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कोविड-19: हैदराबाद से 1300 किमी पैदल चलकर गुमला पहुंचे मजदूर, जाना है रामगढ़ - हैदराबाद से रामगढ़ के लिए पैदल निकले मजदूर

एक महीने से पैदल ही हैदराबाद से अपने घर की तरफ निकले मजदूरों को रामगढ़ जाना है. उन्होंने गुमला तक की दूरी तय की है. वहीं, जिला पहुंचने पर प्रशासन की नजर इनपर पड़ी. प्रशासन ने सभी मजदूरों को स्वास्थ्य जांच के लिए भेज दिया है.

Laborers on foot from hyderabad for hometown
हैदराबाद से पैदल निकले मजदूर
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Published : May 10, 2020, 3:30 PM IST

गुमला: कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी की वजह से साधन संपन्न लोग तो अपने घरों में सुरक्षित हैं. मगर दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मजदूरों की मजदूरी ऐसी हुई कि वे तेलंगाना से झारखंड के लिए पैदल ही निकल गए. करीब 20 की संख्या में सभी मजदूर एक महीने पूर्व हैदराबाद से पैदल ही अपने घर के लिए कूच कर गए थे जिसके बाद शनिवार देर शाम सभी गुमला पहुंचे हैं. इन मजदूरों को रामगढ़ जिला जाना है.

देखें पूरी खबर

देर शाम सभी मजदूर पैदल ही गुमला पहुंचे तो गुमला में प्रवेश करने के साथ ही जिला प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए नगर भवन में बनाए गए शिविर ले आए. जहां सभी मजदूरों का स्वास्थ्य जांच किया जाएगा. अगर मजदूरों में कोई पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं आती है तो फिर उन्हें उनके जिलों के लिए जिला प्रशासन घर भेजा देगा. लेकिन यहां बड़ा सवाल यह भी है कि सभी मजदूरों ने लगातार एक महीने तक अपनी पैदल यात्रा जारी रखी, इसके बावजूद इन मजदूरों को कहीं भी रोक कर इनके स्वास्थ्य का परीक्षण नहीं किया गया जबकि जहां से सभी मजदूर चले हैं वह जगह रेड जोन एरिया भी हो सकता है.

ये भी पढ़ें-रांचीः कंटेनमेंट जोन में तैनात पुलिसकर्मियों को किया गया सम्मानित, SP ने किया पुरस्कृत

मजदूरों ने बताया कि वह हैदराबाद में रहकर कोई चालक का तो कोई हेल्पर का तो कोई कुछ और दैनिक कार्य करते थे जहां उनकी दो वक्त की रोजी-रोटी का जुगाड़ होता था. मगर लॉकडाउन की वजह से उन्हें बेरोजगारी झेलनी पड़ी और जब भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो वे वहां से पैदल ही अपने घर के लिए निकल गए. मजदूरों ने बताया कि 2 अप्रैल को सभी पैदल ही निकले हैं. बीच में 25 से 50 किलोमीटर कोई गाड़ी में बैठकर यात्रा करते थे, लेकिन अधिकांशतः उन्होंने पैदल यात्रा की है.

गुमला: कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी की वजह से साधन संपन्न लोग तो अपने घरों में सुरक्षित हैं. मगर दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मजदूरों की मजदूरी ऐसी हुई कि वे तेलंगाना से झारखंड के लिए पैदल ही निकल गए. करीब 20 की संख्या में सभी मजदूर एक महीने पूर्व हैदराबाद से पैदल ही अपने घर के लिए कूच कर गए थे जिसके बाद शनिवार देर शाम सभी गुमला पहुंचे हैं. इन मजदूरों को रामगढ़ जिला जाना है.

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देर शाम सभी मजदूर पैदल ही गुमला पहुंचे तो गुमला में प्रवेश करने के साथ ही जिला प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए नगर भवन में बनाए गए शिविर ले आए. जहां सभी मजदूरों का स्वास्थ्य जांच किया जाएगा. अगर मजदूरों में कोई पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं आती है तो फिर उन्हें उनके जिलों के लिए जिला प्रशासन घर भेजा देगा. लेकिन यहां बड़ा सवाल यह भी है कि सभी मजदूरों ने लगातार एक महीने तक अपनी पैदल यात्रा जारी रखी, इसके बावजूद इन मजदूरों को कहीं भी रोक कर इनके स्वास्थ्य का परीक्षण नहीं किया गया जबकि जहां से सभी मजदूर चले हैं वह जगह रेड जोन एरिया भी हो सकता है.

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मजदूरों ने बताया कि वह हैदराबाद में रहकर कोई चालक का तो कोई हेल्पर का तो कोई कुछ और दैनिक कार्य करते थे जहां उनकी दो वक्त की रोजी-रोटी का जुगाड़ होता था. मगर लॉकडाउन की वजह से उन्हें बेरोजगारी झेलनी पड़ी और जब भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो वे वहां से पैदल ही अपने घर के लिए निकल गए. मजदूरों ने बताया कि 2 अप्रैल को सभी पैदल ही निकले हैं. बीच में 25 से 50 किलोमीटर कोई गाड़ी में बैठकर यात्रा करते थे, लेकिन अधिकांशतः उन्होंने पैदल यात्रा की है.

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