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हजारीबाग के युवाओं का बढ़ा फाइन आर्ट्स की ओर आकर्षण, 700 बच्चें कर रहे क्लास - हजारीबाग में फाइन आर्टस की क्लास

हजारीबाग में 700 से अधिक युवा फाइन आर्ट की क्लास ले रहे हैं. जिसमें लगभग 300 बच्चें निशुल्क पढ़ाई कर रहे हैं. हाल के दिनों में फाइन आर्ट एक करियर के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें छात्र अपने भविष्य के सपने गढ़ रहे हैं.

क्लास करतें बच्चें
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Published : Oct 9, 2019, 7:10 PM IST

हजारीबाग: छोटे शहर की नई पीढ़ी के बच्चें अब कुछ खास और क्रिएटिव करने में भरोसा रखते हैं. वर्तमान समय में जिस तरह इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्र में बच्चे अपना करियर बनाने की सोचते हैं उसी तरह फाइन आर्ट्स में भी वह अपना भविष्य तलाश रहे हैं.

देखें पूरी खबर

बच्चे अब क्रिएटिव दुनिया में अपना हुनर दिखाना चाहते हैं. इसे देखते हुए हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज समेत कई कॉलेज और स्कूल के छात्र फाइन आर्ट की ट्रेनिंग ले रहे हैं. फैशन की इस दुनिया में फाइन आर्ट्स की तरफ युवा आकर्षित हो रहे हैं. जिन छात्रों का रुझान पेंटिंग, मूर्ति कला और अन्य तरह की कला में है, ऐसे छात्रों के लिए फील्ड काफी बेहतर साबित हो सकता है.

ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों का कहना है कि फाइन आर्ट के जरिए ना सिर्फ भारतीय संस्कृति और परंपरा की पहचान बरकरार रखी जा सकती है, बल्कि इस क्षेत्र में बेहतरीन करियर भी बनाया जा सकता है और पैसे भी कमाए जा सकते हैं. युवाओं का कहना है कि यह अभी उभरता हुआ क्षेत्र है और इसमें आपार संभावनाएं हैं. इस कारण वह फाइन आर्ट के रहस्य को जान रहे हैं.

ये भी देखें- राजधानी एक्सप्रेस में अव्यवस्था, यात्री ने ट्वीट के जरिए पीएमओ और रेल मंत्री से की शिकायत

छात्रों का यह भी कहना है कि हजारीबाग में फाइन आर्ट के लिए कोई डिग्री की व्यवस्था नहीं है. वह अगर यहां पर बेसिक जानकारी लेंगे और दिल्ली, बनारस जाकर बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स शिक्षा लेंगे तो अपना कैरियर बना सकते हैं. दूसरी ओर युवा फाइन आर्ट के ट्रेनर कहते हैं कि उन्होंने इस विषय की पढ़ाई तो नहीं की है, लेकिन अलग-अलग माध्यम के जरिए जानकारी जरूर पाया है. इस कारण हजारीबाग के लगभग 700 बच्चों को विभिन्न कॉलेज और स्कूल में जाकर फाइन आर्ट की जानकारी दे रहे हैं. कई बच्चें जो गरीब हैं और पेंटिंग में उनका रुझान है वैसे लगभग 300 बच्चों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है.

शिक्षक भी मानते हैं कि इस क्षेत्र का दायरा काफी बड़ा है. फाइन आर्ट्स का कोर्स करने के बाद करियर बनाने के लिए ऐड डिपार्टमेंट, अखबार में कार्टूनिस्ट, एनिमेटर, आदि के तौर पर भी काम किया जा सकता है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिवीजन फिल्म, थिएटर, प्रोडक्शन टैक्सटाइल डिजाइनिंग, एनिमेशन में भी करियर है.

हजारीबाग: छोटे शहर की नई पीढ़ी के बच्चें अब कुछ खास और क्रिएटिव करने में भरोसा रखते हैं. वर्तमान समय में जिस तरह इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्र में बच्चे अपना करियर बनाने की सोचते हैं उसी तरह फाइन आर्ट्स में भी वह अपना भविष्य तलाश रहे हैं.

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बच्चे अब क्रिएटिव दुनिया में अपना हुनर दिखाना चाहते हैं. इसे देखते हुए हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज समेत कई कॉलेज और स्कूल के छात्र फाइन आर्ट की ट्रेनिंग ले रहे हैं. फैशन की इस दुनिया में फाइन आर्ट्स की तरफ युवा आकर्षित हो रहे हैं. जिन छात्रों का रुझान पेंटिंग, मूर्ति कला और अन्य तरह की कला में है, ऐसे छात्रों के लिए फील्ड काफी बेहतर साबित हो सकता है.

ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों का कहना है कि फाइन आर्ट के जरिए ना सिर्फ भारतीय संस्कृति और परंपरा की पहचान बरकरार रखी जा सकती है, बल्कि इस क्षेत्र में बेहतरीन करियर भी बनाया जा सकता है और पैसे भी कमाए जा सकते हैं. युवाओं का कहना है कि यह अभी उभरता हुआ क्षेत्र है और इसमें आपार संभावनाएं हैं. इस कारण वह फाइन आर्ट के रहस्य को जान रहे हैं.

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छात्रों का यह भी कहना है कि हजारीबाग में फाइन आर्ट के लिए कोई डिग्री की व्यवस्था नहीं है. वह अगर यहां पर बेसिक जानकारी लेंगे और दिल्ली, बनारस जाकर बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स शिक्षा लेंगे तो अपना कैरियर बना सकते हैं. दूसरी ओर युवा फाइन आर्ट के ट्रेनर कहते हैं कि उन्होंने इस विषय की पढ़ाई तो नहीं की है, लेकिन अलग-अलग माध्यम के जरिए जानकारी जरूर पाया है. इस कारण हजारीबाग के लगभग 700 बच्चों को विभिन्न कॉलेज और स्कूल में जाकर फाइन आर्ट की जानकारी दे रहे हैं. कई बच्चें जो गरीब हैं और पेंटिंग में उनका रुझान है वैसे लगभग 300 बच्चों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है.

शिक्षक भी मानते हैं कि इस क्षेत्र का दायरा काफी बड़ा है. फाइन आर्ट्स का कोर्स करने के बाद करियर बनाने के लिए ऐड डिपार्टमेंट, अखबार में कार्टूनिस्ट, एनिमेटर, आदि के तौर पर भी काम किया जा सकता है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिवीजन फिल्म, थिएटर, प्रोडक्शन टैक्सटाइल डिजाइनिंग, एनिमेशन में भी करियर है.

Intro:आज की आधुनिक और बदलते सामाजिक परिवेश में युवा पीढ़ी के सामने कैरियर को लेकर के कई विकल्प खुल गए हैं। इसके साथ-साथ कैरियर को लेकर बच्चे और अभिभावक कि सोच बदली है । बच्चों का भी सोचने का दायरा भी बढ़ा है। हाल के दिनों में फाइन आर्ट एक ऐसा केरियर के रूप में देखा जा रहा है जिसमें छात्र अपने भविष्य के सपने को गढ़ रहे हैं। हजारीबाग में 700 से अधिक बच्चों को इन दिनों एक युवा फाइन आर्ट की बारीकी की जानकारी दे रहे है। जिसमें लगभग 300 बच्चे निशुल्क पढ़ाई कर रहे हैं।


Body:हजारीबाग जैसे छोटे शहर के नई पीढ़ी के बच्चे अब कुछ खास और क्रिएटिव करने में भरोसा रख रहे हैं। वर्तमान समय में जिस तरह इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे क्षेत्र में बच्चे अपना करियर बनाने के लिए सोचते थे। लेकिन अब बच्चों का दायरा भी सोचने का बदला है। बच्चे अब क्रिएटिव दुनिया में अपना हुनर दिखाना चाहते हैं। इसे देखते हुए हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज समेत कई कॉलेजों स्कूल के छात्र फाइन आर्ट की ट्रेनिंग ले रहे हैं। फैशन की इस दुनिया में फाइन आर्ट्स की तरफ की युवा आकर्षित हो रहे हैं। इसके अलावा जिन छात्रों का रुझान पेंटिंग, मूर्ति कला और अन्य तरह की कला में है ऐसे छात्रों के लिए फील्ड काफी बेहतर साबित हो सकता है। ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों का कहना है कि फाइन आर्ट के जरिए सिर्फ भारतीय संस्कृति और परंपरा की पहचान बरकरार रखी जा सकती है। बल्कि इस क्षेत्र में बेहतरीन केरियर भी बनाया जा सकता है और मोटी रकम भी कमाई जा सकती है। उनका यह भी कहना है कि यह अभी उभरता हुआ वर्ल्ड है और इसमें कैरियर के अपार संभावना है। इस कारण हम सभी यहां फाइन आर्ट की गूढ़ रहस्य को जान रहे हैं ।छात्रों का यह भी कहना है कि हजारीबाग जैसे शहर में फाइन आर्ट को लेकर किसी तरह की डिग्री की व्यवस्था नहीं है ।हम अगर यहां पर बेसिक जानकारी पा लेंगे तो दिल्ली या बनारस जाकर बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स मे शिक्षा लेंगे और अपना कैरियर बना सकेंगे।


तो दूसरी ओर युवा फाइन आर्ट के ट्रेनर कहते हैं कि उन्हें इस विषय की पढ़ाई तो नहीं की है लेकिन अलग-अलग माध्यम के जरिए जानकारी जरूर पाया है। इस कार ण हजारीबाग के लगभग 700 बच्चे को विभिन्न कॉलेज और स्कूल में जाकर फाइन आर्ट की जानकारी दे रहे हैं। इसमें से कई बच्चे जो गरीब हैं और पेंटिंग में उनका रुझान है वैसे लगभग 500 बच्चे निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है ।शिक्षक भी मानते हैं कि इस क्षेत्र का दायरा काफी बड़ा है ।फाइन आर्ट्स का कोर्स करने के बाद कैरियर बनाने के लिए ऐड डिपार्टमेंट ,अखबार या पत्रिका में कार्टूनिस्ट, एनिमेटर, आदि के तौर पर भी काम किया जा सकता है ।इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिवीजन फिल्म ,थिएटर ,प्रोडक्शन टैक्सटाइल डिजाइनिंग ,एनिमेशन केरियर है।

byte.. शुभम कुमार सोनी प्रशिक्षक
byte... श्रुति मिश्रा छात्रा


Conclusion:कहां जाए तो यह छात्रों में जागरूकता है कि वह अपना कैरियर दूसरे विधा में तलाश कर रहे हैं। कहीं ना कहीं यह एक परिवर्तन कहा जा सकता है।
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