हजारीबाग: हजारीबाग हमेशा से राजनीति का आकर्षण केंद्र रहा है. यहां से यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा भारत सरकार के मंत्री रह चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर केबी सहाय ने संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री होने को गौरव प्राप्त किया है. ऐसे में राजनीतिक गलियारे में हजारीबाग कई नजरों में खास है. लेकिन इधर हालिया घटनाक्रम यह इशारा कर रहे हैं कि यहां राजनीतिक गलियारे में काफी उठा-पटक होने की संभावना है.
कांग्रेस की स्थिति लगातार हो रही है कमजोर
हजारीबाग में विगत 1 सप्ताह में हजारों कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. प्रदीप प्रसाद ने रविवार को कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया जो समाजसेवी के साथ-साथ पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भी रह चुके हैं. उनके साथ हजारों कार्यकर्ता भी शामिल हुए. तो वहीं, अब आनंद देव भी हजारीबाग के कई अधिवक्ता, व्यापारी ,सेवा प्राप्त अधिकारी और आम जनता के साथ भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं.
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कौन हैं आनंद देव
हजारीबाग में आजादी के पहले से आनंद देव का परिवार कांग्रेस के लिए काम करता रहा है. दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि इस पार्टी ने हजारीबाग में कांग्रेस को सींचा है. आलम यह है कि उनके परिवार के कई लोग कांग्रेस खेमे से मंत्री तक रह चुके हैं. ऐसे में आनंद देव का कांग्रेस छोड़ना कई लोगों की समझ से परे होता जा रहा है. जबकि आनंद देव ने यह घोषणा तक कर दी है कि वे अपनी भाभी और सैकड़ों समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने जा रहे हैं. इस बाबत सोमवार के दिन भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उन्हें सदस्यता ग्रहण कराने के लिए हजारीबाग भी आने वाले हैं.
क्यों थाम रहे हैं भाजपा का दामन
आनंद देव का कहना है की वह भारतीय जनता पार्टी के साथ होने का एकमात्र कारण है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के कायल हो गए हैं. उनकी जो देश के प्रति सोच है वह उन्हें पार्टी की ओर आकर्षित कर रहा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा उन्हें जो भी दायित्व देगी वे वह दायित्व बखूबी निभाएंगे. वहीं कांग्रेस पार्टी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पथ भ्रष्ट हो चुकी है.