गुमला: जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर डूमरला गांव में स्थित सरकारी विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण ग्रामीण अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. इसी चिंता के कारण ग्रामीण एकजुट होकर जिले के उपायुक्त से विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की मांग की.
ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण उनके बच्चों का भविष्य खराब होता दिख रहा है. वे इतने संपन्न नहीं है कि अपने बच्चों को गांव से शहर के बड़े और महंगे विद्यालयों में पढ़ाने के लिए भेज सकें.
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विद्यालय में शिक्षक की कमी
डुमरला स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है, जहां छात्र-छात्राओं की संख्या 254 है. अभिभावकों का कहना है कि इस वर्ष से आठवीं बोर्ड की परीक्षा ली जा रही है और गांव के विद्यालय में गणित, इंग्लिश और विज्ञान के शिक्षक नहीं है. वर्तमान में विद्यालय में 4 शिक्षक हैं, जिसमें 2 शिक्षक नियमित हैं और दो पारा शिक्षक हैं. ये शिक्षक पांचवी से ऊपर के कक्षा को सही तरीके से नहीं पढ़ा पाते हैं. अभिभावकों ने कहा कि छठी से आठवीं तक की कक्षा के लिए अच्छे शिक्षकों की मांग हम कर रहे हैं. ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि वे अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं, लेकिन विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. वे चाहती हैं कि उनके बच्चे पढ़ कर सफल हो और बड़े ओहदे पर जाएं. महिलाओं ने कहा कि सरकार कहती है कि बेटी पढ़ाओ लेकिन विद्यालय में शिक्षक ही नहीं है तो बेटियों को पढ़ाएगा कौन. सरकार को सिर्फ ग्रामीणों का वोट चाहिए उन्हें जनता से कोई सरोकार ही नहीं है.
ग्रामीणों के इस समस्या पर जिले के उपायुक्त ने कहा कि विद्यालय प्रबंधक की कमिटी ने मिलकर विद्यालय संबंधित समस्याओं से अवगत कराया है. जल्द ही इस पर बैठक कर छात्रों की संख्या को देखते हुए उस विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाएगी.