हजारीबाग: राजस्थान के कोटा में उत्तर प्रदेश-बिहार-झारखंड समेत देश के दूसरे राज्यों के हजारों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग विषयों की कोचिंग के लिए आते हैं. यह सभी छात्र 25 मार्च से फंसे हैं. इसी कड़ी में फंसे बच्चे को अपने घर लाने को लेकर राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है. जहां राज्य सरकार ने केंद्र पर इसकी जिम्मेदारी बताई है. वहीं हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल ने उनसे मांग की है कि जल्द से जल्द बच्चों को वापस लाने के लिए कदम उठाए जाए.
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बच्चे मानसिक रूप से हो रहे परेशान हो
हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस पर कदम उठाए. उन्होंने कहा कि अभी आरोप-प्रत्यारोप का वक्त नहीं है. हमें कोशिश करना चाहिए जहां तक हो सके बच्चों को राहत मिले. उन्हें वापस राज्य लाया जा सके. उन्होंने यह भी कहा है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश की सरकार ने छात्रों को लाया है उसी तर्ज पर हमलोगों को भी काम करने की जरूरत है. बच्चे इस वक्त मानसिक परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं ऐसे में हमारा यह दायित्व है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को किया ट्वीट
इसी कड़ी में एक सूबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया था कि जब यूपी के बच्चों को लाने के लिए बस भेजी जा सकती है. तो झारखंड के बाहर फंसे बच्चों और मजदूरों के लिए भी ऐसी व्यवस्था करे. केंद्र सरकार झारखंड के साथ यह अन्याय क्यों कर रही है? केंद्र सरकार झारखंड वासियों को जवाब दे.