गुमला: जिले के बिशनपुर प्रखंड के रहने वाले राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में आज काफी लोगों को विकट परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में शिक्षण-संस्थाओं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से फीस की वसूली करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार कोई ठोस निर्णय ले, ताकि लोगों को राहत मिल सके.
भ्रष्टाचार पर रखें नजर
मनरेगा में भ्रष्टाचार को लेकर राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आते ही भ्रष्टाचार पर विराम लग गया था. हालांकि कई प्रदेशों में अब भी घालमेल किया जा रहा हैै. उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय योजनाओं पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को भी नजर रखनी चाहिए ताकि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार पर तत्काल कार्रवाई हो सके.
ये भी पढ़ें-रांचीः लॉकडाउन में ट्रक चालकों से मांगी जा रही थी रंगदारी, दारोगा ने नहीं की कार्रवाई, SSP ने किया सस्पेंड
नक्सली संगठन फिर हो रहे सक्रिय
समीर उरांव ने कहा कि जब से झारखंड में यूपीए की सरकार बनी है, सूबे की विधि-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. जब इस प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तब यहां नक्सली, उग्रवादी और अपराधी अपने अंतिम दिन गिन रहे थे, लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि वर्चस्व की लड़ाई में अपराधियों के गुट दिनदहाड़े आपस में खून-खराबा कर रहे हैं. उग्रवादी और नक्सली संगठन अब फिर से सक्रिय हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि नक्सली संगठनों ने हाल के दिनों में कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है.