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एक लाख स्कूली बच्चों को भोजन देने के लिए महारसोईघर ले रहा आकार, जानिए सेंट्रलाइज्ड किचन की खासीयत

हजारीबाग के डेमोटांड में अक्षय पात्रा का महारसोईघर अब धीरे-धीरे आकार ले रहा है. रसोईघर से लगभग एक लाख बच्चों को गरमा गरम मिड-डे मील परोसा जाएगा, वह भी स्वादिष्ट और पोषक.

centralized kitchen in Hazaribag
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Published : Sep 11, 2021, 6:52 PM IST

Updated : Sep 14, 2021, 7:18 PM IST

हजारीबाग: सांसद जयंत सिन्हा का ड्रीम प्रोजेक्ट अक्षय पात्रा का महारसोईघर अब आकार लेना शुरू कर दिया है. भवन बनाने के लिए जोर शोर से काम भी किया जा रहा है. इस रसोइघर में एक साथ 565 स्कूलों का मिड-डे मील तैयार होगा और बच्चों को परोसा जाएगा. एक लाख बच्चे इस रसोई घर से बना खाना खा पाएंगे. इस योजना की शुरुआत 2017 में हुई थी. उस वक्त जयंत सिन्हा राज्य मंत्री थे. तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ला की उपस्थिति में अक्षय पात्र फाउंडेशन के स्वामी व्योमपद दास और जिला शिक्षा पदाधिकारी की उपस्थिति में इसका शिलान्यास हुआ था. संक्रमण के कारण भवन बनाने की रफ्तार थोड़ी कम हुई लेकिन फिर से मजदूर और टेक्निकल एक्सपर्ट भवन बनाने में जुट गए हैं.

ये भी पढ़ें- सिर्फ खिचड़ी खाने स्कूल जाते हैं बच्चे, नशे की लत का हो रहे शिकार

सांसद जयंत सिन्हा की पहल पर ही इस योजना की शुरुआत हजारीबाग में हुई थी. जयंत सिन्हा भी कहते हैं कि बच्चों को स्वादिष्ट भोजन मिलेगा. जिससे बच्चों की पढ़ाई में भी पूरा ध्यान लगेगा. स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन देने से वे स्वस्थ भी रहेंगे और जिसका लाभ शिक्षा में मिलेगा.

देखें पूरी खबर
मार्च 2022 में हो जाएगा तैयार

रांची का राज कंस्ट्रक्शन ने भवन बनाने का जिम्मा लिया है. 2021 मार्च तक भवन बनाकर हैंडओवर करने का करार हुआ था. लेकिन किसी न किसी कारण से काम पूरा नहीं हो पाया. अब मार्च 2022 तक भवन तैयार करने का टारगेट बनाया गया है. इस महारसोईघर में बड़े-बड़े गोदाम बनाए गए हैं. तेल के लिए बड़े-बड़े अंडरग्राउंड टैंक तैयार किए गए हैं. वहीं ईट भी जो लगाया जा रहा है वह फायरप्रूफ है. अत्याधुनिक मशीन से खाना बनाया जाएगा. मशीन लगाने के लिए प्लेटफार्म भी तैयार किया जा रहा है. साइट इंचार्ज कहते हैं कि यह रसोईघर पूरे देश भर का हाइटेक किचन बनकर सामने आने वाला है.

centralized kitchen in Hazaribag
सेंट्रलाइज्ड किचन की खासीयत
मिड-डे मील की गुणवत्ता हमेशा से विद्यालय में हंगामा और विवाद का विषय बनता रहा है. भोजन की गुणवत्ता खराब होने से एक दशक में 100 से अधिक शिक्षक पर कार्रवाई भी हो चुकी है. कई शिक्षकों पर एफआईआर तक हुआ है. इसका सीधा असर विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है. अब सेंट्रलाइज्ड किचन में भोजन बनने से शिक्षक बच्चों की पढ़ाई पर पूरी तरह से ध्यान लगा सकेंगे.
चार घंटे तक खाना रहेगा गर्म

वर्तमान समय में अक्षय पात्रा 12 राज्यों में मिड-डे मील बनाने और पहुंचाने का काम कर रही है. इनके रसोईघर से शहरी क्षेत्र के स्कूलों में भोजन पहुंचाया जाता है. हाइटेक वाहन में 4 घंटे तक भोजन गर्म रहता है. एक ही कुकर में एक लाख बच्चों के लिए दाल और चावल तैयार किया जाता है. संस्था के द्वारा कुकर का आकार बच्चों की संख्या के अनुसार तय की जाता है.

हजारीबाग: सांसद जयंत सिन्हा का ड्रीम प्रोजेक्ट अक्षय पात्रा का महारसोईघर अब आकार लेना शुरू कर दिया है. भवन बनाने के लिए जोर शोर से काम भी किया जा रहा है. इस रसोइघर में एक साथ 565 स्कूलों का मिड-डे मील तैयार होगा और बच्चों को परोसा जाएगा. एक लाख बच्चे इस रसोई घर से बना खाना खा पाएंगे. इस योजना की शुरुआत 2017 में हुई थी. उस वक्त जयंत सिन्हा राज्य मंत्री थे. तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ला की उपस्थिति में अक्षय पात्र फाउंडेशन के स्वामी व्योमपद दास और जिला शिक्षा पदाधिकारी की उपस्थिति में इसका शिलान्यास हुआ था. संक्रमण के कारण भवन बनाने की रफ्तार थोड़ी कम हुई लेकिन फिर से मजदूर और टेक्निकल एक्सपर्ट भवन बनाने में जुट गए हैं.

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सांसद जयंत सिन्हा की पहल पर ही इस योजना की शुरुआत हजारीबाग में हुई थी. जयंत सिन्हा भी कहते हैं कि बच्चों को स्वादिष्ट भोजन मिलेगा. जिससे बच्चों की पढ़ाई में भी पूरा ध्यान लगेगा. स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन देने से वे स्वस्थ भी रहेंगे और जिसका लाभ शिक्षा में मिलेगा.

देखें पूरी खबर
मार्च 2022 में हो जाएगा तैयार

रांची का राज कंस्ट्रक्शन ने भवन बनाने का जिम्मा लिया है. 2021 मार्च तक भवन बनाकर हैंडओवर करने का करार हुआ था. लेकिन किसी न किसी कारण से काम पूरा नहीं हो पाया. अब मार्च 2022 तक भवन तैयार करने का टारगेट बनाया गया है. इस महारसोईघर में बड़े-बड़े गोदाम बनाए गए हैं. तेल के लिए बड़े-बड़े अंडरग्राउंड टैंक तैयार किए गए हैं. वहीं ईट भी जो लगाया जा रहा है वह फायरप्रूफ है. अत्याधुनिक मशीन से खाना बनाया जाएगा. मशीन लगाने के लिए प्लेटफार्म भी तैयार किया जा रहा है. साइट इंचार्ज कहते हैं कि यह रसोईघर पूरे देश भर का हाइटेक किचन बनकर सामने आने वाला है.

centralized kitchen in Hazaribag
सेंट्रलाइज्ड किचन की खासीयत
मिड-डे मील की गुणवत्ता हमेशा से विद्यालय में हंगामा और विवाद का विषय बनता रहा है. भोजन की गुणवत्ता खराब होने से एक दशक में 100 से अधिक शिक्षक पर कार्रवाई भी हो चुकी है. कई शिक्षकों पर एफआईआर तक हुआ है. इसका सीधा असर विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है. अब सेंट्रलाइज्ड किचन में भोजन बनने से शिक्षक बच्चों की पढ़ाई पर पूरी तरह से ध्यान लगा सकेंगे.
चार घंटे तक खाना रहेगा गर्म

वर्तमान समय में अक्षय पात्रा 12 राज्यों में मिड-डे मील बनाने और पहुंचाने का काम कर रही है. इनके रसोईघर से शहरी क्षेत्र के स्कूलों में भोजन पहुंचाया जाता है. हाइटेक वाहन में 4 घंटे तक भोजन गर्म रहता है. एक ही कुकर में एक लाख बच्चों के लिए दाल और चावल तैयार किया जाता है. संस्था के द्वारा कुकर का आकार बच्चों की संख्या के अनुसार तय की जाता है.

Last Updated : Sep 14, 2021, 7:18 PM IST
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