हजारीबाग: हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार दशहरा असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इस बार विजयादशमी के अवसर पर रावण दहन नहीं किया गया. सरकार ने स्पष्ट रूप से इस बाबत गाइडलाइन भी जारी किया था. ऐसे में बच्चे रावण दहन नहीं होने पर काफी मायूस थे, लेकिन हजारीबाग के कानी बाजार के कौलेश्वरी बाबू कॉलोनी के छोटे-छोटे बच्चों ने खुद से ही रावण बनाया और फिर रावण दहन भी किया.
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ऐसे में बच्चे भी काफी उत्साहित रहे. बच्चे कहते हैं कि वह कोरोना के कारण पूजा में मेला घूमने भी नहीं गए और रावण दहन भी नहीं हुआ, लेकिन अपने घरों के बाहर ही छोटा सा रावण बनाया और दहन किया, साथ ही यह प्रण लिया कि कभी भी असत्य और बुराई की राह पर नहीं चलेंगें. रावण दहन भारतीय संस्कृति का भी प्रतीक है. हमारे बच्चे उस संस्कृति के धरोहर को आगे ले जाएंगे. कोरोना के कारण भले ही सरकार के आदेश के कारण रावण दहन नहीं हुआ, लेकिन हजारीबाग के बच्चों ने रावण का प्रतिरूप बनाकर दहन किया.