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हजारीबागः बकरियों का आशियाना बना शौचालय, देखरेख के आभाव में टूटा टॉयलेट - hazaribag news

हजारीबाग के बेढना बारा में सार्वजिक शौचालय सुविधाओं के आभाव में इन दिनों बकरियों का आशियाना बन गया है. इस शौचालय में ग्रामीण अब बकरी बांध रहे हैं. वहीं देखरेख के आभाव में शौचालय की स्तिथि जर्जर हो गई है. जिसके कारण लोग इसमें बकरी बांध रहे हैं.

goats shelters become toilets
बकरियों का आशियाना बना शौचालय
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Published : Feb 26, 2021, 2:22 PM IST

हजारीबागः चौपारण थाना क्षेत्र के बेढना बारा में सार्वजिक शौचालय सुविधाओं के आभाव में इन दिनों बकरियों का आशियाना बन गया है. इस शौचालय में ग्रामीण अब बकरी बांध रहे हैं. इसका एक मात्र कारण सुविधाओं का आभाव और देखरेख की कमी बताया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- हेमंत सरकार के बजट को लेकर दुमका के लोगों की राय, कहा- फायदेमंद हो सकता है बजट

लाखों की लागत से बना यह शौचालय जिस उदेश्य के साथ बनाया गया था, वह पूरा नहीं हो रहा है. आज वह जर्जर स्तिथि में पहुंच गया है. इस शौचालय का उपयोग कभी हुआ भी है, या नहीं यह तो कोई नहीं बता पा रहा है. लेकिन मुखिया प्रतिनिधि मुकुंद साव ने बताया कि काफी पहले इस शौचालय का निर्माण कराया गया था. उस समय शौचालय के ऊपर पानी टंकी की भी व्यवस्था की गई थी. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद वह टंकी गायब दिखी और दरवाजा भी नहीं लगा हुआ दिख रहा है.

देखरेख के आभाव में शौचालय की स्तिथि जर्जर

मुकुंद साव ने कहा कि देखरेख के आभाव में शौचालय की स्तिथि जर्जर हो गई है. बकरी बांधना फिर भी गलत है. शायद इसी वजह से स्थानीय ग्रामीण बकरी रखने का काम कर रहे हैं.
बता दें कि इस शौचालय का अगर मरम्मती कार्य करा दिया जाए और समुचित व्यवस्था का प्रबंध हो जाए तो आस पास के गांव वाले भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे और स्वक्ष्ता पर भी बल मिल सकेगा.

हजारीबागः चौपारण थाना क्षेत्र के बेढना बारा में सार्वजिक शौचालय सुविधाओं के आभाव में इन दिनों बकरियों का आशियाना बन गया है. इस शौचालय में ग्रामीण अब बकरी बांध रहे हैं. इसका एक मात्र कारण सुविधाओं का आभाव और देखरेख की कमी बताया जा रहा है.

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लाखों की लागत से बना यह शौचालय जिस उदेश्य के साथ बनाया गया था, वह पूरा नहीं हो रहा है. आज वह जर्जर स्तिथि में पहुंच गया है. इस शौचालय का उपयोग कभी हुआ भी है, या नहीं यह तो कोई नहीं बता पा रहा है. लेकिन मुखिया प्रतिनिधि मुकुंद साव ने बताया कि काफी पहले इस शौचालय का निर्माण कराया गया था. उस समय शौचालय के ऊपर पानी टंकी की भी व्यवस्था की गई थी. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद वह टंकी गायब दिखी और दरवाजा भी नहीं लगा हुआ दिख रहा है.

देखरेख के आभाव में शौचालय की स्तिथि जर्जर

मुकुंद साव ने कहा कि देखरेख के आभाव में शौचालय की स्तिथि जर्जर हो गई है. बकरी बांधना फिर भी गलत है. शायद इसी वजह से स्थानीय ग्रामीण बकरी रखने का काम कर रहे हैं.
बता दें कि इस शौचालय का अगर मरम्मती कार्य करा दिया जाए और समुचित व्यवस्था का प्रबंध हो जाए तो आस पास के गांव वाले भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे और स्वक्ष्ता पर भी बल मिल सकेगा.

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