रांचीः झारखंड सरकार आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार अभियान जोर-शोर के साथ चला रही है. जिसका उद्देश्य आम जनता तक पहुंचना है. संक्रमण के दौरान लोग अपने घरों में थे. इस दौरान कई काम अधूरे पड़े थे. उन काम को गति देने के उद्देश्य से अभियान की शुरुआत की गई है. इसी क्रम में झारखंड सरकार के सचिव कमल किशोर सोन हजारीबाग पहुंचे और कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
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इन दिनों सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार अभियान के तहत आम जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. झारखंड सरकार 'आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार' अभियान चला रही है. इस अभियान की शुरुआत झारखंड सरकार द्वारा स्थापना दिवस के अवसर पर की गयी है. हजारीबाग की बात की जाए तो अब तक लगभग 80,000 आवेदन इस कार्यक्रम के जरिए पहुंचा है. जिसमें लगभग 30,000 से अधिक आवेदनों का निपटारा भी किया गया है. उपायुक्त ने एक महत्वपूर्ण जानकारी इस दौरान दी कि अब जो भी व्यक्ति पेंशन के लिए आ रहे हैं, उन सभी को पेंशन दिया जाएगा. पहले टारगेट रहता था इस कारण पेंशन सभी को नहीं मिलता था लेकिन अब वह सीमा सरकार के द्वारा हटा दी गयी है.
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त कमल जॉन लकड़ भी कार्यक्रम में हजारीबाग के सदर प्रखंड के सखिया पंचायत पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार अनेक कार्यक्रम और योजना आमजनों के लिए लाती है, लेकिन सभी का लाभ जन-जन तक नहीं पहुंच पाता है. जनता योजनाओं का लाभ लेने के लिए कार्यालय का चक्कर लगाते रहते हैं, परंतु वृद्धा पेंशन, आवास योजना, लगान रसीद, आदि जैसे गंभीर समस्याओं का समय से निष्पादन नहीं हो पाता है. सरकार आपकी समस्या के प्रति काफी संवेदनशील है और उनकी यही मंशा है कि आपकी अपेक्षाओं, आपकी समस्याओं एवं जन-जन का कल्याण निचले स्तर तक हो. जिसके मद्देनजर सरकार द्वारा 'आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम का आयोजन सरकार की एक विश्वसनीय पहल है.वहीं रांची से पहुंचे अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कमल किशोर सोरेन ने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम बेहद ही मददगार ग्रामीणों के लिए होगा. संक्रमण के दौरान कई लोग घर पर थे और उन्हें कई योजनाओं का लाभ नहीं मिला था, इस अभियान के तहत वैसे लोग लाभान्वित होंगे.सखिया पंचायत के मुखिया ने भी कहा कि जिस तरह यह कार्यक्रम संपादित हो रहा है और भारी संख्या में लोग शिविर तक पहुंच रहे हैं, इससे स्पष्ट होता है कि ग्रामीण अंचल या जिला कार्यालय तक नहीं पहुंच पाते थे. अब सरकार ही उनके द्वार तक पहुंची है. जिससे ग्रामीणों की समस्या का समाधान होगा.कार्यक्रम के दौरान कई परिसंपत्तियों का वितरण पदाधिकारियों के हाथों किया गया. लेकिन जिस तरह से शिविर में सैकड़ों की संख्या में आवेदन प्रतिदिन पहुंच रहे हैं. इससे यह भी सवाल खड़ा होता है कि आम कार्य दिवस के दौरान ग्रामीण सरकारी लाभ लेने के लिए कार्यालय तक क्यों नहीं पहुंचते हैं.