हजारीबागः जिले के बरही थाना अंतर्गत लोहार टोली में एक महिला मुन्नी देवी और उसके दोनों बच्चों को बेघर कर श्रीनगर गांव के एक परिवार ने कब्जा कर लिया था. इस मामले में घर खाली कराने के लिए शुक्रवार को बरही प्रशासन दल बल के साथ मौके पर पहुंचा. इसके बाद प्रशासन ने विवादित घर में कब्जा कर रहे श्रीनगर गांव के निवासी महादेव यादव की पत्नी और उसकी बहू को घर से निकालकर ताला जड़ दिया.
यह कार्रवाई एसडीएम बरही के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी नाजिया फिरोज, बरही सीओ ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव, थाना प्रभारी उत्तम कुमार तिवारी ने की है.
अनुमंडल न्यायालय में 145 का मामला
कार्यपालक दंडाधिकारी नाजिया अफरोज और सीओ ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बरही अनुमंडल न्यायालय में 145 का मामला चल रहा है. उसी के आलोक में एसडीएम के आदेशानुसार उक्त मकान में मुन्नी देवी और उनके दोनों बच्चों को पुनः घर भेजने की कार्रवाई की गई. प्रशासन को देख घर में कब्जा किए महादेव यादव की पत्नी और बहू ने दरवाजा खोलने से इनकार किया.
काफी मशक्कत के बाद प्रशासन ने घर में प्रवेश किया. घर में प्रवेश करते ही महादेव यादव की बहू ने कार्यपालक दंडाधिकारी नाजिया अफरोज और महिला पुलिसकर्मियों पर मिट्टी का तेल छिड़क दिया. मौके पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया. कार्यपालक दंडाधिकारी ने घर से दोनों को बाहर कर मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ दिया और दोनों को थाना ले गई. बरही थाने में सास और बहू को समझाने बुझाने के बाद उन्हें पैतृक आवास श्रीनगर भेज दिया गया.
इसे भी पढ़ें- पलामू में लॉकडाउन के बाद अनलॉक हुई महंगाई, बाजार से ग्राहक हुए नदारत
घर पर किया था कब्जा
बरही लोहारटोली निवासी इंदर विश्वकर्मा की पत्नी मुन्नी देवी और उसके छोटे-छोटे दो बच्चों को श्रीनगर गांव के महादेव यादव और उनके परिजनों ने खुद को घर का मालिक बताते हुए पिछले 12 अक्टूबर को घर से बाहर कर दिया. यहां तक की घर में रखा सारा सामान भी बाहर फेंक दिया, जिसके कारण मुन्नी देवी और उसके दोनों बच्चे सड़क पर आ गए.
बेघर हुई मुन्नी देवी ने बरही थाना में मामला दर्ज करवाया था, जिसमें श्रीनगर गांव के महादेव यादव, उनका पुत्र संतोष यादव, उनकी पत्नी और बहु और एक अन्य पर प्राथमिकी दर्ज है. वहीं बरही के न्यायालय अनुमंडल दंडाधिकारी में भी वाद दायर किया गया.
बेघर करने और महिला के साथ छेड़खानी करने के आरोप में पुलिस ने श्रीनगर गांव निवासी महादेव यादव और उनके पुत्र संतोष यादव को घटना के दूसरे दिन जेल भेज दिया. वहीं, 48 घंटे के अंदर मकान खाली करवाने को लेकर पिछले 31 अक्टूबर को घर के बाहर एक नोटिस भी चिपकाया, लेकिन महादेव यादव और उनके परिजनों ने मकान खाली नहीं किया था.