गुमलाः जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के घूगरू पाठ गांव में मॉब लिंचिंग मामले में अब पुलिस की नींद टूटी है. तीसरे दिन पुलिस रामचंद्र का शव लेकर गांव पहुंची. गुमला डीएसपी मनीष चंद्र लाल और घाघरा थाना प्रभारी कुंदन कुमार के साथ पहुंची पुलिस टीम ने ग्रामीणों से मामले की पूछताछ की. पुलिस ने मृतक की पत्नी को उसका शव भी सौंपकर अंतिम संस्कार भी कराया. साथ ही भरोसा दिलाया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
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इससे पहले बीमरला बॉक्साइट माइंस के सुनील होटल के समीप गुरुवार को खादी उरांव नाम के व्यक्ति की गला काटकर हत्या कर दी गई थी. मामले की सूचना मिलने के बाद भी घाघरा पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. बल्कि चौकीदार के माध्यम से शव मंगाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. इसके बाद गांव में ही हत्या के कथित आरोपी रामचंद्र उरांव की ग्रामीणों ने पीट पीटकर हत्या कर दी. इस मामले की सूचना के बाद भी दो दिनों तक पुलिस गांव नहीं पहुंची और केवल चौकीदार को भेज दिया. इसको लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे थे.
ग्रामीणों ने शव लेने से किया इनकार
वारदात के तीसरे दिन शनिवार शाम को डीएसपी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे और मामले की छानबीन की. इस दौरान लोगों ने कहा कि पुलिस का काम सिर्फ पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपना रह गया है और ग्रामीणों ने रामचंद्र का शव लेने से मना कर दिया. लेकिन किसी तरह से पुलिस ने परिजनों का समझाया और उसकी पत्नी को शव सौंपकर अंतिम संस्कार कराया.
पुलिस अपनी तरह से रिपोर्ट लिखाने का बनाती रही दबाव
इससे पहले खादी की हत्या मामले में उसकी बेटी नीलम कुमारी ने बताया कि थाने में हत्या में शामिल लोगों का नाम बताती रही लेकिन पुलिस वाले यह कहते रहे कि किसी का नाम मत दो. जांच के दरमियान हम लोग उसका नाम लाएंगे और उसे पकड़ कर जेल भेज देंगे, तुम लोग चिंता न करो. नीलम का आरोप है कि हत्या के बाद अगर पुलिस घटनास्थल पर जाकर पूरे मामले की जांच करती तो कई सबूत पुलिस को मिल सकते थे, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. पुलिस की इसी लापरवाही से गांव में दूसरी वारदात हुई.
थाने में बैठकर ग्रामीणों से कराई जांच
खादी उरांव की बेटी ने बताया कि हत्या के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए चौकीदार के माध्यम से मंगवाया था. बाद में थाने से ही घटनास्थल को लेकर मोबाइल में तस्वीर देखकर पंचनामा तैयार कराया. मृतक की बेटी नीलम कुमारी ने बताया कि हत्या के स्थल से पुलिस ने तस्वीर खींचने के लिए कहा था, मोबाइल में हमने तस्वीर खींच कर ला दिया, उसी तस्वीर के माध्यम से पंचनामा तैयार करके पोस्टमार्टम कराया गया. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही से ही रामचंद्र की मौत हुई.
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भाजपा नेता ने की पुलिस की निंदा
भाजपा जिला मंत्री संजय साहू ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. साहू का कहना है कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर खत्म हो चुका है. उन्होंने सरकार से इस्तीफे की मांग की है.
इधर डीएसपी मनीष चन्द्र लाल ने बताया कि महिला से अवैध संबंध के शक में खादी की हत्या कर दी गई थी. नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि खादी की हत्या के बाद रामचंद्र के जूते और शरीर में खून लगे होने के बाद ग्रामीणों को उस पर शक हो गया था. इसके बाद ग्रमीणों ने बैठक में पूछताछ के बाद मारपीट की.
एसपी ने यह बताई मॉब लिंचिंग की परिभाषा
डीएसपी ने पुलिस के तीसरे दिन गांव जाने संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि नक्सल प्रभावित एरिया के संबंध में डायरेक्शन है कि ऐसी जगहों पर बारीकी से छानबीन कर ही फोर्स मूवमेंट करे. डीएसपी ने कहा कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले में गुमला एसपी एच जनार्दन ने कहा कि आरोपी रामचंद्र के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी. सूचना पर चौकीदार पहुंचा था और उसे बचा कर फिकेट लाया. यहां उसकी मौत हो गई. खादी के परिजनों ने रामचंद्र को हत्यारोपी समझकर मारपीट की, चूंकि दोनों के बीच खटपट चल रही थी इसे मॉब लिंचिंग नहीं कह सकते.