हजारीबाग: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देशभर में बवाल मचा हुआ है. इसे लेकर हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने सीएए पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम नागरिकता देने की बात कर रहे हैं न कि नागरिकता छीनने की.
जयंत सिन्हा ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के वैसे लोग जो दशकों से भारत में रह रहे हैं. हम उन्हें नागरिकता देंगे, ताकि वे रिफ्यूजी अपना जीवन सुधार सके और भारत के नागरिक बन सकें. उन्होंने कहा कि इस बिल की जरूरत काफी समय से रही है. मोदी सरकार ने इस बिल को प्रचंड बहुमत से लोकसभा और राज्यसभा में पास किया है.
उन्होंने एक बार फिर हजारीबाग से महागठबंधन पर आरोप लगाया है कि वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे है और विनाश की राजनीति में हिस्सा ले रहे है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि भ्रम की स्थिति में न रहे बल्कि जो वास्तविकता है उस बात को समझें.
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वहीं, विपक्षियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह पूरे देशभर में भ्रम की स्थिति फैला रहे हैं. एनआरसी और सीएए दोनों अलग-अलग है. उन्होंने यह भी कहा कि एनआरसी अलग मुद्दा है, जिसके ऊपर अब तक न सांसद में बहस हुई है और न कैबिनेट में पास किया गया है, इसलिए दोनों को जोड़ना गलत है. यह दुष्प्रचार के जरिए दोनों को जोड़ा जा रहा है और देश में भ्रम की स्थिति बनाई जा रही है.
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CAA समाज के लिए काफी महत्वपूर्ण
उन्होंने राज्य सरकार से अपील किया कि नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर गंभीर हो और सही बात जनता को बताए. इस मौके पर मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने भी नागरिकता संशोधन कानून की सिफारिश की और कहा कि राज्य सरकार सच्ची बातों को जनता के बीच में रखें. यह बिल समाज के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
केंद्र सरकार यह कोशिश कर रही है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है उस पर विराम लगे और आम जनता इस बिल को सहर्ष स्वीकार करें, लेकिन सरकार के सामने दो तरह की चुनौती है. पहली राज्य सरकार अपने क्षेत्र में उसे लागू करें और दूसरा आम जनता उसे स्वीकार करे.