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सीआरपीएफ जवान सुनील कुजूर को नम आंखों से दी गई विदाई, पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार

गुमला के CRPF jawan Sunil Kujur को राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से विदाई दी गई. पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया. वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे.

Last rites of CRPF jawan Sunil Kujur
Last rites of CRPF jawan Sunil Kujur
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Published : Aug 27, 2022, 10:18 AM IST

गुमला: जिला के डुमरी प्रखंड के सीआरपीएफ जवान सुनील कुजूर को भावभीनी नम आंखों से राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई. जिसके बाद उनके गांव बेलगांव स्थित कब्रिस्तान में उनका अंतिम संस्कार (Last rites of CRPF jawan Sunil Kujur ) किया गया. उनके अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों लोग शामिल हुए. इस मौके पर नवाडीह चर्च के पल्ली पुरोहित फादर पिंगल कुजूर के द्वारा कब्रिस्तान में अंतिम मिस्सा और विनती प्रार्थना की गयी.

इसे भी पढ़ें: लौहनगरी के लाल किशन दुबे ने पाकिस्तान से लड़ते हुए दी थी जान, केंद्र सरकार ने वीरता पदक देने का किया एलान

शहीद जवान का पार्थिव शरीर को तिरंगे झंडे में सम्मान के साथ लपेट कर सीआरपीएफ के जवानों द्वारा कंधे पर लादकर घर से निकाला गया. इस मौके पर सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सुमित सोरेन ने कहा कि हमने अपना एक अच्छा और सच्चा जवान खो दिया, जिसका हमें बेहद अफसोस है. सीआरपीएफ जवान सुनील कुजूर की उम्र महज 53 साल थी. जवान अपने पीछे पत्नी के अलावा दो बेटे और दो बेटी छोड़ कर गए हैं.

कैंसर से थे पीड़ित: जवान तीन माह से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. इसे लेकर मुंबई अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां बुधवार को उनकी मृत्यु हो गई. जवान के शव को मुंबई से रांची एयर एंबुलेस से लाया गया. उसके बाद कंपनी की गाड़ी शव को लेकर उनके पैतृक गांव पहुंची, जहां राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गयी. इस मौके पर थाना प्रभारी मनीष कुमार, सहित जवान और सैकड़ों की संख्या ग्रामीण उपस्थित रहे.

गुमला: जिला के डुमरी प्रखंड के सीआरपीएफ जवान सुनील कुजूर को भावभीनी नम आंखों से राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई. जिसके बाद उनके गांव बेलगांव स्थित कब्रिस्तान में उनका अंतिम संस्कार (Last rites of CRPF jawan Sunil Kujur ) किया गया. उनके अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों लोग शामिल हुए. इस मौके पर नवाडीह चर्च के पल्ली पुरोहित फादर पिंगल कुजूर के द्वारा कब्रिस्तान में अंतिम मिस्सा और विनती प्रार्थना की गयी.

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शहीद जवान का पार्थिव शरीर को तिरंगे झंडे में सम्मान के साथ लपेट कर सीआरपीएफ के जवानों द्वारा कंधे पर लादकर घर से निकाला गया. इस मौके पर सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सुमित सोरेन ने कहा कि हमने अपना एक अच्छा और सच्चा जवान खो दिया, जिसका हमें बेहद अफसोस है. सीआरपीएफ जवान सुनील कुजूर की उम्र महज 53 साल थी. जवान अपने पीछे पत्नी के अलावा दो बेटे और दो बेटी छोड़ कर गए हैं.

कैंसर से थे पीड़ित: जवान तीन माह से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. इसे लेकर मुंबई अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां बुधवार को उनकी मृत्यु हो गई. जवान के शव को मुंबई से रांची एयर एंबुलेस से लाया गया. उसके बाद कंपनी की गाड़ी शव को लेकर उनके पैतृक गांव पहुंची, जहां राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गयी. इस मौके पर थाना प्रभारी मनीष कुमार, सहित जवान और सैकड़ों की संख्या ग्रामीण उपस्थित रहे.

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