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हजारीबाग शहर के बीचोबीच है बुद्धकालीन शिवलिंग, ये है खासियत

हजारीबाग शहर को ऐतिहासिक शहर के रूप में भी देखा जाता है. यहां कई ऐसे धरोहर हैं, जो इसे विशेष पहचान देते हैं. इसी में से एक है बुढ़वा महादेव. हजारीबाग शहर के बीचोबीच बुढ़वा महादेव मंदिर स्थित है जो बुद्ध कालीन शिवलिंग के रूप में जाना जाता है.

Buddha carpet temple is situated in hazaribag
शिवलिंग
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Published : Feb 20, 2020, 10:19 PM IST

हजारीबाग: महाशिवरात्रि के अवसर पर हर एक शिवालयों में विशेष आयोजन किया जाता है, जहां भक्त पहुंचकर महादेव पर अभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ऐसे में कुछ मंदिर बेहद खास है. जहां सबसे अधिक भीड़ भी उमड़ती है, ऐसे में हजारीबाग का बुढ़वा महादेव बेहद खास है.

देखें पूरी खबर

बुढ़वा महादेव के बारे में कहा जाता है कि यह बुद्धकालीन शिवलिंग है. हजारीबाग से भगवान बुद्ध गुजर रहे थे और इसी जगह उन्होंने रात्रि विश्राम किया था. बाद में इसी जगह शिवलिंग निकला, जिसे बुढ़वा महादेव शिवलिंग के रूप में जाना जाता है. इस शिवलिंग को अगर गौर से देखा जाए तो इसके चारों ओर बुद्ध की मूर्ति उभरी हुई है और मूर्ति के ऊपर में गड्ढे की आकृति है, जहां हमेशा पानी जमा रहता है.

ये भी देखें- बासुकीनाथ मंदिर में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने की पूजा-अर्चना, राज्य को साक्षर बनाने का मांगा आशीर्वाद

यह शिवलिंग इटखोरी के शिवलिंग से मिलता-जुलता है. इस कारण भी हजारीबाग के बुढ़वा महादेव को बुद्धकालीन शिवलिंग भी कहा जाता है. वहीं, यहां के पंडित कहते हैं कि पांच पीढ़ी से हम इस मंदिर में पूजा करा रहे हैं. ऐसी मान्यता भी है कि इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से मांगता है, उसकी मुराद भी पूरी होती है. इस कारण दूरदराज से लोग भी यहां पहुंचते हैं. हजारीबाग के लोगों को बुढ़वा महादेव से काफी गहरा लगाव भी है. इस कारण समाज का हर एक तबका यहां आपको मिल जाएगा.

हजारीबाग: महाशिवरात्रि के अवसर पर हर एक शिवालयों में विशेष आयोजन किया जाता है, जहां भक्त पहुंचकर महादेव पर अभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ऐसे में कुछ मंदिर बेहद खास है. जहां सबसे अधिक भीड़ भी उमड़ती है, ऐसे में हजारीबाग का बुढ़वा महादेव बेहद खास है.

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बुढ़वा महादेव के बारे में कहा जाता है कि यह बुद्धकालीन शिवलिंग है. हजारीबाग से भगवान बुद्ध गुजर रहे थे और इसी जगह उन्होंने रात्रि विश्राम किया था. बाद में इसी जगह शिवलिंग निकला, जिसे बुढ़वा महादेव शिवलिंग के रूप में जाना जाता है. इस शिवलिंग को अगर गौर से देखा जाए तो इसके चारों ओर बुद्ध की मूर्ति उभरी हुई है और मूर्ति के ऊपर में गड्ढे की आकृति है, जहां हमेशा पानी जमा रहता है.

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