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हजारीबाग DC ने लगाया पदाधिकारियों पर अर्थदंड, जानें वजह? - अंचलाधिकारी और अंचल निरीक्षक पर आर्थिक दंड

हजारीबाग उपायुक्त ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सेवा का अधिकार अधिनियम उल्लंघन मामले में अंचलाधिकारी और अंचल निरीक्षक पर आर्थिक दंड लगाया है. दरअसल, निश्चित अवधि में पदाधिकारियों के काम पूरा नहीं होने के कारण उपायुक्त ने यह कार्रवाई की है.

Hazaribagh DC imposed penalty on officials
डीसी
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Published : Feb 14, 2020, 9:23 PM IST

हजारीबाग: भूमि के नामकरण यानी दाखिल खारिज को लंबित रखने के आरोप में उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कटकमदाग, चलकुसा, बड़कागांव, बरकट्ठा, विष्णुगढ़, सदर अंचल के अंचलाधिकारी और अंचल निरीक्षक पर 500 से 5000 तक का अर्थदंड लगाया है और उनके वेतन से वसूली का आदेश दिया है. सेवा देने की गारंटी अधिनियम 2011 के तहत यह कार्रवाई की गई है.

देखें पूरी खबर

30 दिनों से अधिक बिना आपत्ति के लंबित आंकड़ों के अनुसार दाखिल खारिज से संबंधित सर्वाधिक 1661 मामले सदर अंचल में लंबित है, जबकि इचाक में 13, कटकमदाग में 571, कटकमसांडी में 91, केरेडारी में 179, चुरचू 34, चलकुसा में 101, चौपारण में 235, टाटीझरिया में 35, डाढ़ी 22, दारू 65, पदमा 50, बड़कागांव 288, बरकट्ठा 55, बरही 65 तथा विष्णुगढ़ में 133 मामले दाखिल खारिज के लंबित हैं, जबकि 90 दिनों से अधिक आपत्ति के साथ संबंधित मामले में सर्वाधिक 24 सदर, 8 विष्णुगढ़, 5 बरकट्ठा, 2 बड़कागांव, 1 पदमा, 2 चलकुस्सा और 1 कटकमदाग में दाखिल खारिज के मामले लंबित हैं.

ये भी देखें- वेलेंटाइन डे पर प्रेमी जोड़े ने दे दी जान, पेड़ पर दुपट्टे से लटका मिला शव

सेवा अधिकार अधिनियम 2011 के कंडिका 8 के धारा के आलोक में कटकमदाग, चलकुसा और बड़कागांव के अंचल अधिकारी और अंचल निरीक्षक पर अलग-अलग 500 रुपए और बरकट्ठा बिष्णुगढ़ और सदर हजारीबाग को क्रमश 1250, 2000 और ₹5000 अर्थदंड लगाया गया है. यह अर्थदंड उनके वेतन से वसूली जाएगी.

वहीं, कहा जाए तो उपायुक्त ने अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि वैसे पदाधिकारी जो सेवा अधिनियम का नियम तोड़ेंगे तो कार्रवाई भी होगी. ऐसे में पदाधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है.

हजारीबाग: भूमि के नामकरण यानी दाखिल खारिज को लंबित रखने के आरोप में उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कटकमदाग, चलकुसा, बड़कागांव, बरकट्ठा, विष्णुगढ़, सदर अंचल के अंचलाधिकारी और अंचल निरीक्षक पर 500 से 5000 तक का अर्थदंड लगाया है और उनके वेतन से वसूली का आदेश दिया है. सेवा देने की गारंटी अधिनियम 2011 के तहत यह कार्रवाई की गई है.

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30 दिनों से अधिक बिना आपत्ति के लंबित आंकड़ों के अनुसार दाखिल खारिज से संबंधित सर्वाधिक 1661 मामले सदर अंचल में लंबित है, जबकि इचाक में 13, कटकमदाग में 571, कटकमसांडी में 91, केरेडारी में 179, चुरचू 34, चलकुसा में 101, चौपारण में 235, टाटीझरिया में 35, डाढ़ी 22, दारू 65, पदमा 50, बड़कागांव 288, बरकट्ठा 55, बरही 65 तथा विष्णुगढ़ में 133 मामले दाखिल खारिज के लंबित हैं, जबकि 90 दिनों से अधिक आपत्ति के साथ संबंधित मामले में सर्वाधिक 24 सदर, 8 विष्णुगढ़, 5 बरकट्ठा, 2 बड़कागांव, 1 पदमा, 2 चलकुस्सा और 1 कटकमदाग में दाखिल खारिज के मामले लंबित हैं.

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वहीं, कहा जाए तो उपायुक्त ने अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि वैसे पदाधिकारी जो सेवा अधिनियम का नियम तोड़ेंगे तो कार्रवाई भी होगी. ऐसे में पदाधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है.

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