकर होली क्रॉस की निदेशक सिस्टर सजीता ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए बताया कि हम लोगों को बहुत दुख है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने हमारी मान्यता छीन ली है. उनका कहना है कि हम लोगों ने बड़े ही मेहनत के साथ इस सेंटर को डिवेलप किया था. हजारीबाग और उसके आसपास के जिला से भी किसान यहां प्रशिक्षण लेने के लिए आते थे. यहां किसी भी तरह का अनियमितता नहीं है. दर्पण पोर्टल में भी हम लोगों का एनजीओ रजिस्टर्ड है. बैंक ट्रांजैक्शन में किसी भी तरह का अनियमितता नहीं है. विदेश से हम लोगों को एक बार 25 लाख का फंड दिया गया था. उस फंड से हम लोगों ने महिला सहायता समूह को मदद किया. लेकिन हम लोगों को आज इसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ रहा है.

उनका यह भी कहना है कि केवीके में कुल 16 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें 6 वैज्ञानिक भी हैं. इनका घर परिवार इसी सेंटर से चलता था. अचानक बंद करने से इनका जीवन यापन कैसे होगा. हम लोगों को 15 से 16 लाख रुपया वेतन इन लोगों को देना होता था. उनका यह भी कहना है कि पिछले बार सितंबर 2021 में जांच कमेटी आई थी, उसने जांच भी किया. इसके पहले QRT कि टीम आई थी. जिन्होंने हम लोगों के काम को देखते हुए प्रोत्साहित भी किया था. लेकिन अचानक से आईसीएआर ने हमारा मान्यता रद्द कर दिया है. उनका यह भी कहना है कि यह नियम है 90 दिन का समय एमओयू के तहत देना चाहिए था लेकिन वह भी नहीं मिला.

बताते चलें कि भारत सरकार के द्वारा चलने वाला यह संस्था झारखंड के सभी जिलों में चलता है. हजारीबाग मे होली क्रॉस को कृषि विज्ञान केंद्र चलाने कि जिम्मेदारी मिली थी. पूरे राज्य भर अलग अलग संस्था को कृषि विज्ञान केंद्र चलाने की जिम्मेदारी मिली है.

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