हजारीबागः जिले के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चा बदलने का मामला देर रात प्रकाश में आया है. बात इतनी बढ़ गई कि हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल को अस्पताल आकर दोनों परिवारों को समझाना पड़ा. अंत में डीएनए टेस्ट करवा कर बच्चा सुपुर्द करने की बात कही गई है. ऐसे में एक बच्चे को अस्पताल प्रबंधन ने अपने कस्टडी में रखा है, वहीं दूसरा बच्चा दूसरे परिवार के साथ है.
दरअसल पूरा मामला यह है कि इटखोरी नगवा के रहने वाली शोभा देवी को देर शाम बच्चा हुआ. परिजन को यह बताया गया कि उसे लड़का हुआ है. उनके परिजन ने बच्चे को गोद में लिया. बच्चा खिलाने के बाद वापस नर्स को बच्चा सुपूर्द कर दिया गया. दोबारा उन्हें बताया गया कि वो बच्चा उनका नहीं है. उन्गें लड़की हुई है. इसी बात को लेकर बवाल मच गया. शोभा देवी के परिजन कहते हैं कि उनके बच्चे को ही बदल दिया गया है. पहले नर्स ने लड़का कहा और बाद में लड़की कह कर बच्चा दे रही है.
वहीं दूसरा परिवार बड़कागांव का रहने वाला है. मरीज का नाम दीपिका और उनके पति का नाम चतुर्भुज कुमार राणा है. इन्हें भी देर शाम में बच्चा हुआ. कहा जा रहा है कि उनके ही बच्चे को गलती से अस्पताल प्रबंधन ने शोभा देवी को खिलाने के लिए दे दिया. बहरहाल यह मामला काफी सुर्खियों में है.
हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने मामले को शांत करते हुए दोनों परिवार को समझाया है. इस बात पर परिजन तैयार हुए हैं कि डीएनए टेस्ट के बाद ही बच्चा जिसका है उसे दिया जाएगा. तब तक बच्चा अस्पताल प्रबंधन के अधीन रहेगा.
यह पहला मामला नहीं है कि जब मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चा बदलने की घटना सामने आई हो. बहरहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि अस्पताल प्रबंधन डीएनए टेस्ट कब करती है और बच्चा किसे मिलता है.
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