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सेवा का जज्बा है महानः खतरा मोल लेकर कोरोना काल में सर्विस दे रहे स्वास्थ्य-पुलिस कर्मी

हजारीबाग में लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य और पुलिस कर्मी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा में जुटे हैं. स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमितों की मदद कर रहे हैं, तो पुलिस कर्मी सड़कों पर तैनात होकर गाइडलाइंस का पालन करवा रहे हैं.

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जान जोखिम में डाल लोगों की सेवा में जुटे हैं स्वास्थ्य और पुलिस कर्मी
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Published : Apr 25, 2021, 5:57 PM IST

Updated : Apr 25, 2021, 7:30 PM IST

हजारीबागः कोरोना से संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगा है. लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं, खुद को इस बीमारी से बचा रहे हैं. लेकिन सड़कों पर अस्पतालों में ऐसे वॉरियर्स हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा में जुटे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःहजारीबाग के बरही अनुमंडल अस्पताल में पांच ऑक्सीजनयुक्त बेड तैयार

जिला के स्वास्थ्य और पुलिस कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं, लोगों की सेवा में जुटे हैं. स्वास्थ्य कर्मी प्रत्येक दिन शहर के विभिन्न इलाकों में कैंप लगाकर कोरोना की जांच के लिए सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं, दूसरी ओर पुसिस कर्मी सड़कों पर डटे हैं और लोगों से गाइडलाइंस का पालन करवा रहे हैं. कोरोना के संक्रमण की दूसरा लहर काफी खतरनाक है. हजारीबाग में पिछले तीन दिन में कोरोना की वजह से 24 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. शनिवार को 10 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई, जबकि 190 कोरोना के नए मरीज मिले हैं. अब जिला में 3000 से अधिक कोरोना संक्रमण के एक्टिव मरीज हैं.

हर दिन बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण

जिला में हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. संक्रमण की भयावह स्थिति के बावजूद स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस वाले अपनी सेवा दे रहे हैं. इसमें सबसे अधिक खतरा स्वास्थ्य कर्मियों पर है, जो हर दिन विभिन्न कैंपों में जाकर कोरोना जांच का सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं.

महीनों से बच्ची को नहीं लिया गोद

स्वास्थ्य कर्मी बसंती देवी कहती हैं कि हमलोग अंदर से काफी डरे हुए रहते हैं, लेकिन हमारा दायित्व है लोगों की सेवा करना. अपनी सेवा इस विकट परिस्थिति में भी दे रहे हैं. सबसे अधिक दुख उस वक्त होता है, जब हमें अपने बच्चों से दूर रहना पड़ता है. स्थिति यह है कि महीनों से अपनी बच्ची को गोद में उठाकर उसे गले नहीं लगा पाई हूं. घर जाने के साथ ही पहले अपने-आप को सेनेटाइज करती हूं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपना काम निपटाती हूं.

ड्यूटी के दौरान लगता है डर

पुलिस कर्मी बताते हैं कि लॉकडाउन में कोई नियम ना तोड़े, इसको लेकर हमलोग सड़कों पर तैनात हैं. हर राहगीर को समझा भी रहे हैं कि वो गाइडलाइंस का पालन करें. उन्होंने कहा कि हमलोगों को भी ड्यूटी के दौरान डर लगता है, लेकिन हमारा यह दायित्व है और उसे हमलोग पूरा कर रहे हैं. कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वॉरियर्स समाज को सेवा दे रहे हैं. इस स्थिति में जरूरत है, आम जनता को भी सजग रहने के साथ-साथ सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का पालन करने की.

हजारीबागः कोरोना से संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगा है. लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं, खुद को इस बीमारी से बचा रहे हैं. लेकिन सड़कों पर अस्पतालों में ऐसे वॉरियर्स हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा में जुटे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःहजारीबाग के बरही अनुमंडल अस्पताल में पांच ऑक्सीजनयुक्त बेड तैयार

जिला के स्वास्थ्य और पुलिस कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं, लोगों की सेवा में जुटे हैं. स्वास्थ्य कर्मी प्रत्येक दिन शहर के विभिन्न इलाकों में कैंप लगाकर कोरोना की जांच के लिए सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं, दूसरी ओर पुसिस कर्मी सड़कों पर डटे हैं और लोगों से गाइडलाइंस का पालन करवा रहे हैं. कोरोना के संक्रमण की दूसरा लहर काफी खतरनाक है. हजारीबाग में पिछले तीन दिन में कोरोना की वजह से 24 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. शनिवार को 10 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई, जबकि 190 कोरोना के नए मरीज मिले हैं. अब जिला में 3000 से अधिक कोरोना संक्रमण के एक्टिव मरीज हैं.

हर दिन बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण

जिला में हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. संक्रमण की भयावह स्थिति के बावजूद स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस वाले अपनी सेवा दे रहे हैं. इसमें सबसे अधिक खतरा स्वास्थ्य कर्मियों पर है, जो हर दिन विभिन्न कैंपों में जाकर कोरोना जांच का सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं.

महीनों से बच्ची को नहीं लिया गोद

स्वास्थ्य कर्मी बसंती देवी कहती हैं कि हमलोग अंदर से काफी डरे हुए रहते हैं, लेकिन हमारा दायित्व है लोगों की सेवा करना. अपनी सेवा इस विकट परिस्थिति में भी दे रहे हैं. सबसे अधिक दुख उस वक्त होता है, जब हमें अपने बच्चों से दूर रहना पड़ता है. स्थिति यह है कि महीनों से अपनी बच्ची को गोद में उठाकर उसे गले नहीं लगा पाई हूं. घर जाने के साथ ही पहले अपने-आप को सेनेटाइज करती हूं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपना काम निपटाती हूं.

ड्यूटी के दौरान लगता है डर

पुलिस कर्मी बताते हैं कि लॉकडाउन में कोई नियम ना तोड़े, इसको लेकर हमलोग सड़कों पर तैनात हैं. हर राहगीर को समझा भी रहे हैं कि वो गाइडलाइंस का पालन करें. उन्होंने कहा कि हमलोगों को भी ड्यूटी के दौरान डर लगता है, लेकिन हमारा यह दायित्व है और उसे हमलोग पूरा कर रहे हैं. कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वॉरियर्स समाज को सेवा दे रहे हैं. इस स्थिति में जरूरत है, आम जनता को भी सजग रहने के साथ-साथ सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का पालन करने की.

Last Updated : Apr 25, 2021, 7:30 PM IST
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