हजारीबाग: कोरोना काल के दौरान झारखंड समेत पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खुल गई थी. कहीं बेड का संकट था तो कहीं वेंटिलेटर की कमी. हजारीबाग की भी हालत इससे अलग नहीं थी. इधर, किसी तरह समस्या से निजात के लिए कदम उठाए गए तो वे लेटलतीफी की भेंट चढ़ गए. दो साल पहले हजारीबाग के चुरचू प्रखंड में डीएमएफटी फंड से तैयार किया जा रहा 30 बेड का अस्पताल अब तक पूरा नहीं हो सका है. जबकि फिलहाल कोरोना पर नियंत्रण भी कर लिया गया है.
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बता दें कि चुरचू प्रखंड में सीएचसी का अपना कोई नया भवन नहीं है. इधर दो साल पहले जब कोरोना से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे तो प्रशासन चेता. खनन से प्रभावित क्षेत्र होने से ऐसे क्षेत्रों के लिए बनाए गए डीएमएफटी फंड से अस्पताल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया. लेकिन दो साल बाद भी यह हॉस्पिटल बनकर तैयार नहीं हो सका. चुरचू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी इन्दर कुमार का कहना है कि जब सीएचसी का नया भवन बन जाएगा तो हॉस्पिटल भी वहां शिफ्ट हो जाएगा. लेकिन तब तक के लिए आम जनता को अस्पताल से लाभ मिल पाएगा.