हजारीबाग: छोटे शहर की नई पीढ़ी के बच्चें अब कुछ खास और क्रिएटिव करने में भरोसा रखते हैं. वर्तमान समय में जिस तरह इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्र में बच्चे अपना करियर बनाने की सोचते हैं उसी तरह फाइन आर्ट्स में भी वह अपना भविष्य तलाश रहे हैं.
बच्चे अब क्रिएटिव दुनिया में अपना हुनर दिखाना चाहते हैं. इसे देखते हुए हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज समेत कई कॉलेज और स्कूल के छात्र फाइन आर्ट की ट्रेनिंग ले रहे हैं. फैशन की इस दुनिया में फाइन आर्ट्स की तरफ युवा आकर्षित हो रहे हैं. जिन छात्रों का रुझान पेंटिंग, मूर्ति कला और अन्य तरह की कला में है, ऐसे छात्रों के लिए फील्ड काफी बेहतर साबित हो सकता है.
ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों का कहना है कि फाइन आर्ट के जरिए ना सिर्फ भारतीय संस्कृति और परंपरा की पहचान बरकरार रखी जा सकती है, बल्कि इस क्षेत्र में बेहतरीन करियर भी बनाया जा सकता है और पैसे भी कमाए जा सकते हैं. युवाओं का कहना है कि यह अभी उभरता हुआ क्षेत्र है और इसमें आपार संभावनाएं हैं. इस कारण वह फाइन आर्ट के रहस्य को जान रहे हैं.
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छात्रों का यह भी कहना है कि हजारीबाग में फाइन आर्ट के लिए कोई डिग्री की व्यवस्था नहीं है. वह अगर यहां पर बेसिक जानकारी लेंगे और दिल्ली, बनारस जाकर बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स शिक्षा लेंगे तो अपना कैरियर बना सकते हैं. दूसरी ओर युवा फाइन आर्ट के ट्रेनर कहते हैं कि उन्होंने इस विषय की पढ़ाई तो नहीं की है, लेकिन अलग-अलग माध्यम के जरिए जानकारी जरूर पाया है. इस कारण हजारीबाग के लगभग 700 बच्चों को विभिन्न कॉलेज और स्कूल में जाकर फाइन आर्ट की जानकारी दे रहे हैं. कई बच्चें जो गरीब हैं और पेंटिंग में उनका रुझान है वैसे लगभग 300 बच्चों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है.
शिक्षक भी मानते हैं कि इस क्षेत्र का दायरा काफी बड़ा है. फाइन आर्ट्स का कोर्स करने के बाद करियर बनाने के लिए ऐड डिपार्टमेंट, अखबार में कार्टूनिस्ट, एनिमेटर, आदि के तौर पर भी काम किया जा सकता है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिवीजन फिल्म, थिएटर, प्रोडक्शन टैक्सटाइल डिजाइनिंग, एनिमेशन में भी करियर है.