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4 लोगों की पीट-पीटकर मौत पर हो सकता है बड़ा खुलासा, बहू पर हत्या करवाने का शक

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Published : Jul 24, 2019, 10:32 AM IST

Updated : Jul 24, 2019, 12:29 PM IST

गुमला मे कुछ दिन पहले अंधविश्वास के चक्कर में चार लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शक की सुई मृतक दो लोगों के बहु पर गहराती जा रही है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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गुमला: जिले के सिसई थाना क्षेत्र के सिसकारी गांव में 20 जुलाई की रात अंधविश्वास के चक्कर में 4 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. मरने वालों में एक दंपति सहित एक महिला और एक पुरुष शामिल थे. चारों की हत्या से पूर्व पहान-पुजार की अगुवाई में रात में गांव के अखाड़ा में एक बैठक की गई थी. बैठक खत्म होने के बाद चारों पर ओझा-गुणी का आरोप लगाते हुए गांव को बिगाड़ने का आरोप लगाकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.

देखें पूरी खबर

हत्या के बाद मृतक सुना उरांव की बेटी ने गांव के 16 लोगों पर नामजद और 50 से 60 अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कराया था. फिलहाल पुलिस के डर से हर कोई गांव से भाग गया है. गांव के दूसरे टोले की महिलाओं ने दबी जुबान हत्या की वजह बताई. दरअसल, इस हत्याकांड में मारे गए दंपति चांपा भगत एवं पीरों देवी की बहू नेहा भी ओझा का काम करती थी. वह चाहती थी कि उसके सास-ससुर ओझा गुनी का काम छोड़ दें ताकि उसका कारोबार अच्छे से चले. इस बात को लेकर पिछले कई महीनों से नेहा की अपने सास-ससुर से लड़ाई झगड़े हो रहे थे. जब सास-ससुर ने ओझा-गुनी का काम नहीं छोड़ा तो वह अपने पति के साथ अलग रहने लगी थी.

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कहा जा रहा है कि जिस रात चारों की हत्या की गई थी उस रात की बैठक में दंपति की बहू भी शामिल थी. जो बार-बार गांव वालों को अपने सास-ससुर के खिलाफ गांव बिगाड़ने का आरोप लगा रही थी. जबकि ग्रामीण बैठक में यह निर्णय ले चुके थे कि अगर गांव इन चारों ने गांव बिगाड़ा है तो गांव को फिर से ठीक करने के लिए जो खर्च आएगा वह खर्च चारों लोग देंगे. सभी की सहमति बनी फिर बैठक समाप्त कर दी गई सभी लोग अपने अपने घर चले गए.

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लेकिन जब गांववालों ने सुबह देखा कि चारों वृद्धों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. जब मामले की जानकारी पुलिस को हुई तो घटना की जानकारी गांववालों से ले रही थी लेकिन कोई भी इस मामले पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं था. ग्रामीणों का कहना था कि अज्ञात नकाबपोश लोग आए थे. जिनकी संख्या 8 से 10 थी उन्होंने हत्याकांड को अंजाम दिया है. लेकिन जब इस मामले पर 16 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई और इनमें से आठ आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इधर, गांववाले यह कह रहे हैं कि इस मामले पर बेगुनाहों को भी फंसाया जा रहा है.

गुमला: जिले के सिसई थाना क्षेत्र के सिसकारी गांव में 20 जुलाई की रात अंधविश्वास के चक्कर में 4 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. मरने वालों में एक दंपति सहित एक महिला और एक पुरुष शामिल थे. चारों की हत्या से पूर्व पहान-पुजार की अगुवाई में रात में गांव के अखाड़ा में एक बैठक की गई थी. बैठक खत्म होने के बाद चारों पर ओझा-गुणी का आरोप लगाते हुए गांव को बिगाड़ने का आरोप लगाकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.

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हत्या के बाद मृतक सुना उरांव की बेटी ने गांव के 16 लोगों पर नामजद और 50 से 60 अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कराया था. फिलहाल पुलिस के डर से हर कोई गांव से भाग गया है. गांव के दूसरे टोले की महिलाओं ने दबी जुबान हत्या की वजह बताई. दरअसल, इस हत्याकांड में मारे गए दंपति चांपा भगत एवं पीरों देवी की बहू नेहा भी ओझा का काम करती थी. वह चाहती थी कि उसके सास-ससुर ओझा गुनी का काम छोड़ दें ताकि उसका कारोबार अच्छे से चले. इस बात को लेकर पिछले कई महीनों से नेहा की अपने सास-ससुर से लड़ाई झगड़े हो रहे थे. जब सास-ससुर ने ओझा-गुनी का काम नहीं छोड़ा तो वह अपने पति के साथ अलग रहने लगी थी.

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कहा जा रहा है कि जिस रात चारों की हत्या की गई थी उस रात की बैठक में दंपति की बहू भी शामिल थी. जो बार-बार गांव वालों को अपने सास-ससुर के खिलाफ गांव बिगाड़ने का आरोप लगा रही थी. जबकि ग्रामीण बैठक में यह निर्णय ले चुके थे कि अगर गांव इन चारों ने गांव बिगाड़ा है तो गांव को फिर से ठीक करने के लिए जो खर्च आएगा वह खर्च चारों लोग देंगे. सभी की सहमति बनी फिर बैठक समाप्त कर दी गई सभी लोग अपने अपने घर चले गए.

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लेकिन जब गांववालों ने सुबह देखा कि चारों वृद्धों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. जब मामले की जानकारी पुलिस को हुई तो घटना की जानकारी गांववालों से ले रही थी लेकिन कोई भी इस मामले पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं था. ग्रामीणों का कहना था कि अज्ञात नकाबपोश लोग आए थे. जिनकी संख्या 8 से 10 थी उन्होंने हत्याकांड को अंजाम दिया है. लेकिन जब इस मामले पर 16 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई और इनमें से आठ आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इधर, गांववाले यह कह रहे हैं कि इस मामले पर बेगुनाहों को भी फंसाया जा रहा है.

Intro:गुमला : जिले के सिसई थाना क्षेत्र के सिसकारी गांव में 20 /21 जुलाई की रात में अंधविश्वास में आकर 4 वृद्ध लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी . मरने वालों में एक दंपति सहित एक महिला और एक पुरुष शामिल थे . चारों की हत्या से पूर्व पहान - पुजार की अगुवाई में रात में गांव के अखाड़ा में एक बैठक की गई थी । बैठक समाप्त होने के बाद चारों पर ओझा- गुणी का आरोप लगाते हुए गांव को बिगाड़ने का आरोप लगाकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी । हत्या के बाद मृतक सुना उरांव की बेटी ने गांव के 16 लोगों पर नामजद एवं 50 से 60 अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कराया था । जिसके बाद पुलिस ने इस मामले पर 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दी है , जबकि अन्य अभी भी फरार हैं ।


Body:हत्याकांड के मामले की हकीकत जानने के लिए जब ईटीवी भारत गांव पहुंची तो गांव में सन्नाटा था । सिसकारी की गलियों में ना कोई पुरुष थे और ना कोई महिला । गांव की हर गलियों में सिर्फ पुलिस के जवान और अधिकारी ही दिखाई दे रहे थे । पुलिस के भय से हर कोई गांव से भाग गए थे । जब ई टीवी भारत गांव के दूसरे टोले में पहुंचा । तब दबी जुबान में कुछ महिलाओं ने हत्या की वजह बताई । दरअसल इस हत्याकांड में मारे गए दंपति चांपा भगत एवं पीरों देवी की बहू नेहा भी भक्ताइन का काम करती थी । और वह चाहती थी कि उसके सास- ससुर ओझा गुनी का काम छोड़ दें ताकि उसका भक्ताइन का कारोबार अच्छा से चले और वाह खूब पैसा कमाए । इस बात को लेकर पिछले कई महीनों से नेहा की अपने सास-ससुर से लड़ाई झगड़े हो रहे थे । जब सास-ससुर ओझा गुनी का काम नहीं छोड़े ।।तो वह अपने पति के साथ अलग रहने लगी थी। कुछ दिन पूर्व पहान और पुजार की अगुवाई में रांची जिले के मांडर थाना क्षेत्र में भक्ताईन करने वाली एक महिला के पास कुछ गांव वाले गए थे जहां भक्ताईन ने गांव बिगाड़ने वाले लोगों का हुलिया ग्रामीणों को बताया गांव वापस आकर गांव वालों ने बताए गए हुलिया के आधार पर गांव के ही चांपा भगत, पीरी देवी, सुना उरांव और फगनी देवी पर गांव बिगाड़ने का शक किया । जिसके बाद गांव में दो-तीन दिन बैठक की गई थी । जिस रात चारों वृद्ध की हत्या की गई थी उस रात की बैठक में दंपति की बहू भी शामिल थी । जो बार-बार गांव वालों को अपने सास-ससुर के खिलाफ गांव बिगाड़ने का आरोप लगा रही थी । जबकि ग्रामीण बैठक में यह निर्णय ले चुके थे कि अगर गांव इन चारों ने गांव बिगाड़ा है तो गांव को फिर से ठीक करने के लिए जो खर्च आएगा वह खर्च चारों लोग देंगे । सभी की सहमति बनी फिर बैठक समाप्त कर दी गई सभी लोग अपने अपने घर चले गए । लेकिन जब गांव वाले सुबह उठे तो देखा कि चारों वृद्धों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है । जिसके बाद जब मामले की जानकारी पुलिस को हुई तो पुलिस घटना की जानकारी गांव वालों से ले रही थी । लेकिन कोई भी इस मामले पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं था । ग्रामीणों का कहना था कि अज्ञात नकाबपोश लोग आए थे । जिनकी संख्या 8 से 10 थी उन्होंने हत्याकांड को अंजाम दिया है । लेकिन जब इस मामले पर 16 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई और इनमें से आठ आरोपियों की गिरफ्तारी हुई । तब गांव में जो बेगुनाह है वह दबी जुबान में मृतक दंपति की बहू पर हत्या करने की साजिश का शक कर रहे हैं ।


Conclusion:अब जब इस हत्याकांड के मामले पर 16 ग्रामीणों पर नामजद प्राथमिकी हुई और उसके बाद उन लोगों की गिरफ्तारियां शुरू हुई । तो ऐसे में गांव वाले डर गए और कई ऐसे ग्रामीण हैं जो पुलिस की डर से टूट गए हैं । गांव वाले यह कह रहे हैं कि इस मामले पर जो बेगुनाह है उन्हें फंसाया जा रहा है । पुलिस बेगुनाहों को पकड़ रही है । अगर पुलिस वाकई में इस मामले का उद्भेदन करना चाहती है तो वह सही रूप से अनुसंधान करें और बेगुनाहों को इस मामले पर जेल ना भेजें । ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि इस हत्याकांड में वे लोग शामिल नहीं थे । बावजूद इसके उनका नाम इस हत्याकांड में शामिल कर लिया गया है।

बाईट 1: सुमित्रा देवी
बाईट 2: ललिता देवी
Last Updated : Jul 24, 2019, 12:29 PM IST
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