हजारीबाग: शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा.... दिवाली के मौके पर पिछले 7 सालों से हजारीबाग शहीद स्मारक पर दीपोत्सव मनाया जा रहा है. बुधवार की देर शाम स्थानीय परिसदन के सामने स्थित शहीद स्मारक सैकड़ों दीपों से जगमगा उठा. शहीद स्मारक पर दीप जलाकर मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की शहादत को याद किया गया. शहीदों की याद में आस्था के साथ दीपक जलाए गए तो हर तरफ वीरता और रोशनी फैल गई.
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आयोजन समिति से जुड़े सदर विधायक मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उन शहीदों को श्रद्धांजलि देना है, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ बलिदान दिया. दीये भी हुदहुडु के स्थानीय स्कूल के शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग बच्चों द्वारा भावनाओं के रंग भरकर तैयार किये गये थे और स्थानीय कुम्हारों के दीयों का सदुपयोग करना था.
शहीद के परिजनों ने की कार्यक्रम की शुरुआत: इस मौके पर शहीद सुभाष बारला की मां पूनम बारला और खिरगांव के शहीद संदीप पॉल के भाई मनीष पॉल भी मौजूद थे. इन दोनों के हाथों से 'एक दीया शहीदों के नाम' कार्यक्रम की शुरुआत की गई. शहीद सुभाष माला की मां पूनम बारला ने कहा कि एक जवान देश के लिए शहीद होता है और जब उसकी याद में इस तरह का कार्यक्रम होता है तो दिल खुश हो जाता है. जिस तरह हम अपने घर में भगवान के सामने एक दीया जलाते हैं, उसी तरह एक दीया शहीद जवानों के नाम भी जलाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि मैं एक शहीद की मां हूं.
सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र: स्मारक स्थल पर आकर्षक सेल्फी प्वाइंट बेहद आकर्षक थे. तिरंगे को फूल-पत्तियों से सजाया गया और उस पर एक दीया शहीदों के नाम लिखा गया. थीम के साथ लोग खुद को तस्वीरों में कैद करने पर मजबूर हो गए. वहीं मनभावन और आकर्षक रंगोली के बीच जलते दीपक की लौ से पूरा परिसर जगमगा रहा था और पूर्व सैनिक संघ सहित कई शहीद परिवारों के परिजनों और कार्यक्रम में शामिल लोगों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय हिंद के नारों से पूरा माहौल गुंजायमान कर दिया. कार्यक्रम के दौरान हजारीबाग के मशहूर आरंभ बैंड और अभिजीत साउंड एंड रिकॉर्डिंग स्टूडियो से जुड़े कलाकारों ने एक से बढ़कर एक देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये.