हजारीबाग: जिले में कांग्रेस 20 फरवरी को ट्रैक्टर रैली सह किसान सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है. इसे लेकर तैयारी का जायजा लेने के लिए झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, बरही विधायक उमाशंकर अकेला, बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, रामगढ़ विधायक ममता देवी, मांडू विधायक बंधु तिर्की समेत पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता हजारीबाग पहुंचे.
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तीन राउंड की हुई बैठक
हजारीबाग में 20 फरवरी को होने जा रही ट्रैक्टर रैली सह किसान सम्मेलन को सफल बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. हजारीबाग में कार्यक्रम का जायजा लेने के लिए झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, बरही विधायक उमाशंकर अकेला, बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, रामगढ़ विधायक ममता देवी, मांडू विधायक बंधु तिर्की समेत पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता हजारीबाग पहुंचे. इस दौरान उनलोगों ने तीन राउंड की बैठक की, जिसमें हर स्तर पर यह चर्चा की गई कि कैसे इस कार्यक्रम को सफल बनाया जाए.
कार्यक्रम को सफल बनाने पर रणनीति
इस दौरान हजारीबाग जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया. वहीं, बोकारो, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा, रामगढ़ और धनबाद जिले से पहुंचे पार्टी के जिला अध्यक्ष ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए रणनीति बनाई. इस दौरान यह तय किया गया कि विभिन्न क्षेत्रों से ट्रैक्टर हजारीबाग के मटवारी मैदान पहुंचेगा, जहां ट्रैक्टर रैली सह किसान सम्मेलन का आयोजन होगा. इस दौरान पार्टी के नेता अपनी बात किसानों के समक्ष रखेंगे. पार्टी का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान हजारीबाग के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों ट्रैक्टर पहुंचेंगे. इस पूरे कार्यक्रम में झारखंड प्रदेश के प्रभारी आरपीएन सिंह भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा कई किसान संगठनों से भी संपर्क साधा गया है, वह भी हजारीबाग पहुंचेंगे.
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केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि यह रैली ऐतिहासिक होने जा रहा है. किसानों के कहने पर ही इस रैली का आयोजन हो रहा है. केंद्र सरकार ने बिना इजाजत लिए किसानों पर यह काला कानून थोप दिया है, जो न्याय उचित नहीं है. इस कानून को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने जा रहे हैं. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे भी इस सम्मेलन में पहुंचे और इस कानून के बारे में जानकारी ले, साथ ही सरकार पर दबाव बनाए कि वह इस कानून को वापस ले.