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लोहरदगा: आयुष्मान भारत योजना में घोटाला, एक ही गांव के लोगों को मरीज बनाकर निकाला जा रहा पैसा

लोहरदगा में भारत सरकार की आयुष्मान योजना में भ्रष्ट्राचार का मामला सामने आया है. योजना के तहत उन सभी का गोल्डन कार्ड बनाया गया. इसके बाद गोल्डन कार्ड से पैसे की निकासी इलाज के नाम पर की गई. स्वास्थ्य विभाग को जब इस बात की शिकायत मिली, तो विभाग हरकत में आ गया.

आयुष्मान भारत योजना में घोटाला
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Published : Jul 18, 2019, 12:04 PM IST

Updated : Jul 19, 2019, 1:08 PM IST

लोहरदगा: सरकार की महत्वपूर्ण आयुष्मान भारत योजना में घोटाला सामने आया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ गई है. सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया. इसके बाद शहर के कई निजी अस्पतालों में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई.

वीडियो में देखें पूरी खबर

अमलीया गांव के दर्जन भर से ज्यादा मरीजों को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. वहां पर आयुष्मान भारत योजना के तहत उन सभी का गोल्डन कार्ड बनाया गया. इसके बाद गोल्डन कार्ड से पैसे की निकासी इलाज के नाम पर की गई. स्वास्थ्य विभाग को जब इस बात की शिकायत मिली, तो विभाग हरकत में आ गया. इससे साफ है कि योजना में भ्रष्टचार के लिए पूरे मामले को अंजाम दिया गया.

छापेमारी में टीम को कई जरूरी जानकारियां हाथ लगी हैं. अब टीम मामले की पूरी जांच और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. बताया जा रहा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरे जिले के एक ही गांव के कई ग्रामीणों को मरीज बनाकर पहले तो निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, फिर उनके गोल्डन कार्ड से पैसे निकाले गए हैं.

सिविल सर्जन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की जांच की है. सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर शंभू नाथ चौधरी का कहना है कि निश्चित रूप से यह मामला गंभीर है. इस मामले में जांच कर रहे हैं. जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

लोहरदगा: सरकार की महत्वपूर्ण आयुष्मान भारत योजना में घोटाला सामने आया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ गई है. सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया. इसके बाद शहर के कई निजी अस्पतालों में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई.

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अमलीया गांव के दर्जन भर से ज्यादा मरीजों को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. वहां पर आयुष्मान भारत योजना के तहत उन सभी का गोल्डन कार्ड बनाया गया. इसके बाद गोल्डन कार्ड से पैसे की निकासी इलाज के नाम पर की गई. स्वास्थ्य विभाग को जब इस बात की शिकायत मिली, तो विभाग हरकत में आ गया. इससे साफ है कि योजना में भ्रष्टचार के लिए पूरे मामले को अंजाम दिया गया.

छापेमारी में टीम को कई जरूरी जानकारियां हाथ लगी हैं. अब टीम मामले की पूरी जांच और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. बताया जा रहा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरे जिले के एक ही गांव के कई ग्रामीणों को मरीज बनाकर पहले तो निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, फिर उनके गोल्डन कार्ड से पैसे निकाले गए हैं.

सिविल सर्जन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की जांच की है. सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर शंभू नाथ चौधरी का कहना है कि निश्चित रूप से यह मामला गंभीर है. इस मामले में जांच कर रहे हैं. जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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स्टोरी- आयुष्मान भारत योजना में महाघोटाला, एक ही गांव के लोगों को मरीज बनाकर निकाला जा रहा पैसा
बाइट- डॉ. एसएन चौधरी, डीएस, सदर अस्पताल
एंकर- सरकार की महत्वपूर्ण योजना में घोटाला प्रकाश में आया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ गई है. सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के कई निजी अस्पतालों में ताबड़तोड़ छापेमारी की है. छापेमारी में टीम को कई महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे हैं. अब इसके बाद टीम गहराई में जाकर मामले की पूरी जांच और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. बताया जा रहा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरे जिले के एक ही गांव के कई ग्रामीणों को मरीज बनाकर पहले तो निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, फिर उनके गोल्डन कार्ड से पैसे की निकासी की गई है. अब मामला संज्ञान में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है.

इंट्रो- गुमला जिले के अमलीया गांव के दर्जन भर से ज्यादा मरीजों को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. वहां पर आयुष्मान भारत योजना के तहत उन सभी का गोल्डन कार्ड बनाया गया. इसके बाद गोल्डन कार्ड से पैसे की निकासी इलाज के नाम पर की गई है. स्वास्थ्य विभाग को जब इस बात की शिकायत मिली तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. दिलचस्प बात यह है कि एक ही अस्पताल में एक गांव के कई मरीजों के एक साथ भर्ती होने के बावजूद कोई बड़ा कारण सामने नहीं आया. ना तो इन ग्रामीणों को कोई संक्रामक बीमारी हुई थी, ना ही कोई ऐसा मामला ही प्रकाश में आया था कि सभी को एक साथ एक अस्पताल में भर्ती किया जाए. इससे स्पष्ट है कि योजना में लूट को लेकर पूरे मामले को अंजाम दिया गया है. सिविल सर्जन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की जांच की है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर शंभू नाथ चौधरी का कहना है कि निश्चित रूप से यह मामला गंभीर है. इस मामले में जांच कर रहे हैं. जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.Body:गुमला जिले के अमलीया गांव के दर्जन भर से ज्यादा मरीजों को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. वहां पर आयुष्मान भारत योजना के तहत उन सभी का गोल्डन कार्ड बनाया गया. इसके बाद गोल्डन कार्ड से पैसे की निकासी इलाज के नाम पर की गई है. स्वास्थ्य विभाग को जब इस बात की शिकायत मिली तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. दिलचस्प बात यह है कि एक ही अस्पताल में एक गांव के कई मरीजों के एक साथ भर्ती होने के बावजूद कोई बड़ा कारण सामने नहीं आया. ना तो इन ग्रामीणों को कोई संक्रामक बीमारी हुई थी, ना ही कोई ऐसा मामला ही प्रकाश में आया था कि सभी को एक साथ एक अस्पताल में भर्ती किया जाए. इससे स्पष्ट है कि योजना में लूट को लेकर पूरे मामले को अंजाम दिया गया है. सिविल सर्जन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की जांच की है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर शंभू नाथ चौधरी का कहना है कि निश्चित रूप से यह मामला गंभीर है. इस मामले में जांच कर रहे हैं. जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.Conclusion:आयुष्मान भारत योजना के नाम पर एक ही गांव के कई मरीजों को किया गया भर्ती. स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आई.
Last Updated : Jul 19, 2019, 1:08 PM IST

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