हजारीबागः झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने प्रमंडलीय कृषि एवं पशुपालन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों से कहा कि निर्धारित समय पर लक्ष्य पूरा करें. किसी स्तर पर कार्य में कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी.
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हजारीबाग सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में पीएल खाता, कृषि ऋण माफी योजना, खरीफ और रबी बीज वितरण, पीएम सिंचाई योजना, एग्री क्लिनिक योजना, उर्वरक, स्वाइल हेल्थ कार्ड, यूरिया की गुणवत्ता, डिजिटल अपडेट रिपोर्ट और केसीसी आदि योजनाओं की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई. हजारीबाग के साथ साथ रामगढ़, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा, बोकारो, धनबाद के कृषि पदाधिकारी ने बारी-बारी से योजनाओं की जानकारी दी. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने हजारीबाग के कृषि पदाधिकारी को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी कि केसीसी का लक्ष्य पूरा नहीं करने पर पदाधिकारियों को चिन्हित कर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
निर्धारित लक्ष्य को करें पूरा
हजारीबाग जिले की बात करें तो 15 हजार 515 किसानों को केसीसी ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जबकि लाभुकों की संख्या 35 हजार 394 हैं. इसके साथ ही प्रखंड स्तर पर 36 हजार 247 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसमें 33 हजार 968 प्रक्रियारत हैं. बैठक में उपस्थित कृषि सचिव ने बैंकों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई कर स्वीकृत आवेदनों की संख्या बढ़ाएं. कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 58 हजार 483 किसानों में से 16 हजार 787 किसानों को कृषि ऋण माफी योजना का लाभ मिल चुका है. इस पर विभागीय सचिव ने निर्देश दिया कि पंचायतों में लग रहे शिविर में अधिक से अधिक आवेदनों को प्राप्त करना सुनिश्चित करें.
कृषि ऋण माफी योजना में संतोषजन कार्य नहीं
कृषि मंत्री ने कृषि ऋण माफी योजना की वर्तमान स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ब्लॉक एवं बैंक समन्वय बनाकर कार्यों का निष्पादन करें. उन्होंने कहा कि ई-केवाईसी डाटा अपलोडिंग को अगले 10 दिनों के भीतर पूरा करें. उन्होंने कहा कि राज्य और जिले के किसान हर हाल में संतुष्ट होने चाहिए. उन्होंने कहा कि केसीसी लोन में हजारीबाग 26 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त की है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है. कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत 10 हजार लाभुकों को चिन्हित करना था. इसमें सिर्फ 500 लाभुकों का चयन किया किया गया हैं, जो निराशाजनक स्थिति है.
कार्य प्रणाली में करें सुधार
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि किसान शब्द जहां भी प्रयोग हो, वहां बिरसा किसान का नाम जोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि कृषक मित्र अच्छा काम कर रहे हैं. कृषक मित्र का सहयोग लेकर लक्ष्य को शीघ्र पूरा करें. उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर कार्य प्रणाली में सुधार नहीं दिखा तो संबंधित पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.