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हजारीबाग पहुंची पुरात्तव विभाग की टीम, बौद्ध धर्म से जुड़े हो सकते हैं यहां के इतिहास के तार

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Published : Nov 27, 2019, 10:30 PM IST

हजारीबाग जिले के सीतागढ़ा पहाड़ी के तलहटी में इतिहास के कई पन्ने दफ्न हैं, इसे लेकर पटना के पुरात्तव विभाग की टीम पहुंच कर खुदाई कर रही है. माना जा रहा है कि हजारीबाग के इतिहास बौद्ध धर्म से जुड़े हो सकते हैं.

Archaeological department team reached Hazaribag
खुदाई में मिले टीले

हजारीबाग: जिले के सीतागढ़ा पहाड़ी के तलहटी में इतिहास के कई पन्ने दफ्न हैं. इतिहास के इन पन्नों को खंगालने और दुनिया के सामने यहां के इतिहास की सच्चाई लाने के लिए बुधवार को खुदाई कार्य शुरू कर दिया गया है. माना जा रहा है कि हजारीबाग हजारों साल से अपने सीने में बौद्ध अवशेषों को दबाए हुए है. इस बाबत बुधवार को भारतीय पुरातत्व विभाग से पटना इकाई के विशेषज्ञ सीतागढ़ा के बहोरनपुर पहुंचे और खुदाई का कार्य शुरू करेगी.

देखें पूरी खबर


साधारण खुदाई पर भी मिलती है मूर्तियां
बहोरणपुर गांव के लोगों के घरों के सामने भी कई मूर्तियां देखी जा सकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कुआं या फिर कहीं खुदाई होती है तो यहां से मूर्तियां और ईंट के टुकड़े, मृदभांड समेत कई सामान निकलते हैं. गांव के लोग उस मूर्ति को या तो घर के बाहर या फिर अपने घर के अंदर सहेज कर रख लेते हैं. कुछ मूर्तियां बाहर रहने से खराब भी हो रही हैं, उन मूर्तियों का भी अब पुरातात्विक विभाग जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी.


बुद्ध से जुड़ा हो सकता हो इतिहास
पहली खुदाई बहोरनपुर गांव के इटावा टीला के पास से शुरू किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि यह जो टिला है वह बौद्ध स्तूप होने के संकेत दे रहे हैं. स्थानीय लोगों की मदद से झाड़ी और खरपतवार को हटाया गया और पुरातात्विक विशेषज्ञ वहां उत्खनन का कार्य कर रहे हैं. इस बाबत पटना की भारतीय पुरातत्व विभाग के पदाधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया क्योंकि उनका कहना है कि अभी किसी भी तरह का बयान देना जल्दबाजी होगा.

ये भी पढ़ें: ओवैसी 30 नवबंर को आएंगे जमशेदपुर, AIMIM प्रत्याशी रैयाज शरीफ के समर्थन में करेंगे चुनावी सभा


अन्य जगहों पर भी शुरू हो सकती है खुदाई
वहीं, वहां के मुखिया ने बताया कि विभाग ने यह संकेत दिया है कि यहां पुरानी सभ्यता के साक्ष्य मिल सकते हैं. वहीं, पुरातात्विक विभाग रांची इकाई की टीम भी हजारीबाग पहुंची है जो हजारीबाग के कई क्षेत्रों का मुआयना कर रही है. कहा जाए तो रांची की टीम सर्वे करके अपने इनपुट्स विभाग के साथ साझा करेगी और आने वाले समय में कई अन्य जगहों पर भी खुदाई के कार्य शुरू हो सकते हैं.

हजारीबाग: जिले के सीतागढ़ा पहाड़ी के तलहटी में इतिहास के कई पन्ने दफ्न हैं. इतिहास के इन पन्नों को खंगालने और दुनिया के सामने यहां के इतिहास की सच्चाई लाने के लिए बुधवार को खुदाई कार्य शुरू कर दिया गया है. माना जा रहा है कि हजारीबाग हजारों साल से अपने सीने में बौद्ध अवशेषों को दबाए हुए है. इस बाबत बुधवार को भारतीय पुरातत्व विभाग से पटना इकाई के विशेषज्ञ सीतागढ़ा के बहोरनपुर पहुंचे और खुदाई का कार्य शुरू करेगी.

देखें पूरी खबर


साधारण खुदाई पर भी मिलती है मूर्तियां
बहोरणपुर गांव के लोगों के घरों के सामने भी कई मूर्तियां देखी जा सकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कुआं या फिर कहीं खुदाई होती है तो यहां से मूर्तियां और ईंट के टुकड़े, मृदभांड समेत कई सामान निकलते हैं. गांव के लोग उस मूर्ति को या तो घर के बाहर या फिर अपने घर के अंदर सहेज कर रख लेते हैं. कुछ मूर्तियां बाहर रहने से खराब भी हो रही हैं, उन मूर्तियों का भी अब पुरातात्विक विभाग जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी.


बुद्ध से जुड़ा हो सकता हो इतिहास
पहली खुदाई बहोरनपुर गांव के इटावा टीला के पास से शुरू किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि यह जो टिला है वह बौद्ध स्तूप होने के संकेत दे रहे हैं. स्थानीय लोगों की मदद से झाड़ी और खरपतवार को हटाया गया और पुरातात्विक विशेषज्ञ वहां उत्खनन का कार्य कर रहे हैं. इस बाबत पटना की भारतीय पुरातत्व विभाग के पदाधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया क्योंकि उनका कहना है कि अभी किसी भी तरह का बयान देना जल्दबाजी होगा.

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अन्य जगहों पर भी शुरू हो सकती है खुदाई
वहीं, वहां के मुखिया ने बताया कि विभाग ने यह संकेत दिया है कि यहां पुरानी सभ्यता के साक्ष्य मिल सकते हैं. वहीं, पुरातात्विक विभाग रांची इकाई की टीम भी हजारीबाग पहुंची है जो हजारीबाग के कई क्षेत्रों का मुआयना कर रही है. कहा जाए तो रांची की टीम सर्वे करके अपने इनपुट्स विभाग के साथ साझा करेगी और आने वाले समय में कई अन्य जगहों पर भी खुदाई के कार्य शुरू हो सकते हैं.

Intro:हजारीबाग के सीतागढ़ा पहाड़ी के तलहटी में इतिहास के कई पन्ने दफन है ।आज से इतिहास के पन्नों को दुनिया के सामने लाने के लिए खुदाई कार्य शुरू कर दिया गया ।माना जा रहा है कि हजारो साल पहले से अपने सीने में बौद्ध अवशेषों को दबाए हुए है ।


Body:बुधवार को भारतीय पुरातत्व विभाग पटना इकाई के विशेषज्ञ सीतागढ़ा के बहोरनपुर पहुंचे ।जहां विभाग के द्वारा विधिवत खुदाई का कार्य शुरू किया गया ।पहली खुदाई बहोरनपुर गांव के इटावा टीला के पास से शुरू किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जो टिला है वह बौद्ध स्तूप होने के संकेत दे रहे हैं। स्थानीय लोगों की मदद से झाड़ी और खरपतवार को हटाया गया है और अब पुरातात्विक विशेषज्ञ वहां उत्खनन का कार्य करेंगे। इस बाबत पटना की भारतीय पुरातत्व विभाग के पदाधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया क्योंकि उनका कहना है कि अभी किसी भी तरह का बयान देना जल्दबाजी होगा ।लेकिन वहां के स्थानीय मुखिया ने बताया कि विभाग के द्वारा यह संकेत दिए गए हैं कि यहां पुरानी सभ्यता के साक्ष मिल सकते हैं। वहीं पुरातात्विक विभाग रांची इकाई की भी टीम हजारीबाग पहुंची है जो हजारीबाग के कई क्षेत्रों का मुआयना कर रही है। कहा जाए तो रांची की टीम सर्वे करके अपने इनपुट्स विभाग के साथ साझा करेगी और आने वाले समय में कई अन्य जगहों पर भी खुदाई के कार्य शुरू हो सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि हजारीबाग बौद्ध सर्किट का टुकड़ा रहा होगा।

बहोरणपुर गांव के लोगों के घरों के सामने भी कई मूर्तियां देखी जा सकती है ।स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कुआं या फिर कहीं खुदाई होती है तो यहां से मूर्तियां और ईंट के टुकड़े, मृदभांड समेत कई सामान निकलते हैं। गांव के लोग उस मूर्ति को या तो घर के बाहर या फिर अपने घर के अंदर सहेज कर रखे हैं ।कुछ मूर्तियां बाहर रहने से खराब भी हो रही हैं ।उन मूर्तियों का भी अब पुरातात्विक विभाग जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी।

byte..... महेश तिग्गा मुखिया गुरूहेत पंचायत

wkt.....


Conclusion:आने वाले समय में भारतीय पुरातात्विक विभाग हजारीबाग के सीने में छिपे ऐतिहासिक पहलुओं का खुलासा करेगी ।जिससे हजारीबाग का नाम पूरे विश्व में फैलेगा ।जरूरत है यहां की जनता और प्रशासन को विभाग की मदद करने की ताकि पुरातात्विक विभाग जल्द से जल्द अपना काम पूरा कर सके।
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