गुमला: जिले में जल्द ही राष्ट्रीय क्रेच योजना प्रारंभ होगी. राष्ट्रीय क्रेच योजना की शुरुआत में इस योजना का संचालन जिले के सभी 12 प्रखंडों में किया जाएगा. योजना का संचालन जिले के योग्य महिला मंडल सखी मंडल द्वारा किया जाएगा. कामकाजी माताओं के बच्चों के लिए राष्ट्रीय क्रेच योजना की अप्रैल-मई में शुरु होगी. इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में एक-एक सेंटर खोला जाएगा जो किराये या खाली सरकारी भवनों में संचालित की जाएगी.
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जिसकी शुरुआत में योजना का संचालन जिले के योग्य महिला मंडल सखी मंडल द्वारा किया जाएगा यदि उस प्रखंड में योग्य सखी मंडल नहीं मिलता है तो स्वयंसेवी संस्थानों को इसका संचालन का जिम्मा दिया जाएगा.
उक्त बातों की जानकारी देते हुए समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने बताया कि गुमला जिला से 12 सखी महिला मंडल ने प्रस्ताव अब तक भेजा है जिनमें गुमला जिला के विभिन्न प्रखंडों में राष्ट्रीय क्रेच योजना के संचालन के लिए जिनमें डुमरी से सदा बहार आजीविका सखी मंडल,गुमला सदर प्रखंड से भगवती महिला मंडल फासिया, पालकोट से कुसुम महिला मंडल कामडारा से दुर्गा आजीविका सखी मंडल, रायडीह से रिचा महिला मंडल, बसिया से आस्था महिला मंडल भरनों से वैष्णवी आजीविका सखी मंडल,सिसई से दिव्य ज्योति स्वयं सहायता समूह, घाघरा से प्राकृतिक महिला मंडल बिशुनपुर से सरना महिला समिति,चैनपुर से सांवरिया आजीविका सखी मंडल व जारी से कमल/ खुशी आदि ने प्रस्ताव भेजा है.
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इन सभी का चयन गुमला उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा किया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य है कि कामकाजी माताओं के 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों की दिनभर देखभाल और सुविधाएं प्रदान करना है
बता दें कि जिले में ऐसे हजारों महिलाएं कामकाजी होंगी जो मजदूरी और रेजा कुली की काम करती हैं. खेतों में किसानी की भी काम करती हैं और छोटे बच्चे को लेकर साथ में काम करना काफी कठिन परेशानियों से जूझना होता है उनके लिए यह बहुत ही लाभदायक या कारगर योजना होगी.
वही समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया की राष्ट्रीय क्रेच योजना के तहत जिला के सभी 12 प्रखंड में एक एक सेंटर होगा जहां कामकाजी माताओं के बच्चों में 6 माह से लेकर 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों की दिनभर देखभाल की सुविधाएं प्रदान की जाएगी, जिसके तहत भोजन, चिकित्सीय सुविधा के साथ साथ खेल-खेल में शिक्षा देने की भी व्यवस्था होगी.
वहीं उन्होंने बताया है कि सरकार की स्वीकृति के साथ ही अप्रैल मई से इसकी शुरूआत की जाएगी. शुरुआत में चयनित महिला मंडल द्वारा सर्वे कराया जाएगा जिसके बाद सरकारी गाइड लाइन अनुसार भवन का जहां बिजली, पानी चिकित्सा आदि सुविधा उपलब्ध हो.