हजारीबाग: कटकमदाग में रविवार को रैयतों पर लाठीचार्ज (lathi charge in katakamdag on raiyat) की हर कोई निंदा कर रहा है. अब पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने हजारीबाग में लाठीचार्ज पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस मामले को ठीक से सुलझाने की जरूरत थी. उन्होंने सवाल उठाया कि वहां प्रशासन किस दबाव में काम कर रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि प्रदूषण के कारण जब खेत खराब हो रहे हैं तो रैयतों की बात क्यों नहीं मानी जा रही है. वहां क्यों लाठीचार्ज किया जा रहा है और आंसू गैस के गोले क्यों दागे गए. उन्होंने प्रशासन को रैयतों से बात करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, यह जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है. वो चाहते तो समस्या ही नहीं होती.
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हजारीबाग में बीते रविवार को कटकमदाग थाना क्षेत्र में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इसको लेकर प्रशासन पर लोग सवाल उठा रहे हैं. कई सामाजिक संगठनों और राजनेताओं ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बर्बरता से ग्रामीणों की पिटाई की गई.
यशवंत सिन्हा ने यह सवाल उठाए
इधर सोमवार को हजारीबाग में पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री सह हजारीबाग के पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा ने भी प्रशासन पर सवाल खड़ा किया है.उनका कहना है कि प्रशासन को समय रहते ही मामले को सुलझाने की जरूरत थी. आखिर किसके दबाव में वहां लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. उनका यह भी कहना है कि यह सही है कि वहां प्रदूषण से खेत बर्बाद हो रहे हैं. यही स्थिति कटकमसांडी में भी थी, जहां रैयतों ने विरोध किया था. अब कटकमदाग में भी विरोध हो रहा है. उन्होंने रैयत की मांगों के प्रति प्रशासन को संवेदनशील होने की सलाह दी.