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झारखंड में जन्में थे हनुमान, गुमला के इस धाम में अंजनी माता की गोद में बैठे हैं महावीर

गुमला जिला मुख्यालय से तकरीबन अठारह किलोमीटर दूर है आंजन धाम. शास्त्रों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को यहीं पर पवन पुत्र हनुमान का जन्म हुआ है. ऐसी मान्यता है क‍ि माता अंजनी के नाम से ही गुमला जिले के इस गांव का नाम आंजन पड़ा है.

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Published : Apr 19, 2019, 1:30 PM IST

Updated : Apr 19, 2019, 4:43 PM IST

माता अंजनी की गोद में हनुमान

गुमलाः देशभर में हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. मान्यता है कि हनुमान आज भी जीवित हैं. इन्हें संकट मोचन भी कहते हैं और इनके स्मरण मात्र से सारे संकट दूर हो जाते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार इनका जन्म झारखंड के गुमला जिले में हुआ है, यहां आंजन धाम में हनुमान की अनूठी प्रतिमा हैं.

गुमला जिला मुख्यालय से तकरीबन अठारह किलोमीटर दूर है आंजन धाम. शास्त्रों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को यहीं पर पवन पुत्र हनुमान का जन्म हुआ है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया था. असुरों से अमृत को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर लीला रची. मोहिनी रूप पर भगवान शिव भी कामातुर हो गए. शिव के के अंश को पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया और फिर हनुमान का जन्म हुआ.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

ग्रामीणों के अनुसार ऐसी मान्यता है क‍ि माता अंजनी के नाम से ही गुमला जिले के इस गांव का नाम आंजन पड़ा। आंजन धाम के मंदिर में बाल हनुमान माता अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं. देश में इस तरह की ये एकमात्र प्रतिमा है. जिस गुफा में हनुमान का जन्म हुआ, अब उसका दरवाजा बंद हो चुका है. मान्यता है कि माता अंजनी ने इसे स्वयं बंद कर लिया था क्योंकि वो स्थानीय लोगों द्वारा दी गई बलि से नाराज थीं. आंजन धाम में 1953 में श्रद्धालुओं ने मंदिर की स्थापना की. इसके बाद इसकी ख्याति दूर-दराज के लोगों तक पहुंची और यहां लोग मनोकामना लेकर देशभर से पहुंचने लगे.

पुजारियों ने बताया कि हनुमान को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है. हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान राम की भक्ति और सेवा में समर्पित कर दिया. हनुमान को सिंदूर बेहद प्रिय है और सुंदर कांड के पाठ से वे सभी मंगल कामनाएं पूरी कर देते हैं. सरल हृदय महावीर के स्मरण से भय और विपदाओं का नाश हो जाता है.

गुमलाः देशभर में हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. मान्यता है कि हनुमान आज भी जीवित हैं. इन्हें संकट मोचन भी कहते हैं और इनके स्मरण मात्र से सारे संकट दूर हो जाते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार इनका जन्म झारखंड के गुमला जिले में हुआ है, यहां आंजन धाम में हनुमान की अनूठी प्रतिमा हैं.

गुमला जिला मुख्यालय से तकरीबन अठारह किलोमीटर दूर है आंजन धाम. शास्त्रों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को यहीं पर पवन पुत्र हनुमान का जन्म हुआ है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया था. असुरों से अमृत को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर लीला रची. मोहिनी रूप पर भगवान शिव भी कामातुर हो गए. शिव के के अंश को पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया और फिर हनुमान का जन्म हुआ.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

ग्रामीणों के अनुसार ऐसी मान्यता है क‍ि माता अंजनी के नाम से ही गुमला जिले के इस गांव का नाम आंजन पड़ा। आंजन धाम के मंदिर में बाल हनुमान माता अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं. देश में इस तरह की ये एकमात्र प्रतिमा है. जिस गुफा में हनुमान का जन्म हुआ, अब उसका दरवाजा बंद हो चुका है. मान्यता है कि माता अंजनी ने इसे स्वयं बंद कर लिया था क्योंकि वो स्थानीय लोगों द्वारा दी गई बलि से नाराज थीं. आंजन धाम में 1953 में श्रद्धालुओं ने मंदिर की स्थापना की. इसके बाद इसकी ख्याति दूर-दराज के लोगों तक पहुंची और यहां लोग मनोकामना लेकर देशभर से पहुंचने लगे.

पुजारियों ने बताया कि हनुमान को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है. हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान राम की भक्ति और सेवा में समर्पित कर दिया. हनुमान को सिंदूर बेहद प्रिय है और सुंदर कांड के पाठ से वे सभी मंगल कामनाएं पूरी कर देते हैं. सरल हृदय महावीर के स्मरण से भय और विपदाओं का नाश हो जाता है.

Intro:गुमला : रामनवमी पर्व को लेकर पुलिस पूरी तरह से तैयार है। यदि किसी असामाजिक तत्वों के द्वारा जुलूस के दौरान विघ्न डाला जाता है या किसी उपद्रवियों के द्वारा उपद्रव किया जाता है , तो उसे गुमला पुलिस किसी भी परिस्थिति में छोड़ने वाली नहीं है । इसी को लेकर आज गुमला के पुलिस लाइन में नेतरहाट में प्रशिक्षु 50 सब इंस्पेक्टर ,एसआईआरबी के 50 जवान एवं जिला बल के पुलिस जवानो के द्वारा उपद्रवियों से निपटने के लिए तैयारियां की।


Body:पुलिस लाइन में मेजर ने जिला बल के जवान , प्रशिक्षु 50 सब इंस्पेक्टर ,सहायक पुलिस बल एवमं एसआईआरबी के जवानों को उपद्रवियों से निपटने की जानकारियां दी गई । इसके साथ ही जवानों को यह बताया गया कि यदि किसी प्रकार परिस्थितियां गड़बड़ होती है तो ऐसे में पुलिस के वरीय अधिकारियों के आदेश की कितनी जरूरत होगी । जिसके बाद उपद्रवियों पर कार्रवाई की जा सके । उन्हें यह भी बताया गया आत्मरक्षार्थ अगर किसी परिस्थिति से निपटना हो तो ऐसी स्थिति में आपको करना क्या है । पुलिस लाइन में जवानों को प्रशिक्षण देने के बाद सभी जवानों को गुमला शहर लाया गया । जो पुलिस के वरीय अधिकारियों की अगुवाई में शहर के विभिन्न मार्गो में फ्लैग मार्च किया । इस फ्लैग मार्च से उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों को पुलिस कितनी तैयार है यह संदेश देना था ।


Conclusion:पुलिस लाइन के सार्जेंट मेजर ने बताया कि रामनवमी को लेकर गुमला में उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों के द्वारा अगर किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न की जाती है या किसी प्रकार का उपद्रव किया जाता है तो उसे सख्ती से निपटा जाएगा । इसके साथ ही अगर कोई बड़ी समस्या उत्पन्न होती है तो उन परिस्थितियों से भी पुलिस पूरी तरह से निपटने के लिए तैयार है । और इसी को लेकर आज पुलिस लाइन में जवानों को प्रशिक्षण किया गया और शहर में फ्लैग मार्च निकाला गया । फ्लैग मार्च के माध्यम से असामाजिक तत्वों और उपद्रवियों के बीच पुलिस का खौफ जगाना था । और आम नागरिकों को यह संदेश देना था कि गुमला पुलिस आपकी सुरक्षा में पूरी तरह से तत्पर है ।

बाईट : प्रणव कुमार ( सार्जेंट मेजर ,पुलिस लाईन गुमला )
Last Updated : Apr 19, 2019, 4:43 PM IST
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