गुमला: सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रयास कर रही है. इनकी कोशिश है कि भारत की हर महिला आत्मनिर्भर हो. वे न सिर्फ अपनी आजीविका चला सकें बल्कि दूसरे को भी रोजगार दें. इसी क्रम में गुमला जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर बसिया प्रखंड के सोलंगबिरा गांव की महिलाएं स्वावलंबी हो रही हैं.
अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं महिलाएं
कल तक इनके पास खेती के अलावा और कोई जरिया नहीं था, लेकिन आज झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित जोहार परियोजना से लेयर पोल्ट्री फार्मिंग कर रही हैं और रोजाना 150 से 200 रुपए तक की आमदनी कर रही हैं.
पोल्ट्री फार्मिंग से महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर
पोल्ट्री फार्मिंग के लिए इन महिलाओं ने स्वावलंबी सहकारी समिति बनाकर लेयर फार्मिंग के तहत अंडा उत्पादन का काम शुरू किया है. मुर्गियों की अच्छी देखभाल और दाना पानी का नतीजा ये निकला कि इन्हें अच्छी आमदनी होने लगी है. इन महिलाओं की कामयाबी की गूंज अब दूसरे जिलों में भी सुनाई दे रही है.
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महिलाएं दिखा रहीं दूसरों को राह
15 नवंबर 2017 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झारखंड जोहार योजना का शुभारंभ किया था. झारखंड सरकार द्वारा संचालित योजना विश्व बैंक द्वारा बाह्य वित्त पोषित है, जिसमें गुमला जिले के बसिया प्रखंड में लेयर पोल्ट्री फार्मिंग में कुल 300 शेड बनाए गए हैं. जिससे महिलाओं को काफी लाभ मिल रहा है. इन महिलाओं ने जिस तहर से काम शुरू किया है उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. दूसरे गावों के कई महिलाएं भी हैं जो पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़ कर आत्म निर्भर होना चाहती हैं.