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विकास योजनाओं के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का हो रहा है दोहन, पढ़ें ये खबर

गुमला में सड़क निर्माण के लिए पहाड़ को तोड़े जाने के बाद अब उस जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और वहां पानी जमा हो गया है. सबसे बड़ी बात यह है की सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है. इसके बावजूद कंपनी के द्वारा अभी भी बड़ी मात्रा में बोल्डर, चिप्स और डस्ट का भंडारण किया गया है.  इसको बाजारों में खुलेआम बेचा जा रहा है.

विकास योजनाओं के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का हो रहा है दोहन
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Published : Jun 22, 2019, 5:08 PM IST

गुमला: जिले में सड़क निर्माण कराने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों को पत्थर लीज का लाइसेंस दिया गया है. उसी लाइसेंस के आधार पर सड़क निर्माण में लगी कंपनियां सड़क निर्माण पूरा हो जाने के बाद भी पत्थर उत्खनन कर उसका डस्ट, बोल्डर, चिप्स आदि बनाकर बाजार में धड़ल्ले से बेच रही हैं. पत्थरों के उत्खनन के बाद अब उस जगह पर लोगों की जान खतरे में आन पड़ी है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

गुमला में आरसीडी के माध्यम से अरबों रुपए की लागत से कई बड़ी-बड़ी सड़कें बनाई जा रही हैं. इसके लिए सड़क निर्माण में लगी कंपनियों को जिस जगह पर सड़क बनानी है, उस इलाके में स्थित पत्थर के पहाड़ को सरकार के द्वारा कंपनियों को लीज पर दिया जाता है. इसमें उत्खनन कर कंपनियां सड़कें बना सकें. इसी में से एक कंपनी है शिवालया कंस्ट्रक्शन, जो बसिया प्रखण्ड क्षेत्र में सड़क का निर्माण करा रही है. इसके लिए शिवालया कंस्ट्रक्शन को बसिया प्रखंड क्षेत्र के तेतरा गांव के पास पहाड़ को लीज पर दिया गया.

सड़क निर्माण के लिए पहाड़ को तोड़े जाने के बाद अब उस जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और वहां पानी जमा हो गया है. सबसे बड़ी बात यह है की सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है. इसके बावजूद कंपनी के द्वारा अभी भी बड़ी मात्रा में बोल्डर, चिप्स और डस्ट का भंडारण किया गया है. इसको बाजारों में खुलेआम बेचा जा रहा है.

कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. अब यहां से कंपनी दूसरी जगह पर मिले नए कार्य को करने के लिए जाएगी. मामले को लेकर उपायुक्त ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियों को जेनरल लीज दी गई है. इसकी वजह से सड़कों का कार्य पूर्ण होने के बावजूद लीज का उपयोग कर सकते हैं.

गुमला: जिले में सड़क निर्माण कराने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों को पत्थर लीज का लाइसेंस दिया गया है. उसी लाइसेंस के आधार पर सड़क निर्माण में लगी कंपनियां सड़क निर्माण पूरा हो जाने के बाद भी पत्थर उत्खनन कर उसका डस्ट, बोल्डर, चिप्स आदि बनाकर बाजार में धड़ल्ले से बेच रही हैं. पत्थरों के उत्खनन के बाद अब उस जगह पर लोगों की जान खतरे में आन पड़ी है.

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गुमला में आरसीडी के माध्यम से अरबों रुपए की लागत से कई बड़ी-बड़ी सड़कें बनाई जा रही हैं. इसके लिए सड़क निर्माण में लगी कंपनियों को जिस जगह पर सड़क बनानी है, उस इलाके में स्थित पत्थर के पहाड़ को सरकार के द्वारा कंपनियों को लीज पर दिया जाता है. इसमें उत्खनन कर कंपनियां सड़कें बना सकें. इसी में से एक कंपनी है शिवालया कंस्ट्रक्शन, जो बसिया प्रखण्ड क्षेत्र में सड़क का निर्माण करा रही है. इसके लिए शिवालया कंस्ट्रक्शन को बसिया प्रखंड क्षेत्र के तेतरा गांव के पास पहाड़ को लीज पर दिया गया.

सड़क निर्माण के लिए पहाड़ को तोड़े जाने के बाद अब उस जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और वहां पानी जमा हो गया है. सबसे बड़ी बात यह है की सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है. इसके बावजूद कंपनी के द्वारा अभी भी बड़ी मात्रा में बोल्डर, चिप्स और डस्ट का भंडारण किया गया है. इसको बाजारों में खुलेआम बेचा जा रहा है.

कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. अब यहां से कंपनी दूसरी जगह पर मिले नए कार्य को करने के लिए जाएगी. मामले को लेकर उपायुक्त ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियों को जेनरल लीज दी गई है. इसकी वजह से सड़कों का कार्य पूर्ण होने के बावजूद लीज का उपयोग कर सकते हैं.

Intro:गुमला : जिले में विकास योजनाओं के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन धड़ल्ले से किया जा रहा है । जिसको ना तो कोई रोक रहा है ,और ना ही कोई देख रहा है । दरअसल गुमला जिला में सड़क निर्माण कराने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों को पत्थर लीज का लाइसेंस दिया गया है ।और उसी लाइसेंस के आधार पर सड़क निर्माण में लगी कंपनियां सड़क निर्माण पूरा हो जाने के बाद भी पत्थर उत्खनन कर उसका डस्ट ,बोल्डर , चिप्स आदि बनाकर बाजार में धड़ल्ले से बेच रहे हैं । इस सब के बीच में प्राकृतिक सौंदर्य खत्म हो जा रहा है । जहां पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा है वहां बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं । उनमें पानी जमा हो गई है । पत्थरों के उत्खनन के बाद अब उस जगह पर लोगों की जान खतरे में आन पड़ी है । क्योंकि अगर कोई इंसान या जानवर वहाँ पर जाता है और गलती से वह गड्ढे में गिर जाता है तो उसकी जान जानी निश्चित है ।


Body:गुमला जिला में आरसीडी के माध्यम से अरबों रुपए की लागत से कई बड़ी बड़ी सड़के बनाई जा रही हैं । जिसके लिए सड़क निर्माण कार्य में लगी कंपनियों को जिस जगह पर सड़क बनाई जानी है उस इलाके में स्थित पत्थर के पहाड़ को सरकार के द्वारा कंपनियों को लीज पर दिया जाता है । जिसमें उत्खनन कर कंपनियां सड़के बना सके । इसी में से एक कंपनी है शिवालया कंस्ट्रक्शन जो बसिया प्रखण्ड क्षेत्र में सड़क का निर्माण करा रहा है । जिसके लिए शिवालया कंस्ट्रक्शन को बसिया प्रखंड क्षेत्र के तेतरा गांव के समीप पहाड़ को लीज पर दिया गया था । सड़क निर्माण के लिए पहाड़ को तोड़े जाने के बाद अब उस जगह बड़े-बड़े गड्ढे बनाए हैं और वहां पानी जमा हो गई है । सबसे बड़ी बात यह है की सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है । इसके बावजूद कंपनी के द्वारा अभी भी बड़ी मात्रा में बोल्डर, चिप्स और डस्ट का भंडारण किया गया है । जिसको बाजारों में खुलेआम बेचा जा रहा है । कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है अब यहां से कंपनी दूसरे जगह पर मिले नए कार्य को करने के लिए जाएगी ।
बाईट : मुन्ना कुमार ( कर्मचारी , शिवालिया कंस्ट्रक्शन )


Conclusion:सड़क निर्माण कार्य में लगी कंपनियां के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों को दोहन किए जाने के मामले को लेकर जब जिले के उपायुक्त से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियों को जेनरल लीज दिया गया है । जिसके कारण सड़कों का कार्य पूर्ण होने के बावजूद लीज का उपयोग कर सकते हैं ।
बाईट : शशि रंजन ( उपायुक्त ,गुमला )
अब ऐसे में सरकार के द्वारा जो नियम बनाई गई है उस नियम में ही काफी त्रुटियां हैं । जिसके कारण लीज लेने वाली कंपनियां इसका फायदा उठा रही है । ऐसे में सरकार को चाहिए की विकास योजनाओं के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियां को लीज तो दिया जाना चाहिए । लेकिन उससे पहले सरकार के द्वारा है यह नियम लानी जानी चाहिए कि जितनी सड़क निर्माण में पत्थरों का उपयोग हो उतना ही पत्थर उत्खनन करने की अनुमति दी जाए । इसके साथ ही सड़क निर्माण पूरा होने तक ही उन्हें लीज के माध्यम से उत्खनन करने की अनुमति प्रदान की जाए । ताकि जो प्राकृतिक संसाधन है उसका दोहन होने से बचाया जा सके ।
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