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हद है लेटलतीफी की! कोरोना पर हो गया नियंत्रण पर नहीं बन सका कोविड अस्पताल - डीएमएफटी फंड की स्थापना

सरकारी काम में लेटलतीफी तमाम योजनाओं को मकसद से दूर कर देती है. इसी की बानगी है हजारीबाग के चुरचू प्रखंड में कोविड अस्पताल निर्माण की. दो साल पहले शुरू कराए गए अस्पताल निर्माण का काम अब भी पूरा नहीं हो सका है, जबकि कोविड पर काफी हद तक नियंत्रण लग गया है.

delay in construction of covid hospital in churchu block Hazaribag
हजारीबाग के चुरचू प्रखंड में कोविड अस्पताल
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Published : Apr 4, 2022, 8:44 PM IST

हजारीबाग: कोरोना काल के दौरान झारखंड समेत पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खुल गई थी. कहीं बेड का संकट था तो कहीं वेंटिलेटर की कमी. हजारीबाग की भी हालत इससे अलग नहीं थी. इधर, किसी तरह समस्या से निजात के लिए कदम उठाए गए तो वे लेटलतीफी की भेंट चढ़ गए. दो साल पहले हजारीबाग के चुरचू प्रखंड में डीएमएफटी फंड से तैयार किया जा रहा 30 बेड का अस्पताल अब तक पूरा नहीं हो सका है. जबकि फिलहाल कोरोना पर नियंत्रण भी कर लिया गया है.

ये भी पढ़ें-चाईबासाः अस्थायी कोविड अस्पताल का ग्रामीणों ने किया विरोध, BDO को सौंपा ज्ञापन


बता दें कि चुरचू प्रखंड में सीएचसी का अपना कोई नया भवन नहीं है. इधर दो साल पहले जब कोरोना से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे तो प्रशासन चेता. खनन से प्रभावित क्षेत्र होने से ऐसे क्षेत्रों के लिए बनाए गए डीएमएफटी फंड से अस्पताल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया. लेकिन दो साल बाद भी यह हॉस्पिटल बनकर तैयार नहीं हो सका. चुरचू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी इन्दर कुमार का कहना है कि जब सीएचसी का नया भवन बन जाएगा तो हॉस्पिटल भी वहां शिफ्ट हो जाएगा. लेकिन तब तक के लिए आम जनता को अस्पताल से लाभ मिल पाएगा.

delay in construction of covid hospital in churchu block Hazaribag
हजारीबाग के चुरचू प्रखंड में कोविड अस्पताल
देखें पूरी खबर
दरअसल, खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए डीएमएफटी फंड की स्थापना की गई है. चुरचू प्रखंड के अंतर्गत सीसीएल की खदान है. इससे खर्च की योजना जिला प्रशासन द्वारा तैयार की जाती है. उपायुक्त इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं. पिछले उपायुक्त द्वारा इस योजना से अस्पताल बनाने की सहमति प्रदान की गई थी. लेकिन अस्पताल बनाने की रफ्तार इतनी धीमी रही कि 2 साल बीत जाने के बाद भी अस्पताल बनकर तैयार नहीं हुआ. इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी का कहना है कि हम लोगों ने योजना बनाकर दी थी, उस पर काम चल रहा है.

हजारीबाग: कोरोना काल के दौरान झारखंड समेत पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खुल गई थी. कहीं बेड का संकट था तो कहीं वेंटिलेटर की कमी. हजारीबाग की भी हालत इससे अलग नहीं थी. इधर, किसी तरह समस्या से निजात के लिए कदम उठाए गए तो वे लेटलतीफी की भेंट चढ़ गए. दो साल पहले हजारीबाग के चुरचू प्रखंड में डीएमएफटी फंड से तैयार किया जा रहा 30 बेड का अस्पताल अब तक पूरा नहीं हो सका है. जबकि फिलहाल कोरोना पर नियंत्रण भी कर लिया गया है.

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बता दें कि चुरचू प्रखंड में सीएचसी का अपना कोई नया भवन नहीं है. इधर दो साल पहले जब कोरोना से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे तो प्रशासन चेता. खनन से प्रभावित क्षेत्र होने से ऐसे क्षेत्रों के लिए बनाए गए डीएमएफटी फंड से अस्पताल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया. लेकिन दो साल बाद भी यह हॉस्पिटल बनकर तैयार नहीं हो सका. चुरचू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी इन्दर कुमार का कहना है कि जब सीएचसी का नया भवन बन जाएगा तो हॉस्पिटल भी वहां शिफ्ट हो जाएगा. लेकिन तब तक के लिए आम जनता को अस्पताल से लाभ मिल पाएगा.

delay in construction of covid hospital in churchu block Hazaribag
हजारीबाग के चुरचू प्रखंड में कोविड अस्पताल
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दरअसल, खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए डीएमएफटी फंड की स्थापना की गई है. चुरचू प्रखंड के अंतर्गत सीसीएल की खदान है. इससे खर्च की योजना जिला प्रशासन द्वारा तैयार की जाती है. उपायुक्त इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं. पिछले उपायुक्त द्वारा इस योजना से अस्पताल बनाने की सहमति प्रदान की गई थी. लेकिन अस्पताल बनाने की रफ्तार इतनी धीमी रही कि 2 साल बीत जाने के बाद भी अस्पताल बनकर तैयार नहीं हुआ. इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी का कहना है कि हम लोगों ने योजना बनाकर दी थी, उस पर काम चल रहा है.
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