हजारीबाग: विगत 2 महीने से नगवा स्थित टोल प्लाजा को लेकर विवाद बढ़ रहा है. स्थानीय ग्रामीण इस टोल प्लाजा का लगातार विरोध कर रहे हैं. इस बाबत धरना, प्रदर्शन, घेराव, अनशन सब कुछ हो चुका है. इधर एक बार फिर से ग्रामीण टोल प्लाजा को लेकर आंदोलन करने की तैयारी में जुट गए हैं. हजारीबाग के विधायक मनीष जयसवाल भी इस बात से सहमत है कि आने वाले समय में परेशानी हो सकती है. ऐसे में इस समस्या का समाधान करना बेहद जरूरी है.
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टोल प्लाजा को लेकर समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इसे लेकर ग्रामीण आंदोलन भी कर रहे हैं. विगत दिनों ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठे थे. मंत्री के आश्वासन देने के बाद अनशन तो तोड़ा गया, लेकिन अभी भी टोल प्लाजा के निकट ग्रामीण बैठे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि हजारीबाग नगवा इचाक समेत आसपास के गांव के लिए निशुल्क व्यवस्था टोल प्लाजा पर की जाए. साथ ही साथ स्थानीय लोगों को नौकरी दी जाय और टोल प्लाजा के आसपास की चाहरदीवारी को हटाया जाए.
इस बात को लेकर हो रहा विवाद
सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया गया था कि स्थानीय लोगों को नौकरी दी जाएगी और चाहरदीवारी भी हटाई जाएगी, लेकिन अब तक निशुल्क व्यवस्था को लेकर सरकार की ओर से किसी भी तरह का आश्वासन नहीं दिया गया है. ऐसे में विरोध का स्वर फिर से तेज होता जा रहा है. इस बाबत हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल का कहना है कि आने वाले समय में यह टोल प्लाजा विवाद का कारण बन सकता है. ऐसे में अगर टोल प्लाजा को नेशनल पार्क के आगे पदमा के आसपास ले जाया जाए तो इस समस्या का समाधान हो जाए. जिससे बरही के लोगों को भी सहूलियत होगी और हजारीबाग के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.
केंद्रीय परिवहन मंत्री को भी दी गई है जानकारी
विधायक ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति चौपारण से रांची जाता है तो उसे तीन जगह टोल देना पड़ता है अगर यह पदमा के आसपास बना दिया जाए तो बरही के लोगों को भी रियायत मिलेगी. 270 रुपये का स्थानीय शुल्क देखकर वह अपनी गाड़ी को 1 महीने के लिए रजिस्टर्ड करा सकते हैं, जिससे सस्ता भी पड़ेगा. इचाक, नगवा समेत कई गांव के लोग जब हजारीबाग आएंगे तो उन्हें टोल देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस बाबत विधायक ने परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी पत्राचार किया है और इन्हीं मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट किया है.