गुमला: सूबे की सरकार विकास योजनाओं में बिचौलियापन खत्म कर लाभुकों को योजनाओं का लाभ देने की बात करती है. लेकिन गुमला में विकास योजना में बिचौलियों के बगैर कोई काम नहीं हो रहा है. भूमि संरक्षण विभाग से जो सरकारी और निजी तालाबों का जीर्णोद्धार का काम चल रहा है उसमें बिचौलियों के द्वारा कार्य कराया जा रहा है.
राज्यादेश में जून माह तक ही मिट्टी का काम करने का आदेश है. लेकिन यहां बिचौलियों के द्वारा 22 जुलाई तक मिट्टी का काम कराया गया है. दरअसल, भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा घाघरा प्रखंड क्षेत्र के नौडीहा पंचायत के महुआटोली में हरिया उरांव नाम के एक किसान के तालाब का जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है. लेकिन इसमें लाभुक किसान हरिया उरांव एक बार भी भूमि संरक्षण विभाग के कार्यालय में नहीं गया है. बावजूद इसके विभाग के द्वारा उसके तालाब का जीर्णोद्धार कार्य का रिकॉर्ड खोल दिया गया.
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लाभुक से लिए 26 ब्लैंक चेक
लाभुक किसान का कहना है कि उसके तालाब में हो रहे जीर्णोद्धार कार्य के लागत के बारे में उसे कुछ भी पता नहीं है. उसने बताया कि लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के रहने वाले जितेंद्र नाम के एक व्यक्ति है जो उसके तालाब का काम करा रहा है. जितेंद्र से कई बार योजना स्थल पर कार्य संबंधित बोर्ड लगाने के लिए कहा गया मगर बोर्ड भी नहीं लगाया गया.
लाभुक किसान हरिया उरांव ने बताया कि वह अनपढ़ है, किसी तरह अपना हस्ताक्षर कर लेता है. इसका फायदा उठाकर बिचौलिए ने उससे योजना के लिए खोले गए बैंक खाता के 26 ब्लैंक चेक पर साइन करा कर अपने पास रख लिया है.
विभाग ने दिया कार्रवाई का भरोसा
इस मामले पर जो भूमि संरक्षण विभाग के पदाधिकारी ने इसकी कुल लागत 15 लाख 88 हजार 800 रूपये बताए. इसमें विभाग की ओर से 14 लाख 29 हजार 920 रुपये की राशि दी जाएगी. जबकि इसमें लाभ के द्वारा 10% की राशि 1लाख 58 हजार 880 रुपया देय होगा.वहीं, भूमि संरक्षण विभाग में बिचौलियों के द्वारा कराए जा रहे विकास के काम और लाभुक से 26 ब्लैंक चेक लिए जाने के बारे में जब विभाग के वरीय पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके द्वारा इस मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पर कार्रवाई भी की जाएगी.